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कानून
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तमिलनाडु: पीएसबीबी स्कूल के छात्रों  ने साझा किए यौन उत्पीड़न के भयानक वृत्तांत, दक्षिणपंथी संगठनों ने किया स्कूल का ‘समर्थन’
स्कूल प्रबंधन परस्पर विरोधी वक्तव्य दे रहा है। पहले उसने ऐसे किसी मामले से इनकार किया, लेकिन विवाद के तूल पकड़ने पर कहा कि इस बारे में उसे कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। 
नीलाम्बरन ए
27 May 2021
तमिलनाडु: पीएसबीबी स्कूल के छात्रों  ने साझा किए यौन उत्पीड़न के भयानक वृत्तांत, दक्षिणपंथी संगठनों ने किया स्कूल का ‘समर्थन’
चित्र सौजन्य: फेसबुक 

चेन्नई में पद्म शेषाद्रि बाल भवन (पीएसबीबी) की प्रसिद्ध श्रृंखला वाला स्कूल एक बड़े विवाद में फंस गया है। इसके एक शिक्षक पर छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए हैं। स्कूल ने पहले तो ऐसे किसी मामले को अपने संज्ञान में लाए जाने से ही इनकार कर दिया। बाद में कहा कि प्रबंधन को इस बारे में कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। हालांकि, प्रबंधन ने एक प्रेस वक्तव्य जारी कर कहा कि उस आरोपित टीचर को निलंबित कर दिया गया है।

विवाद के तूल पकड़ने पर उस शिक्षक को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है। सोशल मीडिया पर पीड़ित छात्राओं के लिए न्याय की मांग हो रही है और इसमें प्रबंधन की जवाबदेही तय करने पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में, दक्षिणपंथी कार्यकर्ता, जिनमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ नेता भी शामिल हैं, वे कथित रूप से स्कूल का समर्थन कर रहे हैं। 

कई छात्राओं द्वारा उस शिक्षक पर यौन उत्पीड़न की संगीन शिकायतों को देखते हुए आरोपित शिक्षक को 25 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। इस बीच,  राज्य सरकार ने भी पीएसबीबी स्कूल की  छात्राओं की शिकायत के मद्देनजर मामले की जांच के लिए  एक कमेटी के गठन का निर्णय किया है। 

पूर्व छात्राओं ने भी किया यौन उत्पीड़न मामले का खुलासा 

पीएसबीबी स्कूल में कॉमर्स पढ़ाने वाले शिक्षक के विरुद्ध यौन उत्पीड़न का यह विवाद जैसे ही उभर कर आया, दक्षिणपंथी समूहों और उनके नेता स्कूल के समर्थन में उतर आए। स्कूल की एक पूर्व छात्रा ने भी यौन उत्पीड़न के बारे में बताया। उसने स्क्रीनशॉटस के जरिए उस शिक्षक और छात्राओं के चैट के इन वाकयात को साझा किया। 

अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनीतिकों और पार्टियों ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने और घटना की विस्तृत जांच की मांग की है। 
ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वूमेन्स एसोसिएशन (एडवा) की महासचिव पी सुगांति ने कहा, “पीएसबीबी स्कूल को उस शिक्षक के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराना चाहिए था, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सका। यह दिखाता है कि प्रबंधन ल़ड़कियों को सुरक्षा देने की अपनी जवाबदेही निभाने में फेल हो गया, जो यौन उत्पीड़न के भयानक अनुभवों से गुजर रही थीं। जैसी कि सूचना है कि, छात्राओं की कई शिकायतों के बावजूद प्रबंधन ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।”

एडवा ने यह भी मांग की कि निजी और सरकारी दोनों ही तरह के स्कूल के छात्रों को पोक्सो के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए, जिसका पूरी तरह से अभाव है। सुगांति ने कहा, “इन सभी स्कूलों के टीचर्स और स्टाफ को इस कानून के बारे में बताया जाना चाहिए। यह भी उन्हें मालूम कराया जाना चाहिए कि यौन उत्पीड़न करने के क्या-क्या परिणाम भुगतने पड़ते हैं।” 
 
स्कूल में हुए यौन उत्पीड़नों के बारे में अपनी शिकायतें दर्ज कराने के लिए पीडित छात्राओं के लिए एक हेल्पलाइन नम्बर भी 25 मई को जारी की गई है। हेल्पलाइन जारी होने के घंटे भर के अंदर ही 30 से अधिक शिकायतें दर्ज कराई गई हैं, मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। 
 
तथाकथित दक्षिणपंथी समूहों ने किया स्कूल का समर्थन 

कहा जाता है कि दक्षिणपंथी समूहों, जिनमें भाजपा के भी कुछ नेता शामिल हैं, ने स्कूल का समर्थन किया है और शिक्षक के आचरण के लिए स्कूल को जवाबदेह नहीं ठहराए जाने की वकालत की है। 

पीएसबीबी स्कूल जातिवादी प्रभुता स्थापित करने के विवाद में भी घिर गया है। उस पर नामांकन एवं अन्य गतिविधियों में ब्राह्मण जाति के छात्रों को वरीयता देने का आरोप है। इस बारे में अनेक छात्रों ने जातीय स्तर पर किए गए भेदभावों और उपेक्षा को लेकर सोशल मीडिया के मंचों पर अपने अनुभव जाहिर किए हैं। 

प्रख्यात संगीतकार एआर रहमान ने, जिन्होंने पढ़ाई के बीच ही इस स्कूल को छोड़ दिया था, काफी पहले दिए गए अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि स्कूल के टीचर्स उनकी मां से कहते थे कि अगर उनके पास बेटे के स्कूल की फीस देने के पैसे नहीं हैं तो वे स्टेशन पर जाकर भीख मांगें। 

