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सीरिया : सुरक्षा बलों ने इदलिब में विद्रोहियों के क़ब्ज़े वाले एक महत्वपूर्ण शहर पर नियंत्रण किया
इदलिब देश का आख़िरी विद्रोही क़ब्ज़े वाला इलाक़ा है। अगर यह आज़ाद हो जाता है तो सीरिया में 9 साल से चल रहा युद्ध ख़त्म हो जाएगा।
पीपल्स डिस्पैच
07 Feb 2020
syria

सीरिया सरकार के सुरक्षा बलों ने विद्रोहियों के क़ब्ज़े वाले इदलिब प्रांत के एक प्रमुख शहर को नियंत्रण में ले लिया है। सीरिया की अरब न्यूज़ एजेंसी के अनुसार 6 फ़रवरी को, सीरिया के सुरक्षा बल सराक़ेब और आसपास के गांवों-क़स्बों में घुस गए और और सराक़ेब-अलीपो हाईवे को नियंत्रण में ले लिया। सराक़ेब इदलिब शहर से महज़ 15 किलोमीटर दूर है, और यह राजधानी डमस्कस और देश के उत्तरी क्षेत्र को जोड़ने वाला मुख्य बिंदु भी है।

इदलिब पर पूर्व अल-क़ायदा सहयोगी हयात ताहिर अल-शाम (एचटीएस) बलों का नियंत्रण है। सीरिया ने पिछले साल दिसंबर में इस क्षेत्र को मुक्त करने के लिए एक आक्रामक अभियान शुरू किया था। तुर्की जो एचटीएस बलों का समर्थन करता है, का दावा है कि आक्रामक देश में सीरियाई शरणार्थियों के नए आगमन को जन्म दे सकता है। तुर्की इसे तुर्की और रूस के बीच हुए युद्ध विराम समझौते का उल्लंघन भी कहता है।

रूस और तुर्की के बीच युद्ध विराम सौदा 12 जनवरी को किया गया था। हालांकि, रूस और सीरियाई बलों का दावा है कि इसके संरक्षण में तुर्की और विद्रोही बल संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहे हैं और सीरियाई बलों पर हमला कर रहे हैं।

3 फ़रवरी को एचटीएस और सीरियाई बलों के बीच मोर्चा संभाल रहे तुर्की के आठ सैनिक सीरियाई बलों के एक हमले में मारे गए थे। तुर्की ने लगभग 30 सीरियाई सैनिकों को मारकर तुरंत जवाबी कार्रवाई की।

सीरिया ने यह भी दावा किया है कि गुरुवार 6 फ़रवरी को इदलिब में तुर्की एयरस्ट्राइक में 15 नागरिक भी मारे गए थे। सीरिया ने यह भी दावा किया है कि 6 फरवरी को इज़रायल ने राजधानी डमस्कस और डेर्रा और क्यूनित्रा के दक्षिणी क्षेत्रों के पास के क्षेत्रों को निशाना बनाते हुए दो राउंड मिसाइलों से भी हमला किया था।

सीरिया सरकार के समर्थन वाले रूसी सुरक्षा बल की कोशिश है कि वो इदलिब पर नियंत्रण वापस ले ले, ताकि उससे 9 साल से चल रहा युद्ध ख़त्म किया जा सके। इस जंग में अब तक सैंकड़ों हज़ार लोग मारे जा चुके हैं और लगभग 7 मिलियन सीरियावासियों को देश छोड़ कर जाना पड़ा है, जो अब तुर्की और अन्य देशों में अमानवीय हालात में जीने को मजबूर हैं।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

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