NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इंट्रा-अफ़ग़ान वार्ता से पहले तालिबान ने हमला तेज़ किया
सरकार का मानना है कि पिछले सात दिनों में तालिबान द्वारा 284 हमले किए गए।
पीपल्स डिस्पैच
14 Jul 2020
इंट्रा-अफ़ग़ान

13 जुलाई को उत्तरी कुंडुज प्रांत में तालिबान के हमलों के चलते दो नागरिकों सहित क़रीब 21 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई क्योंकि विद्रोही तालिबान ने कतर में होने वाली इंट्रा-अफगान शांति वार्ता से पहले हिंसा छोड़ने की अपील को ठुकरा दिया है।

स्थानीय सूचना से पता चलता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय के सामने तालिबान द्वारा किए गए भारी विस्फोट में लगभग 50 नागरिक गंभीर रूप से जख़्मी हो गए। ये निदेशालय अयबक शहर में समंगन प्रांत के मध्य-उत्तर में स्थित है। इस हमले के बाद बम विस्फोट में चार बंदूकधारियों को भी अफगान बलों ने मार डाला।

एक बयान में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने आंकड़ा देते हुए बताया है कि पिछले सात दिनों में तालिबान द्वारा 284 हमले किए गए थे। इस बयान में कहा गया है कि काबुल, कंधार, नंगरहार और हेरात सहित लगभग 16 प्रांतों में ये हमले हुए हैं।

इससे एक दिन पहले रविवार शाम को अफगानिस्तान के उत्तरी परवन में सुरक्षा तंत्र पर एक और हमले में चार सुरक्षा बलों ने शेनवारी ज़िले में अपनी जान गंवा दी। यह हमला सुरक्षा चौकियों के पास किया गया था जो चार घंटे तक जारी रहा जिसमें तीन सुरक्षा बलों के भी लापता होने की ख़बर थी।

11 जुलाई को अफगानिस्तान इंडिपेंडेंट ह्यूमन राइट्स ने कहा कि तालिबान को इंट्रा-अफगान वार्ता से पहले हिंसा को कम करने के लिए उपाय तलाशने की आवश्यकता है, जारी संघर्ष में इस समूह ने कहा कि अफगानिस्तान में पिछले साल कम से कम 86,823 नागरिक हताहत हुए हैं।

TALIBAN
Afghanistan
Afghanistan Independent Human Rights
intra-Afghan talks

Related Stories

भोजन की भारी क़िल्लत का सामना कर रहे दो करोड़ अफ़ग़ानी : आईपीसी

तालिबान को सत्ता संभाले 200 से ज़्यादा दिन लेकिन लड़कियों को नहीं मिल पा रही शिक्षा

रूस पर बाइडेन के युद्ध की एशियाई दोष रेखाएं

काबुल में आगे बढ़ने को लेकर चीन की कूटनीति

तालिबान के आने के बाद अफ़ग़ान सिनेमा का भविष्य क्या है?

अफ़ग़ानिस्तान हो या यूक्रेन, युद्ध से क्या हासिल है अमेरिका को

बाइडेन का पहला साल : क्या कुछ बुनियादी अंतर आया?

सीमांत गांधी की पुण्यतिथि पर विशेष: सभी रूढ़िवादिता को तोड़ती उनकी दिलेरी की याद में 

पाकिस्तान-तालिबान संबंधों में खटास

अफ़ग़ानिस्तान में सिविल सोसाइटी और अधिकार समूहों ने प्रोफ़ेसर फ़ैज़ुल्ला जलाल की रिहाई की मांग की


बाकी खबरें

  • अनिल अंशुमन
    झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 
    12 May 2022
    दो दिवसीय सम्मलेन के विभिन्न सत्रों में आयोजित हुए विमर्शों के माध्यम से कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध जन संस्कृति के हस्तक्षेप को कारगर व धारदार बनाने के साथ-साथ झारखंड की भाषा-संस्कृति व “अखड़ा-…
  • विजय विनीत
    अयोध्या के बाबरी मस्जिद विवाद की शक्ल अख़्तियार करेगा बनारस का ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा?
    12 May 2022
    वाराणसी के ज्ञानवापी प्रकरण में सिविल जज (सीनियर डिविजन) ने लगातार दो दिनों की बहस के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि अधिवक्ता कमिश्नर नहीं बदले जाएंगे। उत्तर प्रदेश के…
  • राज वाल्मीकि
    #Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान
    12 May 2022
    सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन पिछले 35 सालों से मैला प्रथा उन्मूलन और सफ़ाई कर्मचारियों की सीवर-सेप्टिक टैंको में हो रही मौतों को रोकने और सफ़ाई कर्मचारियों की मुक्ति तथा पुनर्वास के मुहिम में लगा है। एक्शन-…
  • पीपल्स डिस्पैच
    अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की
    12 May 2022
    अल जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह (51) की इज़रायली सुरक्षाबलों ने उस वक़्त हत्या कर दी, जब वे क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक स्थित जेनिन शरणार्थी कैंप में इज़रायली सेना द्वारा की जा रही छापेमारी की…
  • बी. सिवरामन
    श्रीलंकाई संकट के समय, क्या कूटनीतिक भूल कर रहा है भारत?
    12 May 2022
    श्रीलंका में सेना की तैनाती के बावजूद 10 मई को कोलंबो में विरोध प्रदर्शन जारी रहा। 11 मई की सुबह भी संसद के सामने विरोध प्रदर्शन हुआ है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License