NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
यूएस से हिंसा रोकने की योजना साझा करने के बावजूद तालिबान ने युद्ध विराम ख़ारिज किया
अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन की पहली अफगानिस्तान यात्रा के बाद तालिबान ने पुष्टि की कि उन्होंने अमेरिका के साथ हिंसा में 90 दिनों की कटौती योजना को साझा किया है।
पीपल्स डिस्पैच
23 Mar 2021
यूएस

अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के राष्ट्रपति अशरफ गनी से काबुल में मुलाकात के एक दिन बाद तालिबान ने 22 मार्च को पुष्टि की कि उसने 90 दिनों की हिंसा में कमी (आरआईवी) लाने की योजना को साझा किया है जो जरूरी नहीं कि अमेरिका के साथ युद्धविराम का संकेत देता है।

साल 2020 में अमेरिका और तालिबान के बीच हस्ताक्षरित शांति समझौते के अनुसार अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी 1 मई तक समाप्त हो जानी चाहिए थी। राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा ये समय सीमा बढ़ाए जाने की संभावना है जिन्हें इसका भय है कि पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रम्प सरकार की समय सीमा का अनुपालन थोड़ा कठिन हो सकता है। जब तक अफगानिस्तान में हिंसा कम नहीं होती है और राजनयिक प्रयास सकारात्मक परिणाम दिखाते हैं तब तक अमेरिकी सैनिकों को रुकने की उम्मीद है।

इस शांति वार्ता और विदेशी सैनिकों की वापसी को लेकर अनिश्चितता के बीच अफगानिस्तान में हिंसा जारी है।

एक वर्ष की अवधि में कम से कम 83 अफगान नागरिक मारे गए। अफगानिस्तान इंडिपेंडेंट ह्यूमन राइट्स कमीशन (एआईएचआरसी) ने पाया कि दोहा में शांति वार्ता के बाद से 119 नागरिक भी घायल हुए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार इस अवधि में विद्रोहियों द्वारा 35 नागरिकों को बंधक बना लिया गया था। अपनी जान गंवाने वाले 83 नागरिकों में सोलह महिलाएं और नाबालिग शामिल थें।

वर्तमान में विद्रोही अफगानिस्तान के उत्तर-पूर्व और दक्षिण के 20 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रित करते हैं।

यहां तक कि जब ट्रम्प प्रशासन विद्रोहियों के साथ बातचीत करना शुरू किया था तब तालिबान ने कथित तौर पर अफगान सरकार के खिलाफ अपने आक्रमण को तेज कर दिया था। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तालिबान की हिंसा पर निरंतर निर्भरता ने इंट्रा-अफगान वार्ता में "बातचीत के मेज पर उसे अपनी परिस्थिति का लाभ उठाने और बेहतर स्थिति" का मौका दिया। यद्यपि दोहा में शांति वार्ता चल रही थी फिर भी विद्रोही तालिबान अफगान सशस्त्र बलों पर अपने हमले जारी रखे हुए थे।

2 मार्च को अमेरिका ने अफगानिस्तान में एक साझीदार सरकार बनाने के एक विकल्प का प्रस्ताव दिया जिसमें तालिबान सहित सभी गुट होंगे।

TALIBAN
USA
America
Joe Biden
america and taliban

Related Stories

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

बाइडेन ने यूक्रेन पर अपने नैरेटिव में किया बदलाव

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव

अमेरिकी आधिपत्य का मुकाबला करने के लिए प्रगतिशील नज़रिया देता पीपल्स समिट फ़ॉर डेमोक्रेसी

भोजन की भारी क़िल्लत का सामना कर रहे दो करोड़ अफ़ग़ानी : आईपीसी

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

छात्रों के ऋण को रद्द करना नस्लीय न्याय की दरकार है

सऊदी अरब के साथ अमेरिका की ज़ोर-ज़बरदस्ती की कूटनीति

गर्भपात प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट के लीक हुए ड्राफ़्ट से अमेरिका में आया भूचाल


बाकी खबरें

  • RAHANE PUJARA
    भाषा
    रणजी ट्राफी: रहाणे और पुजारा पर होंगी निगाहें
    23 Feb 2022
    अपने फॉर्म से जूझ रहे आंजिक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा अब रणजी ट्रॉफी से वापसी की कोशिश करेंगे। 24 फरवरी को होने वाले मुकाबले में दोनों खिलाड़ियों पर खास नज़र होगी।
  • ibobi singh
    भाषा
    मणिपुर के लोग वर्तमान सरकार से ‘ऊब चुके हैं’ उन्हें बदलाव चाहिए: इबोबी सिंह
    23 Feb 2022
    पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह ने कहा "मणिपुर के लोग भाजपा से ऊब चुके हैं। वह खुलकर कह नहीं पा रहे। भाजपा झूठ बोल रही है और खोखले दावे कर रही है। उन्होंने अपने किसी भी वादे को…
  • तारिक़ अनवर
    यूपी चुनाव: बीजेपी के गढ़ पीलीभीत में इस बार असल मुद्दों पर हो रहा चुनाव, जाति-संप्रदाय पर नहीं बंटी जनता
    23 Feb 2022
    पीलीभीत (उत्तर प्रदेश): जैसा वायदा किया गया था, क्या किसानों की आय दोगुनी हो चुकी है? क्या लखीमपुर खीरी में नरसंहार के लिए किसानों को न्याय मिल गया है?
  • vaccine
    ऋचा चिंतन
    शीर्ष कोविड-19 वैक्सीन निर्माताओं ने गरीब देशों को निराश किया
    23 Feb 2022
    फ़ाइज़र, मोडेरना एवं जेएंडजे जैसे फार्मा दिग्गजों ने न तो विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोवाक्स में ही अपना कोई योगदान दिया और न ही गरीब देशों को बड़ी संख्या में खुराक ही मुहैया कराई है।
  • vvpat
    एम.जी. देवसहायम
    चुनाव आयोग को चुनावी निष्ठा की रक्षा के लिहाज़ से सभी वीवीपीएटी पर्चियों की गणना ज़रूरी
    23 Feb 2022
    हर एक ईवीएम में एक वीवीपैट होता है, लेकिन मतों की गिनती और मतों को सत्यापित करने के लिए काग़ज़ की इन पर्चियों की गिनती नहीं की जाती है। यही वजह है कि लोग चुनावी नतीजों पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License