NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
तेलंगाना: भाजपा एक बार फिर भैंसा हिंसा का राजनीतिकरण करने  की फ़िराक में
पुलिस के मुताबिक 7 मार्च को हुए सांप्रदायिक झड़पों के दौरान दंगाइयों द्वारा चार घरों, तेरह दुकानों, चार ऑटो-रिक्शा, छह चौपाया वाहनों, और पांच दुपहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया था।
पृथ्वीराज रूपावत
18 Mar 2021
तेलंगाना
चित्र साभार: द इंडियन एक्सप्रेस

हैदराबाद: 7 मार्च को तेलंगाना के नव-गठित निर्मल जिले के भैंसा कस्बे में कथित तौर पर बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों के बीच में 1992 के बाद से सांप्रदायिक हिंसा की यह सातवीं घटना देखने को मिल रही है।

इस घटना के फ़ौरन बाद वहां पर 525 पुलिसकर्मियों की भारी तैनाती कर दी गई थी। इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने के अलावा अगले पांच दिनों के लिए सीआरपीसी की धारा 144 को लागू करने का फैसला लिया गया था। पुलिस ने अब तक दोनों समुदायों से जुड़े कुल 38 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और कहा है कि वे 70 अन्य लोगों की तलाश में हैं, जो कथित तौर पर इस हिंसा में शामिल थे।

अब भैंसा जहाँ एक बार फिर से कस्बे में सांप्रदायिक सौहार्द और सामान्य हालात बहाल होने के इंतजार में है, वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने अपने पार्टी सदस्यों से इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आह्वान किया है। 

स्थानीय समाचार पत्रों के मुताबिक, अचानक से कर्फ्यू के बीच इस छोटे से कस्बे के निवासियों को दूध, सब्जी सहित दैनिक इस्तेमाल की अन्य वस्तुओं की खरीद कर पाने के लिए जूझना पड़ रहा है क्योंकि पिछले एक हफ्ते से अधिकांश दुकानें बंद पड़ी हैं।

मंगलवार, 16 मार्च को मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए इंस्पेक्टर-जनरल (उत्तरी क्षेत्र), वाई नागी रेड्डी ने कहा कि हिंसा के सिलसिले में कुल 26 मामले दर्ज किये गए हैं, जिनमें से अधिकांश आरोपी हिन्दू वाहिनी के सदस्य हैं।

रेड्डी का कहना था “एक समूह से नाता रखने वाले लोगों को एआईएमआईएम (आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) पार्टी के सभासद अब्दुल खबीर उर्फ़ बाबा के मार्गदर्शन के तहत सूचित किया गया था, फिर उन्हें एकत्र कर विभिन्न स्थानों पर भिजवाया गया था। वहीं दूसरे समूह का नेतृत्व 8वीं वार्ड के सभासद और हिन्दू वाहिनी के भूतपूर्व-अध्यक्ष थोटा विजय के द्वारा किया जा रहा था। पारदी और महागाँव गाँवों में जो दूसरे और तीसरे दिन और रात के वक्त आगजनी की घटना हुई थी, उनमें से कुछ हिन्दू वाहिनी के जिलाध्यक्ष संतोष की अगुआई में की गई थी।”

इस घटना की शुरुआत 7 मार्च की रात बहुसंख्यक समुदाय के दो युवाओं और अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले एक युवा के बीच हुए एक मामूली विवाद के चलते हुई थी। 

कथित तौर पर उस रात पत्थरबाजी की घटना के चलते तीन पुलिस अधिकारियों और एक पत्रकार सहित कुल 12 लोग घायल हुए थे। पुलिस के अनुसार इन सांप्रदायिक झडपों के दौरान चार घरों, तेरह दुकानों, चार ऑटो रिक्शा, छह चौपाया वाहनों और पांच दुपहिया वाहनों को दंगाइयों ने आग के हवाले कर दिया था। 

जहाँ एक तरफ हिन्दू वाहिनी नामक भाजपा से जुड़ा एक छुटभैय्या समूह और एआईएमआईएम इस घटना में शामिल है, वहीं पिछले एक सप्ताह से भाजपा कथित तौर पर इस मुद्दे के राजनीतिकरण में मशगूल है, जबकि एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने राज्य सरकार से इस मुद्दे को हल करने की अपील की है। भगवा दल के नेताओं को मीडिया में ‘हिन्दू’ खतरे में हैं जैसे बयान देते हुए और पुलिस पर राज्य सरकार के साथ सांठ-गाँठ कर दूसरे समुदाय का पक्ष लेने का आरोप लगाते देखा गया। 

मंगलवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंदी संजय ने गिरफ्तार हिन्दू वाहिनी के सदस्यों से मुलाकात की थी और उनके प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया। अपनी मीडिया रिपोर्टों के संबोधन में उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने हिन्दू वाहिनी के सदस्यों को हिरासत में अंदर करने की धमकी दी है, और वे इस मामले की रिपोर्ट केन्द्रीय मंत्री अमित शाह से करेंगे। इसके अलावा संजय ने अपने पार्टी सदस्यों से इस संवेदनशील मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करने का भी आह्वान किया था।

वहीं दूसरी तरफ सत्तारूढ़ दल के मंत्रियों ने आम लोगों से अपील की है कि वे इस घटना से जुड़ी भ्रामक सूचनाओं और भाजपा द्वारा चलाए जा रहे अभियान की चपेट में न आयें। 

पर्यवेक्षकों का आकलन है कि सांप्रदायिक तनाव कई दशकों से भैंसा कस्बे को सता रहा है। भाजपा और एआईएमआईएम दोनों ही हिंसा की ऐसी घटनाओं के इर्दगिर्द अपनी राजनीति को बनाकर रखे हुए हैं।

डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (डीवाईएफआई) के प्रदेश अध्यक्ष विप्लव का इस बारे में कहना था “दक्षिणपंथी टटुपुन्जिये एवं कट्टरपंथी की बढ़ती हरकतों ने भैंसा में सांप्रदायिक सद्भाव को निरंतर बिगाड़ने का काम किया है।” उन्होंने बताया कि भाजपा द्वारा इस घटना पर राज्य में ध्रुवीकरण अभियान चलाये जाने से उसकी राजनीति दिनों-दिन स्पष्ट होती जा रही है।

पिछले साल जनवरी में, एआईएमआईएम ने शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में कुल 26 वार्डस में से 15 में जीत हासिल कर भैंसा नगरपालिका को जीता था, जबकि भाजपा को 9 वार्डों में और बाकी 2 पर स्वतंत्र उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई थी।

स्थानीय निकाय चुनावों से दो हफ्ते पहले शहर में सांप्रदायिक झड़पें भड़कने लगी थीं, जिसमें 12 पुलिस कर्मियों सहित कुल 19 लोग घायल हुए थे। उस दौरान भाजपा नेताओं ने एआईएमआईएम और सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति पर ‘हिन्दुओं’ को निशाना बनाने के आरोप लगाये थे।

अक्टूबर 2008 की दिल दहला देने वाली घटना में, पड़ोस के गाँव वाटोली में दो समुदायों के बीच हुई झड़पों और दंगों के दौरान एक मुस्लिम परिवार के छह सदस्यों सहित कुल नौ लोग मारे गए थे। 

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Telangana: BJP Makes Another Attempt to Politicise Bhainsa Violence

Bhainsa
communal violence
Hindu Vahini
AIMIM
BJP
Telangana Communal Violence
telangana government
TRS
BJP Leaders Hate Speech

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • protest
    न्यूज़क्लिक टीम
    दक्षिणी गुजरात में सिंचाई परियोजना के लिए आदिवासियों का विस्थापन
    22 May 2022
    गुजरात के दक्षिणी हिस्से वलसाड, नवसारी, डांग जिलों में बहुत से लोग विस्थापन के भय में जी रहे हैं। विवादास्पद पार-तापी-नर्मदा नदी लिंक परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। लेकिन इसे पूरी तरह से…
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: 2047 की बात है
    22 May 2022
    अब सुनते हैं कि जीएसटी काउंसिल ने सरकार जी के बढ़ते हुए खर्चों को देखते हुए सांस लेने पर भी जीएसटी लगाने का सुझाव दिया है।
  • विजय विनीत
    बनारस में ये हैं इंसानियत की भाषा सिखाने वाले मज़हबी मरकज़
    22 May 2022
    बनारस का संकटमोचन मंदिर ऐसा धार्मिक स्थल है जो गंगा-जमुनी तहज़ीब को जिंदा रखने के लिए हमेशा नई गाथा लिखता रहा है। सांप्रदायिक सौहार्द की अद्भुत मिसाल पेश करने वाले इस मंदिर में हर साल गीत-संगीत की…
  • संजय रॉय
    महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 
    22 May 2022
    पेट्रोलियम उत्पादों पर हर प्रकार के केंद्रीय उपकरों को हटा देने और सरकार के इस कथन को खारिज करने यही सबसे उचित समय है कि अमीरों की तुलना में गरीबों को उच्चतर कीमतों से कम नुकसान होता है।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: महंगाई, बेकारी भुलाओ, मस्जिद से मंदिर निकलवाओ! 
    21 May 2022
    अठारह घंटे से बढ़ाकर अब से दिन में बीस-बीस घंटा लगाएंगेे, तब कहीं जाकर 2025 में मोदी जी नये इंडिया का उद्ïघाटन कर पाएंगे। तब तक महंगाई, बेकारी वगैरह का शोर मचाकर, जो इस साधना में बाधा डालते पाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License