NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
लखीमपुर हिंसा की जांच से सुप्रीम कोर्ट नाख़ुश, हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की निगरानी का सुझाव
पीठ ने आरोपपत्र दाखिल किए जाने तक जांच की निगरानी करने के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश राकेश कुमार जैन या न्यायमूर्ति रंजीत सिंह के नाम का सुझाव दिया। पीठ ने कहा कि मामले की ‘‘जांच उनकी अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो रही है।’’
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
08 Nov 2021
SC

नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में एक बार फिर उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है और जांच को लेकर नाख़ुशी जाहिर की। कोर्ट ने कहा कि जांच उनकी अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो रही है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा की जा रही जांच उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की निगरानी में कराने का सुझाव दिया।

लखीमपुर में तीन अक्टूबर किसानों के प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी।

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और गरिमा प्रसाद को शुक्रवार तक मामले पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

पीठ ने आरोपपत्र दाखिल किए जाने तक जांच की निगरानी करने के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश राकेश कुमार जैन या न्यायमूर्ति रंजीत सिंह के नाम का सुझाव दिया।

पीठ ने कहा कि मामले की ‘‘जांच उनकी अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो रही है।’’

पीठ ने मामले में गठित एसआईटी पर भी सवाल उठाए और कहा कि इस मामले की जांच कर रही एसआईटी दोनों एफआईआर के बीच अंतर नहीं कर पा रही है। पीठ ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि एक आरोपी को बचाने के लिए दूसरी एफआईआर में एक तरह से सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं।

अदालत ने साफ कहा कि केस में दर्ज दोनों FIR में किसी तरह का घाल-मेल नहीं होना चाहिए। अब मामले पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।

शीर्ष अदालत ने वीडियो साक्ष्य के संबंध में ‘फोरेंसिक रिपोर्ट’ में देरी का भी संज्ञान लिया।

इससे पहले, न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को साक्षी संरक्षण योजना, 2018 के तहत मामले के गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने, गवाहों के बयान दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराने और और ‘डिजिटल’ साक्ष्यों की विशेषज्ञों द्वारा जल्द जांच कराने का निर्देश दिया था।

पुलिस ने मामले में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

गौरतलब है कि किसानों का एक समूह उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा के खिलाफ तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था, तभी लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी (कार) ने चार किसानों को कुचल दिया। इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी थी, जबकि हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई। इस मामले में सामने आए कुछ वीडियो के बाद अब लगभग यह भी साफ हो गया है कि पत्रकार की मौत भी गाड़ी से कुचलकर ही हुई थी।

किसान नेताओं ने यह भी दावा किया है कि उस वाहन में मंत्री पुत्र आशीष भी था, जिसने प्रदर्शनकारियों को कुचला था, लेकिन मंत्री ने आरोपों से इनकार किया है। किसान इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की गिरफ़्तारी और कैबिनेट से उनकी बर्ख़ास्तगी की भी मांग कर रहे हैं।

Supreme Court
Lakhimpur Kheri
Lakhimpur massacre
UP police
UP Government
Yogi Adityanath

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता: भीमा कोरेगाँव
    29 May 2022
    भीमा नदी के जल से सिंचित/ चाँदनी के फूल… / वे इनकार करना चाहते हैं इस्तेमाल होने से/ पैरों में बिछने से, गले का हार बनने से/ और बिस्तर पर बिछाये जाने से।
  • कुमुदिनी पति
    विशेष: क्यों प्रासंगिक हैं आज राजा राममोहन रॉय
    29 May 2022
    वर्तमान समय में महिलाओं की आज़ादी पर सबसे अधिक हमले हो रहे हैं…, इतिहास के साथ छेड़छाड़ हो रही है। कमज़ोर, दलित और अल्पसंख्यक भय के वातावरण में जी रहे हैं। यह वैसा ही अंधकारमय युग है जैसा राममोहन रॉय ने…
  • एम.ओबैद
    बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया
    28 May 2022
    बिहार के समस्तीपुर ज़िले के एक पंचायत में 192 राशन कार्ड रद्द किया गया है। इसमें वह ग़रीब विधवा महिला भी शामिल हैं जो आंखों से देख नहीं सकती हैं।
  • असद रिज़वी
    यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन
    28 May 2022
    राज्य कर्मचारियों ने अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के 70 जिलों में विरोध दिवस मनाया। कर्मचारी नेताओं ने देश में बढ़ती सांप्रदायिकता पर भी चिंता जताई और आह्वान किया कि…
  • रौनक छाबड़ा
    सरकार ने किया नई रक्षा कंपनियों द्वारा मुनाफ़ा कमाए जाने का दावा, रक्षा श्रमिक संघों ने कहा- दावा भ्रामक है 
    28 May 2022
    सरकार ने दावा किया है कि नव गठित रक्षा कंपनियों ने मुनाफ़ा अर्जित किया है, इसके बाद मान्यता प्राप्त रक्षा कर्मचारी संघों ने इसे “अनुचित” और “अर्ध-सत्य को प्रचारित” करने वाला बताया है। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License