NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
यूपी एसटीएफ का शुक्रिया कि उसने मेरा एनकाउंटर नहीं किया : डॉ. कफ़ील
जेल से रिहाई में देरी पर भी योगी सरकार की मंशा पर उठे सवाल। सुरक्षा को देखते हुए रिहाई के बाद अपने घर गोरखपुर न जाकर राजस्थान गए डॉ. कफ़ील।
असद रिज़वी
02 Sep 2020
यूपी एसटीएफ का शुक्रिया कि उसने मेरा एनकाउंटर नहीं किया : डॉ. कफ़ील

जेल से ज़मानत पर रिहा होने के बाद भी डॉ. कफ़ील अपने घर गोरखपुर जाने के बजाय राजस्थान चले गए हैं। डॉ. कफ़ील के परिवार का कहना है कि उनको सुरक्षा कि दृष्टि से उत्तर प्रदेश के बाहर भेज दिया गया है।

नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के ख़िलाफ़ एक भाषण देने के आरोप में मथुरा जेल में बंद डॉ. कफ़ील को अदालत के हुक्म पर कल रात रिहा कर दिया गया। उनके परिवार के लोगों का आरोप है की जेल प्रशासन और अलीगढ़ प्रशासन अदालत के आदेश के बावजूद डॉ. कफ़ील को रिहा करने में देरी कर रहा था।

उनके भाई ने बताया कि अदालत ने डॉ कफ़ील के ऊपर से राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (रासुका) हटाकर तुरंत रिहा करने के आदेश दिये थे। लेकिन मंगलवार को देर रात तक उनको रिहा नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन किसी तरह डॉ. कफ़ील को जेल में ही रखना चाह रहा था। इस बीच उनके परिवार को ख़बर मिली कि रासुका हटने के बाद डॉ. कफ़ील पर गैर-क़ानूनी गतिविधियाँ (यूएपीए) लगाने की तैयारी हो रही है। यह ख़बर मिलने के बाद उनका परिवार सक्रिय हुआ और जेल व ज़िला प्रशासन के ख़िलाफ़ अदालत के अवमानना दर्ज कराने की तैयारी करने लगा। जिसकी ख़बर जब प्रशासन को मिली तो डॉ. कफ़ील को देर रात रिहा किया गया।

 इसे पढ़ें : डॉ. कफ़ील को तत्काल प्रभाव से रिहा करने का आदेश

 डॉ. कफ़ील ने जेल से रिहा होकर मीडिया से बात कि और अपने ऊपर हुई कार्रवाई को बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर, में ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत से जोड़कर बताया। उन्होंने कहा कि 60 बच्चों कि मौत के मामले में उन पर लगे आरोप धीरे-धीरे ग़लत साबित हो रहे थे। इस लिए उनको आपत्तिजनक भाषण के बहाने से जेल भेजा गया।

 जेल से रिहाई के बाद उन्होंने प्रेस से कहा कि उनको जिस भाषण के आधार पर जेल भेजा गया वह 12 दिसंबर 2019 का है। जो उन्होंने सीएए के विरुद्ध एक सभा में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बाहर दिया था। लेकिन उनको जनवरी के आख़िर में गिरफ़्तार किया गया और रासुका उस वक़्त लगी जब वह जेल से रिहा होने वाले थे। फिर इसे लगातार बढ़ाया जाने लगा।

 रिहाई के समय प्रेस से संक्षेप में हुई बातचीत में उन्होंने यह भी कहा की सरकार उनको इसलिए जेल में रखना चाहती है ताकि जनता को यह ना मालूम हो कि उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था कितनी चरमरा चुकी है और कोविड के इलाज में क्या कमियां हैं। हालाँकि उन्होंने यह भी कहा कि वह न ही झुकेंगे और न हौसला कम हुआ है। वह फिर जाकर बाढ़ प्रभावित इलाक़ों में स्वास्थ शिविर लगाकर ग़रीब बच्चों का इलाज करेंगे।

 न्यूज़क्लिक के लिए फोन पर बातचीत में डॉ. कफ़ील ने योगी सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए यह भी कहा कि वे यूपी एसटीएफ का शुक्रिया अदा करते हैं कि मुंबई से लाते समय उनका एनकाउंटर नहीं किया गया।

 रिहाई मिलने के बाद वह पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर अपने घर न आकर राजस्थान जाने पर उनके परिवार वालों का कहना है कि गोरखपुर में घर पर रहते हुए भी उनको झूठे मुक़दमों में फंसाया जा सकता था। राजस्थान की सीमा मथुरा से क़रीब है, इसलिए उनको वहाँ भेज दिया गया। फ़िलहाल कुछ हफ़्ते अभी वह वहीं रहेंगे। आपको बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है।