स्कूल की गुणवत्ता की नीति कहती है कि उसका लक्ष्य छात्रों में ‘पवित्र और प्रगतिवादी शिक्षा’ उपलब्ध कराने के साथ उनमें ‘हमारी सांस्कृतिक विरासत और मूल्य’ का भी बोध कराना है। दक्षिणपंथी समूहों द्वरा स्कूल को मिल रहा समर्थन इसी दृष्टिकोण और मूल्यों के कारण हैं।

स्कूल के एक न्यासी वाई जी महेन्द्रन की पुत्री वाई जी मधुवंती भाजपा की राज्य ईकाई की कार्यकारिणी की एक सदस्या हैं। 
हिंदू मक्काल काची के संस्थापक अर्जुन संपथ द्वारा बनाए गए एक टिवटर स्पेस में, वाई जी मधुवंती ने प्रदेश की द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (डीएमके) सरकार पर प्रदेश में ब्राह्मणों द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। 

“आर एजुकेशनल इंस्टिट्यून बिइंग अटैक?” शीर्षक से बनाए गए टिवटर स्पेस के आयोजक अर्जुन संपथ हैं। मधुवंती इस स्पेस का इस्तेमाल एक नेता के रूप में करते हैं। उन्होंने यह कहा, “जैसे ही चुनाव नतीजे घोषित हुए, उन्होंने मुझे इस बारे में आगाह कर दिया था।  इसलिए जो हो रहा है, वह प्रत्याशित है। जो लोग द्रविडि़यन पार्टी से जुड़ें हैं, वे पद्म शेषाद्रि जैसे स्कूलों को अपना निशाना बना रहे हैं और ब्राह्मणों के विरुद्ध 50 साल पुरानी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। अगर वे अपने बच्चों का बेहतर भविष्य चाहते हैं तो उन्हें ब्राह्मण कन्या की आवश्यकता होगी। उन्हें ब्राह्मण कलक्टर, और अच्छे सुझावों के लिए ब्राह्मण वकील और ब्राहमण डॉक्टर्स की भी जरूरत होगी। लेकिन वे ब्राह्मणवाद का विरोध करेंगे।” Chennaimemes.in ने यह जानकारी दी है। 

एक अन्य भाजपा नेता ने कथित रूप से दावा किया है कि छात्र वयस्क फिल्में देखने के आदी हैं और इसलिए उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए।


 
प्रबंधन आरोपों को खारिज किया, पूर्व छात्रों ने की कार्रवाई की मांग 

प्रबंधन ने दो दिनों में दिए अपने दो वक्तव्यों में यौन उत्पीड़न मामले पर परस्पर विरोधी बातें कही हैं। पहले बयान में, प्रबंधन ने कहा कि उसके संज्ञान में ऐसी कोई घटना नहीं लाई गई है, जबकि दूसरे वक्तव्य में उसने दावा किया कि इस मामले में कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई है। 

25 मई को प्रबंधन की तरफ से एक वक्तव्य जारी कर बताया गया कि आरोपित शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है और उनके आचरण की जांच के लिए एक औपचारिक जांच शुरू कर दी गई है। इनके जांच-नतीजों के आधार पर शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। पीएसबीबी स्कूल की प्रिंसिपल गीता गोविंदराजन ने कहा, “हमें इस मामले में किसी से भी कभी कोई शिकायत नहीं मिली। किसी एक शिक्षक का आचरण हमारे शिक्षकों को अध्यापन पेशे के उनके उच्च मानदंडों और गरिमा से कभी स्खलित नहीं कर सकता है। हमारे लिए हमारे छात्रों का कल्याण निश्चित रूप से परम पुनीत है।”

लेकिन, प्रकाशित किए गए एक स्क्रीनशॉट्स में, एक छात्रा ने आरोप लगाया है कि लिखित शिकायत के बावजूद प्रबंधन ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की और उल्टे उन छात्राओं को ही धमकाया गया। 

अब ताजा यौन उत्पीड़न की ताजा घटना के बाद पीएसबीबी स्कूल के 1,000 से अधिक छात्रों ने एक प्रकाशित वक्तव्य में उस आरोपित शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।  

इस बयान में चाइल्ड प्रोटेक्शन एवं जेंडर सेंसिटिविटी कमेटी को घटना से अवगत कराने के लिए कहा गया है। साथ ही, उस शिक्षक के विरुद्ध शिकायतों की त्वरित स्वतंत्र जांच कराई जाए, जिनमें बाहरी सदस्यों की संख्या पर्याप्त हो। 

अनेक आरोपों के बावजूद और इस मामले पर प्रबंधन के अपने गोलपोस्ट बदलते रहने के बीच, तथाकथित रूप से दक्षिणपंथी समूह पीएसबीबी प्रबंधन को लगातार समर्थन दे रहा है। इसी बीच, नागरिक समाज, महिला संगठनों और अनेक राजनीतिक  दलों ने यौन उत्पीड़न मामले के निबटने के स्कूल के रवैये की निंदा की है। 

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें।

TN: PSBB School Students Share Horrifying Incidents of Sexual Harassment, Right Wing Groups ‘Support’ School

Padma Seshadri Bala Bhavan
PSBB
PSBB Sexual Harassment Complaint
Bharatiya Janata Party
Hindu Makkal Katchi
All India Democratic Women Association
POCSO Act
Sexual Harassment in School
Sexual Harassment in Workplace

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