NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
उत्पीड़न
भारत
राजनीति
शोपिंया में किशोर मिलिटेन्ट के मारे जाने से कई उम्मीदें चकनाचूर
मुठभेड़ से महज दो दिन पहले ही फैसल अपने घर से निकला था। उसने अपने परेशान घरवालों से फोन पर कहा, “मैंने इसे अपनी नियति मान ली है और एक शहीद की मौत मरने का फैसला किया हैI”
अनीस ज़रगर
14 Apr 2021
Shopian

चित्रग्राम : अपनी मृत्यु से दो दिन पहले ही 14 वर्षीय किशोर फैसल गुलजार अपने घर से निकला था। रविवार की शाम उसने अपने घरवालों को फोन किया था। मुठभेड़ में गोली लगने से लहूलुहान हुए फैसल ने  मरने से पहले अपने परिवार से बात की थी। 

कुछ ही दिनों में उसका सारा आस-पड़ोस उसकी मौत के शोक में डूब गया। सभी दुकानों के बंद हो जाने के साथ समूचा गांव वीरान हो गया। लोग-बाग मारे गये इस मिलिटेंट के घर मातम मनाने के लिए जुटने लगे। सब मातम मनाने जमा हुए लोगों ने 14 वर्षीय किशोर की रूह की शांति के लिए दुआएं मांगी।

एक शोकाकुल परिजन ने कहा, “पीड़ा इतनी है कि किसी चीज पर हम बात नहीं का सकते हैं।” यहाँ मौत किसी चीज का खात्मा नहीं, बल्कि लंबे समय तक बने रहने वाले दर्द की शुरुआत भर है।” 

फैसल के अब्बू गुलजार अहमद गनी कहते हैं कि उन्हें इस बात का जरा भी अंदाज़ा नहीं था कि उनका बेटा ऐसा कदम उठा लेगा। गुलजार ने आगे कहा, “उस दिन हम खेत जोतने की तैयारी कर रहे थे लेकिन घने बादलों को देखते हुए मैंने अपने बेटे से थोड़ा इंतजार करने को कहा था।”

गुलजार ने याद करते हुए बताया, “6 अप्रैल का दिन था। जैसे ही गुलजार ने फैसल से खेती का काम रोक देने के लिए कहा, वह वहां से चला गया। उन्होंने सोचा कि उनका बेटा गांव में ही कहीं घूमने-फिरने गया है। “जब वह शाम तक नहीं लौटा तो उन्होंने फैसल को फोन किया। एक बार तो उसकी घंटी बजी थी पर दूसरी बार उसका फोन स्विच ऑफ हो गया।”

फैसल अपने अब्बू गुलजार अहमद गनी की पांच औलादों में से इकलौता बेटा था। गुलजार शोपियां के चित्रग्राम में खेती-बाड़ी करते हैं। उनका यह गांव केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से लगभग 60 किलोमीटर दूर है। फैसल दो अन्य संदिग्ध मिलिटेंटों, जिनमें उसके पड़ोस का एक किशोर आसिफ अहमद गनी भी था, के साथ संयुक्त सशस्त्र बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। पुलिस का कहना है कि मारे गये सभी व्यक्ति एक मिलिटेंट संगठन अल बदर से जुड़े थे। 

अगली सुबह, फैसल की गुमशुदगी की रिपोर्ट पास के थाने में दर्ज कराई गई। लेकिन पुलिस और सुरक्षाबलों को दो दिन पहले गायब हुए विद्रोही किशोर का कोई सुराग ढूंढने में ज्यादा समय नहीं लगा। शनिवार को लगभग 5 बजे शोपियां पुलिस को रिबन बंद पाव के सेब के एक बाग में कुछ मिलिटेंटों की मौजूद होने की इत्तिला मिली। इसके बाद पुलिस ने 34 आरआर और सीआरपीएफ की 178वीं बटालियन के साथ मिल कर उस जगह की नाकेबंदी कर तलाशी का काम शुरू किया। 

पुलिस प्रवक्ता ने बताया, “उन्हें (मिलिटेंटों को) खुद को सुपुर्द करने का मौका दिया गया था लेकिन उन्होंने संयुक्त बलों पर अंधाधुंध गोलीबारी जारी रखी। इसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई।” 

संदिग्ध मिलिटेंटों की लाशों को उत्तरी कश्मीर के इलाका हंदवाड़ा ले जाया गया, जो चित्रग्राम से 150 किलोमीटर दूर है। फैसल के नजदीकी परिवार को उसे सुपुर्दे खाक करने की इजाजत दी गई है और वे उम्मीद कर रहे हैं कि उसकी मृत देह को वापस उनकी रिहाइश के करीब ले जाने के लिए उन्हें सौंप दिया जाएगा, जहां वे उसकी कब्र पर आ-जा सकें।.

