NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
चिलीवासियों ने क़ैदियों की रिहाई और जेलों में मिलने-जुलने को फिर से शुरू करने की मांग की
सामाजिक संगठनों के साथ-साथ राजनीतिक दल सैकड़ों युवा प्रदर्शनकारियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं जो अक्टूबर 2019 के सामाजिक विद्रोह के दौरान पुलिस द्वारा सड़कों पर प्रदर्शन करने के लिए हिरासत में लिए जाने के बाद लगभग एक साल से प्रिवेंटिव डिटेंशन में हैॆं।
पीपल्स डिस्पैच
03 Nov 2020
चिली

चिली में पिछले साल सामाजिक विद्रोह के दौरान गिरफ़्तार किए गए प्रदर्शनकारियों की रिहाई की मांग करने के लिए 2 नवंबर को रिश्तेदारों और दोस्तों और विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने राजधानी सैंटियागो के सैन मिगुएल जेल के बाहर प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनकारियों ने देश भर की जेलों में बंद कैदियों से मुलाकात करने की व्यवस्था को फिर से शुरु करने की भी मांग की।

"बाहरी दुनिया की सामान्य व्यवस्था अंदरूनी लोगों के लिए बेखबर नहीं हो सकती है" के नारे के तहत अपने क़रीबियों से मिलने के लिए क़ैदियों को अनुमति दी जाए की मांग करते हुए जेल के बाहर सौ से अधिक लोग इकट्ठा हुए। उन्होंने उन लोगों की स्वतंत्रता का भी आह्वान किया जिन्होंने प्रिवेंटिव डिटेंशन में लगभग एक वर्ष बिताया है।

जेल के बाहर होने वाले विरोध प्रदर्शनों को देख कर जेल भीतर के क़ैदियों ने भी किया। जेल के भीतर के क़ैदियों ने विरोध में सलाखों को पीटते हुए खिड़की से झंडे लहराए।

25 अक्टूबर को संवैधानिक जनमत संग्रह के बाद सैकड़ों युवा प्रदर्शनकारी जो बिना किसी अपराध के सड़कों पर प्रदर्शन करने के लिए जेल में हैं उनको रिहा करने की मांग चिली में ज़ोर पकड़ रही है। विभिन्न वामपंथी विपक्षी दलों के कई विधायिका सदस्यों ने सरकारी हिंसा के पीड़ितों के लिए सम्मान और मुआवजे को लेकर बिल पेश किया है जिन्होंने अपने मानवाधिकारों का उल्लंघन झेला है।

इस नेतृत्व के मुख्य आयोजक चिलियन कम्युनिस्ट पार्टी (पीसीसी) की डिप्टी कैमिला वल्लेजो ने बताया कि देश उन हज़ारों लोगों के क़र्ज़दार है जो मर गए, घायल हो गए, अपनी आंखें खोई और मनोवैज्ञानिक नुकसान झेला। यह हमेशा उनकी याद दिलाएगा।

प्रोग्रेसिव कंट्री पार्टी (पीएआईस) के सीनेटर अलेजांद्रो नवारो ने कहा कि वह सीनेट को एक बिल पेश करेंगे जो उन सभी राजनीतिक कैदियों के लिए भी आम-माफी की अनुमति देगा जो उन अपराधों के आरोपी हैं जिन्होंने अपराध नहीं किया था और अपमानजनक प्रिवेंटिव क़ैद का सामना कर चुके हैं।

चिली में नेशनल इंस्टिच्यूट ऑफ ह्यूमन राइट्स (आईएनडीएच) द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार नवउदार अर्थ नीति के ख़िलाफ़ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन शुरु होने के दिन यानी 18 अक्टूबर 2019 और 18 मार्च 2020 के बीच भारी पुलिस दमन के चलते 31 लोग मारे गए, 10,365 लोगों को गिरफ्तार किया गया, 6,158 गंभीर रूप से घायल हुए, 445 लोगों को आंख में चोट लगी और आंख की रौशनी गंवाई, 520 लोगों को प्रताड़ित किया गया और धमकी दी गई, 197 का यौन उत्पीड़न किया गया और 1,073 लोगों को अत्यधिक बल प्रयोग का सामना करना पड़ा।

Chile
Social rebellion
Chile protests
Progressive Country Party
PAIS

Related Stories

क्या चिली की प्रगतिशील सरकार बोलीविया की समुद्री पहुंच के रास्ते खोलेगी?

