NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
तबलीग़ी जमात और मीडिया रिपोर्टिंग: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- केंद्र के हलफ़नामे से संतुष्ट नहीं
पीठ ने कहा, ‘‘हम यह जानना चाहते हैं कि टीवी पर इस प्रकार की सामग्री से निपटने के लिए किस तरह की व्यवस्था है। यदि कोई नियामक प्रणाली नहीं है तो आप ऐसी प्रणाली बनाएं। नियमन का काम एनबीएसए जैसे संगठनों के जिम्मे नहीं छोड़ा जा सकता।’’
भाषा
17 Nov 2020
तबलीग़ी जमात

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 महामारी का प्रकोप शुरू होने के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित तबलीग़ी जमात के समागम से संबंधित मीडिया रिपोर्टिंग से जुड़े मामले में केंद्र द्वारा पेश हलफनामे पर अप्रसन्नता जाहिर की और कहा कि टेलीविजन पर इस तरह की सामग्री से निपटने के लिए केंद्र को नियामक प्रणाली बनाने पर विचार करना चाहिए।

शीर्ष अदालत ने केंद्र को ऐसी प्रणाली बनाने और इस बारे में अदालत को सूचित करने का निर्देश दिया।

प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, ‘‘पहले तो आपने उचित हलफनामा दाखिल नहीं किया और अब आपने ऐसा हलफनामा पेश किया जिसमें दो महत्वपूर्ण सवालों के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। यह कोई तरीका नहीं है।’’

शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘हम आपके जवाब से संतुष्ट नहीं है।’’

न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमणियन भी इस पीठ का हिस्सा थे।

पीठ ने कहा, ‘‘हम यह जानना चाहते हैं कि टीवी पर इस प्रकार की सामग्री से निपटने के लिए किस तरह की व्यवस्था है। यदि कोई नियामक प्रणाली नहीं है तो आप ऐसी प्रणाली बनाएं। नियमन का काम एनबीएसए जैसे संगठनों के जिम्मे नहीं छोड़ा जा सकता।’’

पीठ जमीयत उलेमा-ए-हिंद और अन्य की ओर से दायर याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी जिनमें आरोप लगाए गए हैं कि मीडिया का एक धड़ा तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम को लेकर सांप्रदायिक नफरत फैला रहा था।

शीर्ष न्यायालय ने केंद्र को केबल टीवी नेटवर्क कानून के तहत इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के नियमन की प्रणाली से संबंधित नया हलफनामा दायर करने का भी निर्देश दिया।

Tablighi Jamaat
Coronavirus
Indian media
Media Report
Supreme Court

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

कोरोना अपडेट: देश में आज फिर कोरोना के मामलों में क़रीब 27 फीसदी की बढ़ोतरी

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के घटते मामलों के बीच बढ़ रहा ओमिक्रॉन के सब स्ट्रेन BA.4, BA.5 का ख़तरा 

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?


बाकी खबरें

  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    महंगाई पर देखिये: कैसे "सीएम मोदी" ने "पीएम मोदी" की पोल खोली !
    15 Apr 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के आज के एपिसोड में अभिसार शर्मा तुलना करेंगे नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री कार्यकाल में महंगाई क मुद्दे पर कैसे केंद्रीय सरकार पर सवाल उठाते थे, औऱ आज प्रधानमंत्री होने पर…
  • अनिल अंशुमन
    बिहार: 6 दलित बच्चियों के ज़हर खाने का मुद्दा ऐपवा ने उठाया, अंबेडकर जयंती पर राज्यव्यापी विरोध दिवस मनाया
    15 Apr 2022
    संगठन ने रफीगंज में 6 दालित बच्चियों के ज़हर खाने के मामले में पीड़ित परिजनों को पूरा इंसाफ दिलाने के संघर्ष को और भी व्यापक बनाने तथा असली मुजरिमों को सज़ा दिलाने का संकल्प लिया।
  • अखिलेश अखिल
    लोकतंत्र के सवाल: जनता के कितने नज़दीक हैं हमारे सांसद और विधायक?
    15 Apr 2022
    देश की आबादी लगातार बढ़ती गई लेकिन आबादी के मुताबिक संसद और विधान सभाओं की सीटें नहीं बढ़ीं। इसका असर ये हुआ कि ऐसा तंत्र बन गया है जिसमें चुनाव तो होते हैं लेकिन नेताओं की जनता से दूरी बढ़ती जाती है।
  • रवि शंकर दुबे
    नफ़रत के बीच इप्टा के ‘’ढाई आखर प्रेम के’’
    15 Apr 2022
    देश में एक-दूसरे के प्रति फैलाई जा रही नफ़रत को इप्टा ने कला के माध्यम से मिटाने की मुहिम चलाई है। इप्टा की ‘’ढाई आखर प्रेम की यात्रा’’ में लोगों को खासकर युवाओं को जागरूक किया जा रहा है।  
  • अनिल जैन
    पड़ताल: मध्य प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों के जरिए चुनावी तैयारी में जुटी है भाजपा
    15 Apr 2022
    मालवा निमाड़ के इलाके में जो घटनाएं घटी हैं, वे आकस्मिक नहीं हैं। जिस पैटर्न पर देश के विभिन्न हिस्सों में पिछले एक पखवाड़े से सांप्रदायिक टकराव का माहौल बनाया जा रहा था, वैसा ही सब कुछ इस इलाके में भी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License