फैसल के परिवार के एक व्यक्ति ने कहा कि जनाजे में भाग लेने के लिए जाते हुए उनके साथ बदसलूकी की गई। उसने कहा, “हमें हंदवाड़ा से पहले एक चेक पोस्ट पर रोका गया। हमें पुलिसकर्मियों ने गालियां दी और हमारी कार के शीशे तोड़ दिये।” 

किशोर के परिवार ने फैसल से इस लड़़ाई से तौबा करने और खुद को सशस्त्र बलों के आगे सुपुर्द कर देने के लिए कहा, जिन्होंने इन नौवीं क्लास में पढ़ने वाले छात्रों की नाकेबंदी कर रखी थी। लेकिन फैसल ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। उसने फोन पर अपने घर-परिवार वालों से कहा, “मैंने इसे अपनी तकदीर मान ली है और एक शहीद की मौत मरने का फैसला किया है।” 

फैसल ने अपनी अम्मी और अब्बू से बात की और अपने करीबी परिजनों से भी, जो उसे इस घेराबंदी से बाहर आ जाने के लिए समझाने की कोशिश कर रहे थे। फैसल के अंकल शबीर अहमद ने न्यूज़क्लिक से कहा, “हमने उसे समझाया कि पुलिस और सशस्त्र बल उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे, लेकिन उसने जवाब दिया कि उसे इन लोगों का कोई खौफ नहीं है।” 

इस चालू महीने अप्रैल में 16 संदिग्ध मिलिटेंट मुठभेड़ में मारे गये हैं, जिनमें ज्यादातर मिलिटेंट दक्षिणी कश्मीर के हैं। आतंकवादियों ने विगत 12 दिनों में एक पुलिसकर्मी, एक क्षेत्रीय सेना के सिपाही, एक पूर्व पुलिसकर्मी समेत 18 लोग मारे गए हैं। एक सरकारी आंकड़े के अनुसार, इस साल 2021 में अब तक 40 मिलिटेंट इस क्षेत्र में मारे गये हैं। 

सशस्त्र बल फैसल के परिवार को उसे समझाने-बुझाने के लिए मुठभेड़ वाली जगह पर ले कर आई थी, लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला।

फैसल के चचेरे भाई एजाज ने कहा, “उस पल ऐसा महसूस हो रहा था कि हम एनकाउंटर में फंस गए हैं और फैसल मानों हम लोगों से बाहर से बात कर रहा हो।” मुठभेड़ के बाद पुलिस ने घटनास्थल से एक एके-56 राइफल और दो पिस्तौलें बरामद की थीं। 

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें।

 https://www.newsclick.in/Teenage-Militant-Killing-Shopian-Shatters-Many-Hopes

Kashmir
Shopian encounter
Shopian
Encounter killings
J&K Police

Related Stories

कविता का प्रतिरोध: ...ग़ौर से देखिये हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र

बिहार: कश्मीर में प्रवासी बिहारी मज़दूरों की हत्या के ख़िलाफ़ पटना सहित पूरे राज्य में मनाया गया विरोध दिवस

कॉन्फ्लिक्ट के बीच जूझती ज़िंदगी

J&K पंचायत चुनाव, शाहीन बाग़, बिहार शिक्षक हड़ताल और अन्य

कश्मीर में बदलते नाम ,कोलंबिया रक्षा मंत्री का इस्तीफ़ा और अन्य

राष्ट्रीय मज़दूर सम्मेलन, कश्मीर विरोध प्रदर्शन और अन्य ख़बरें

मोटर वाहन हड़ताल, 370 हटने के 45 दिन और अन्य ख़बरें 

श्रम कानून में बदलाव : सड़क से संसद तक विरोध

मानव ढाल बनाए गए डार भाइयों के पिता की तकलीफ़ कौन सुनेगा?


बाकी खबरें

  • रवि कौशल
    डीयूः नियमित प्राचार्य न होने की स्थिति में भर्ती पर रोक; स्टाफ, शिक्षकों में नाराज़गी
    24 May 2022
    दिल्ली विश्वविद्यालय के इस फैसले की शिक्षक समूहों ने तीखी आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि इससे विश्वविद्यालय में भर्ती का संकट और गहरा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पश्चिम बंगालः वेतन वृद्धि की मांग को लेकर चाय बागान के कर्मचारी-श्रमिक तीन दिन करेंगे हड़ताल
    24 May 2022
    उत्तर बंगाल के ब्रू बेल्ट में लगभग 10,000 स्टाफ और सब-स्टाफ हैं। हड़ताल के निर्णय से बागान मालिकों में अफरा तफरी मच गयी है। मांग न मानने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल का संकेत दिया है।
  • कलिका मेहता
    खेल जगत की गंभीर समस्या है 'सेक्सटॉर्शन'
    24 May 2022
    एक भ्रष्टाचार रोधी अंतरराष्ट्रीय संस्थान के मुताबिक़, "संगठित खेल की प्रवृत्ति सेक्सटॉर्शन की समस्या को बढ़ावा दे सकती है।" खेल जगत में यौन दुर्व्यवहार के चर्चित मामलों ने दुनिया का ध्यान अपनी तरफ़…
  • आज का कार्टून
    राम मंदिर के बाद, मथुरा-काशी पहुँचा राष्ट्रवादी सिलेबस 
    24 May 2022
    2019 में सुप्रीम कोर्ट ने जब राम मंदिर पर फ़ैसला दिया तो लगा कि देश में अब हिंदू मुस्लिम मामलों में कुछ कमी आएगी। लेकिन राम मंदिर बहस की रेलगाड़ी अब मथुरा और काशी के टूर पर पहुँच गई है।
  • ज़ाहिद खान
    "रक़्स करना है तो फिर पांव की ज़ंजीर न देख..." : मजरूह सुल्तानपुरी पुण्यतिथि विशेष
    24 May 2022
    मजरूह सुल्तानपुरी की शायरी का शुरूआती दौर, आज़ादी के आंदोलन का दौर था। उनकी पुण्यतिथि पर पढ़िये उनके जीवन से जुड़े और शायरी से जुड़ी कुछ अहम बातें।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License