यूक्रेन पर रूसी हमला जारी, क्या निकलेगी शांति की राह, चिली-कोलंबिया ने ली लाल करवट

दुनिया भर की: दक्षिण अमेरिका में वाम के भविष्य की दिशा भी तय करेंगे बोरिक

2.2 करोड़ अफ़ग़ानियों को भीषण भुखमरी में धकेला अमेरिका ने, चिले में वाम की ऐतिहासिक जीत

नज़रिया : ग्रेबिएल बोरिक की जीत चिली के वामपंथ के लिए बड़ा मौक़ा

लैटिन अमेरिका दर्शा रहा है कि दक्षिणपंथी उभार स्थायी नहीं है

दुनिया भर की : चिली में वामपंथी छात्र नेता होंगे सबसे युवा राष्ट्रपति

प्रगतिशील शक्तियों ने चिली के कंस्टिट्यूशनल कन्वेंशन में अधिकांश सीटें जीतीं

नवउदारवाद चिली में पैदा हुआ था, चिली में ही नवउदारवाद का अंत होगा!

चिली के लोगों ने सेबेस्टियन पिनेरा और पुलिस के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन तेज़ किया


बाकी खबरें

  • bulldozer
    न्यूज़क्लिक टीम
    दिल्ली: बुलडोज़र राजनीति के ख़िलाफ़ वामदलों का जनता मार्च
    11 May 2022
    देश के मुसलमानों, गरीबों, दलितों पर चल रहे सरकारी बुल्डोज़र और सरकार की तानाशाही के खिलाफ राजधानी दिल्ली में तमाम वाम दलों के साथ-साथ युवाओं, महिलाओं और संघर्षशील संगठनों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के…
  • qutub minar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब क़ुतुब मीनार, ताज महल से हासिल होंगे वोट? मुग़ल दिलाएंगे रोज़गार?
    11 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा सवाल पूछ रहे हैं कि देश में कभी क़ुतुब मीनार के नाम पर कभी ताज महल के नाम पर विवाद खड़ा करके, सरकार देश को किस दिशा में धकेल रही…
  • sedition
    विकास भदौरिया
    राजद्रोह पर सुप्रीम कोर्ट: घोर अंधकार में रौशनी की किरण
    11 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट का आज का आदेश और न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ का हाल का बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि नागरिकों के असंतोष या उत्पीड़न को दबाने के लिए आपराधिक क़ानून का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए, एक आशा…
  • RAVIKANT CASE
    असद रिज़वी
    लखनऊ विश्वविद्यालय: दलित प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ मुक़दमा, हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं!
    11 May 2022
    प्रोफ़ेसर रविकांत चंदन हमले की FIR लिखाने के लिए पुलिस के आला-अफ़सरों के पास दौड़ रहे हैं, लेकिन आरोपी छात्रों के विरुद्ध अभी तक न तो पुलिस की ओर से क़ानूनी कार्रवाई हुई है और न ही विवि प्रशासन की ओर…
  • jaysurya
    विवेक शर्मा
    श्रीलंका संकट : आम जनता के साथ खड़े हुए खिलाड़ी, सरकार और उसके समर्थकों की मुखर आलोचना
    11 May 2022
    श्रीलंका में ख़राब हालात के बीच अब वहां के खिलाड़ियों ने भी सरकार और सरकार के समर्थकों की कड़ी निंदा की है और जवाब मांगा है। क्रिकेट जगत के कई दिग्गज अपनी-अपनी तरह से आम जनता के साथ एकजुटता और सरकार…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License