NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
SC ST OBC
आंदोलन
उत्पीड़न
कोविड-19
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
तमिलनाडु: अगर पग़ार में देरी का मसला हल नहीं हुआ तो प्रदर्शन जारी रखेंगे सफ़ाईकर्मी
वैश्विक महामारी के चलते पहले से ही कठिन बन गई स्थितियों में, वेतन मिलने में दो-दो महीने की देरी ने सफ़ाई कामगारों को निराश्रितता के कगार पर ला दिया है।
श्रुति एमडी
17 Feb 2021
Sanitation workers
चित्र काउंटरव्यू के सौजन्य से

तमिलनाडु में सलेम जिला कॉरपोरेशन में काम कर रहे सफाई कर्मचारियों का एक समूह अपनी पगार में 3 महीने की देरी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने एक दिनी हड़ताल की और विगत 8 फरवरी को कॉरपोरेशन ऑफिस में घुस कर हंगामा किया।

 वैश्विक महामारी  के चलते पहले से ही कठिन बन गई स्थितियों में, वेतन में मिलने में दो-तीन महीने की देरी ने सफाई कामगारों को निराश्रितता के कगार पर ला दिया है। अपनी दुर्दशा का विचार करते हुए सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल वाले दिन भीख का कटोरा हाथ में लेकर प्रदर्शन किया।

इन कामगारों ने घोषणा की कि अगर कॉरपोरेशन ने उनकी मांगों की पूर्ति  के लिए सभी आवश्यक कदम नहीं उठाए तो वे अपना प्रदर्शन अनिश्चितकाल तक जारी रखेंगे।

कॉरपोरेशन अभी भी उदासीन 

ये सफाई कर्मचारी कोंडलमपट्टी और हस्तमपट्टी क्षेत्र में काम करते हैं और इन लोगों ने वेतन मिलने में 1 महीने की देरी होने पर ही निगम से इस बारे में अनुरोध किया था।  सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियंस ( सीटू)  ने दिसंबर 2020 की और जनवरी 2021 की सैलरी  तुरंत देने के लिए जिला अधिकारी से मांग की थी।

हालांकि सफाई कर्मचारियों की मांग को लेकर कॉरपोरेशन का रवैया उदासीन ही रहा।  सीटू के सलेम जिला कमेटी के अध्यक्ष पनीर सेल्वम ने कहा, “नियम के मुताबिक सफाई कर्मचारियों की मासिक पगार हर महीने की पहली तारीख को ही दे दिया जाना चाहिए लेकिन इस पर अमल नहीं किया जा रहा है, और इसमें महीनों की देरी अब आम बात हो गई है।”उन्होंने कहा कि सीटू इस अनियमित वेतन भुगतान के मसले को लेकर संबद्ध अधिकारियों से बातचीत करता रहा है।

सफाई कर्मचारियों के प्रति सलेम कॉरपोरेशन  के तथाकथित असंवेदनशील व्यवहार को लेकर नेशनल एलाइंस ऑफ पीपल्स मूवमेंट (NAPM), जो पूरे देश में अभियानों का प्रमुख संगठन है, ने 11 फरवरी को एक बयान जारी किया था। इस बयान में कहा गया था, “हम सलेम कॉरपोरेशन के उदासीन रवैये की निंदा करते हैं और लंबित वेतन का अविलंब भुगतान करने तथा दुखी कामगारों की मांगोंं को पूरा करने के लिए सभी कदम उठाने की मांग करते हैं।”

फिलहाल, सलेम सिटी कॉरपोरेशन की ठोस कूड़ा प्रबंधन के कामों में 1,464 सफाई कर्मचारी  लगे हैं। इनके अतिरिक्त, लगभग 1500 कर्मचारी महिला एसएचजी के जरिए दिहाड़ी पर काम कर रहे हैं।

कॉरपोरेशन पर कोष के कुप्रबंधन का आरोप

सफाई कर्मचारी वेतन भुगतान में देरी के साथ-साथ, कॉरपोरेशन के कोषों के कथित गलत प्रबंधन से भी जूझ रहे हैं। उनके पगार से प्रोविडेंट फंड (पीएफ) में जमा होने वाली राशि पिछले 5 वर्षों से संबद्ध बैंक अकाउंट में नहीं भेजी जा रही है। सलेम जिला नगर निगम और कॉरपोरेशन वर्कर्स यूनियन ने कहा, “दरअसल, इनमें से अधिकतर सफाईकर्मी 22 सालों से भी ज्यादा समय से यहां कार्यरत हैं, लेकिन अभी तक उनका पीएफ अकाउंट तक नहीं खोला गया है।”

प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने भी कॉरपोरेशन पर आरोप लगाया कि वह उनके वेतन से काटी गई राशि को उनके कर्ज के भुगतान मद में जमा नहीं कर रहे हैं। यूनियन का कहना है कि, “इस क्षेत्र में यह चलन आम है कि कॉआपरेटिव से लिए गए कर्मचारियों के कर्ज का भुगतान उनके वेतन से किया जाता है। लेकिन इस राशि को उनके कर्ज मद में भुगतान न किए जाने के परिणामस्वरूप कर्मचारियों का ब्याज अनुचित तरीके से बढ़ता है और उस पर दंड भरना पड़ता है।” 