 उल्लेखनीय है अगस्त 2017 में बीआरडी मेडिकल कॉलेज (गोरखपुर) के बाल रोग विभाग के प्रवक्ता डॉ. कफ़ील ख़ान उस समय मीडिया की सुर्खी में आए, जब वहां एक साथ बड़ी तादाद में बच्चों की ऑक्सीजन की कमी से मौत हो गई थी। डॉ. कफ़ील पहले मीडिया में एक हीरो की तरह सामने आए थे जिसके प्रयासों से कई बच्चों की जान बचाई जा सकी। लेकिन इस मामले में योगी सरकार द्वारा उन्हें दोषी मानकर निलंबित कर जेल भेज दिया गया था।

 जनवरी से डॉ. कफ़ील प्रदेश की मथुरा जेल में बंद थे। उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने 29 जनवरी 2020 की रात को उनको मुम्बई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 12 दिसंबर 2019 को सीएए के विरुद्ध एक प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया था।

Dr Kafeel Khan
up govt
Allahabad HC
NSA
National Security Act

Related Stories

उत्तर प्रदेश: बुद्धिजीवियों का आरोप राज्य में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का फ़ैसला मुसलमानों पर हमला है

कांग्रेस का कार्ड, अखिलेश की तस्वीर, लेकिन लाभार्थी सिर्फ़ भाजपा के साथ?

यूपी चुनाव: बीजेपी के गढ़ पीलीभीत में इस बार असल मुद्दों पर हो रहा चुनाव, जाति-संप्रदाय पर नहीं बंटी जनता

यूपी में मीडिया का दमन: 5 साल में पत्रकारों के उत्पीड़न के 138 मामले

यूपी चुनाव से पहले बीजेपी को एक और झटका, कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी दिया इस्तीफ़ा

इतवार की कविता : अकबर 'इलाहाबादी' की एक ग़ज़ल

क्या मोदी की निरंकुश शैली आगे भी काम करेगी? 

लखनऊ में किसान महापंचायत आज, बर्ख़ास्तगी को चुनौती देंगे कफ़ील ख़ान, और अन्य ख़बरें

बीआरडी अस्पताल मामले में डॉ. कफ़ील खान को योगी सरकार ने किया बर्खास्त

सुप्रीम कोर्ट में लखीमपुर हत्याकांड की सुनवाई, कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार


बाकी खबरें

  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    'राम का नाम बदनाम ना करो'
    17 Apr 2022
    यह आराधना करने का नया तरीका है जो भक्तों ने, राम भक्तों ने नहीं, सरकार जी के भक्तों ने, योगी जी के भक्तों ने, बीजेपी के भक्तों ने ईजाद किया है।
  • फ़ाइल फ़ोटो- PTI
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: क्या अब दोबारा आ गया है LIC बेचने का वक्त?
    17 Apr 2022
    हर हफ़्ते की कुछ ज़रूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन..
  • hate
    न्यूज़क्लिक टीम
    नफ़रत देश, संविधान सब ख़त्म कर देगी- बोला नागरिक समाज
    16 Apr 2022
    देश भर में राम नवमी के मौक़े पर हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद जगह जगह प्रदर्शन हुए. इसी कड़ी में दिल्ली में जंतर मंतर पर नागरिक समाज के कई लोग इकट्ठा हुए. प्रदर्शनकारियों की माँग थी कि सरकार हिंसा और…
  • hafte ki baaat
    न्यूज़क्लिक टीम
    अखिलेश भाजपा से क्यों नहीं लड़ सकते और उप-चुनाव के नतीजे
    16 Apr 2022
    भाजपा उत्तर प्रदेश को लेकर क्यों इस कदर आश्वस्त है? क्या अखिलेश यादव भी मायावती जी की तरह अब भाजपा से निकट भविष्य में कभी लड़ नहींं सकते? किस बात से वह भाजपा से खुलकर भिडना नहीं चाहते?
  • EVM
    रवि शंकर दुबे
    लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों में औंधे मुंह गिरी भाजपा
    16 Apr 2022
    देश में एक लोकसभा और चार विधानसभा चुनावों के नतीजे नए संकेत दे रहे हैं। चार अलग-अलग राज्यों में हुए उपचुनावों में भाजपा एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हुई है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License