यूनियन ने यह मुद्दा भी उठाया कि कूड़ा ढो रहे ट्रकों पर महिला कर्मचारियों को सवार होने पर विवश किया जाता है, इसके बावजूद कि कानून में इसकी साफ मनाही है। 

तमिलनाडु के अन्य हिस्सों में भी समान स्थिति

तमिलनाडु अस्पृश्यता उन्मूलन मोर्चा के महासचिव के सैमुएल राज ने सफाई कामगारों के अस्थिर जीवन का उल्लेख करते हुए न्यूज़क्लिक से कहा, “वेतन भुगतान में देरी या अन्य तरह की कठिनाइयांं, खासकर सफाई कामगारों के लिए, वर्तमान में यह पूरे तमिलनाडु का परिदृश्य बन गया है। समान रूप से तो नहीं, लेकिन यह निश्चित रूप से राज्यव्यापी तथ्य है।”

पिछले महीने, ठोस कचरा प्रबंधन के निजीकरण की प्रक्रिया में, बृहद चेन्नई कॉरपोरेशन ने 700 से ज्यादा सफाई कर्मचारियों को हटा दिया है।

यह महत्वपूर्ण है कि सलेम स्वयं मुख्यमंत्री  इडाप्पडी के पलानिस्वामी का गृह जिला है। वह सलेम जिले में इडाप्पडी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उन्हें सलेम में विकास की अनेक परियोजनाओं को पूरा करने का श्रेय है। जून 2020 में 441 करोड रुपये की लागत से दो स्तरीय फ्लाईओवर का उन्होंने उद्घाटन किया था। चेन्नई और सलेम के बीच विमान सेवाएं के विस्तार पर काम हो रहा है।

स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत सलेम में अनेक हरित क्षेत्र पार्क का उद्घाटन किया गया है, 1.38  करोड़ रुपये नगर में बैटरी चालित वाहन मद में दिए गए हैं और यहां तक कि प्लास्टिक उपयोग के विरुद्ध जन जागरूकता अभियान भी चलाए गए थे। लेकिन  जो सफाई कामगार सलेम कॉरपोरेशन के अंतर्गत 350 टन ठोस कचरा ढोते हैं, वे अपनी लम्बित पगार के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

TN-Sanitation-Workers-Carry-Protesting-Wage-Delay-Not-Resolved

 

 

 

delayed payment of sanitation workers
Sanitation Workers
tamil nadu

Related Stories

उत्तराखंड में स्वच्छता के सिपाही सड़कों पर, सफाई व्यवस्था चौपट; भाजपा मांगों से छुड़ा रही पीछा

महामारी और अनदेखी से सफ़ाई कर्मचारियों पर दोहरी मार

तमिलनाडु : दो दलित युवाओं की हत्या के बाद, ग्रामीणों ने कहा कि बस ‘अब बहुत हुआ’

अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस: कहां हैं हमारे मानव अधिकार?


बाकी खबरें

  • भाषा
    ज्ञानवापी मामला : अधूरी रही मुस्लिम पक्ष की जिरह, अगली सुनवाई 4 जुलाई को
    30 May 2022
    अदालत में मामले की सुनवाई करने के औचित्य संबंधी याचिका पर मुस्लिम पक्ष की जिरह आज भी जारी रही और उसके मुकम्मल होने से पहले ही अदालत का समय समाप्त हो गया, जिसके बाद अदालत ने कहा कि वह अब इस मामले को…
  • चमन लाल
    एक किताब जो फिदेल कास्त्रो की ज़ुबानी उनकी शानदार कहानी बयां करती है
    30 May 2022
    यद्यपि यह पुस्तक धर्म के मुद्दे पर केंद्रित है, पर वास्तव में यह कास्त्रो के जीवन और क्यूबा-क्रांति की कहानी बयां करती है।
  • भाषा
    श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह प्रकरण में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल
    30 May 2022
    पेश की गईं याचिकाओं में विवादित परिसर में मौजूद कथित साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की संभावना को समाप्त करने के लिए अदालत द्वारा कमिश्नर नियुक्त किए जाने तथा जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बेंगलुरु में किसान नेता राकेश टिकैत पर काली स्याही फेंकी गयी
    30 May 2022
    टिकैत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्थानीय पुलिस इसके लिये जिम्मेदार है और राज्य सरकार की मिलीभगत से यह हुआ है।’’
  • समृद्धि साकुनिया
    कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम जॉब पैकेज में कोई सुरक्षित आवास, पदोन्नति नहीं 
    30 May 2022
    पिछले सात वर्षों में कश्मीरी पंडितों के लिए प्रस्तावित आवास में से केवल 17% का ही निर्माण पूरा किया जा सका है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License