NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कृषि
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक को संसद की मंज़ूरी, आलू-प्याज़ भी सूची से होंगे बाहर
संसद ने अनाज, तिलहनों, खाद्य तेलों, प्याज़ एवं आलू को आवश्यक वस्तुओं की सूची से बाहर करने के प्रावधान वाले विधेयक को भी मंजूरी दे दी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
22 Sep 2020
संसद

नयी दिल्ली: विपक्ष ही नहीं देश में किसानों के विरोध को नज़रअंदाज़ करते हुए कृषि सुधार के नाम पर लाया गया तीसरा बिल भी संसद में पास कर दिया गया।

मंगलवार को संसद ने अनाज, तिलहनों, खाद्य तेलों, प्याज़ एवं आलू को आवश्यक वस्तुओं की सूची से बाहर करने के प्रावधान वाले एक विधेयक को मंजूरी दे दी।

राज्यसभा ने इससे संबंधित आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा इसे 15 सितंबर को ही पारित कर चुकी है। यह विधेयक कानून बनने के बाद इससे संबंधित अध्यादेश का स्थान लेगा।

इस विधेयक का मकसद निजी निवेशकों की कुछ आशंकाओं को दूर करना है। व्यापारियों को अपने कारोबारी गतिविधियों में अत्यधिक नियामक हस्तक्षेप को लेकर चिंताएं बनी रहती हैं।

सरकार पहले ही कह चुकी है कि उत्पादन, उत्पादों को जमा करने, आवागमन, वितरण एवं आपूर्ति की स्वतंत्रता से बड़े स्तर पर अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा तथा कृषि क्षेत्र में निजी एवं विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आकर्षित होगा।

विधेयक पर हुई संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए उपभोक्ता मामलों तथा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे ने कहा कि कानून के जरिये स्टॉक की सीमा थोपने से कृषि क्षेत्र में निवेश में अड़चनें आ रही हैं।

उन्होंने कहा कि साढ़े छह दशक पुराने इस कानून में स्टॉक रखने की सीमा राष्ट्रीय आपदा तथा सूखे की स्थिति में मूल्यों में भारी वृद्धि जैसे आपात हालात उत्पन्न होने पर ही लागू की जाएगी।

विधेयक में प्रसंस्करणकर्ताओं और मूल्यवर्द्धन करने वाले पक्षों को स्टॉक सीमा से छूट दी गयी है।

दानवे ने कहा कि इस कदम से कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा तथा अधिक भंडारण क्षमता सृजित होने से फसलों की कटाई पश्चात होने वाले नुकसान को कम किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘यह संशोधन किसानों एवं उपभोक्ताओं दोनों के पक्ष में है।’’

विधेयक पर हुई संक्षिप्त चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के गोपाल नारायण सिंह ने कहा कि इस विधेयक के कानून बनने के बाद कृषि क्षेत्र में पूंजी निवेश बढ़ेगा तथा कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इन सब प्रावधानों से किसानों को लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने किसानों के हितों और उनकी आय बढ़ाने के लिए कई कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के प्रावधानों से किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

अन्नाद्रमुक के एस आर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि सरकार जो संशोधन लेकर आयी है उससे आवश्यक वस्तुओं के बढ़ते दामों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।

बीजद के अमर पटनायक ने सरकार ने आवश्यक वस्तु कानून में संशोधन के बावजूद सावर्जनिक वितरण प्रणाली के तहत सरकारी एजेंसियों द्वारा किसानों से उनके उत्पादों की खरीद को जारी रखा गया है। इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर जो आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं, वे निर्मूल साबित हो गयीं।

जद(यू) के रामचंद्र प्रसाद सिंह ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इसके प्रावधान आज के कृषि क्षेत्र की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाये गये। उन्होंने कहा कि इससे भंडारण एवं कोल्ड स्टोरेज के निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा।

तेलुगु देशम पार्टी के रवीन्द्रकुमार ने सरकार को इस मामले में सतर्क रवैया अपनाने की सलाह देते हुए कहा कि इस विधेयक के प्रावधान से कहीं बाजार हावी न हो जाए और ऐसे में किसानों को कम दाम मिलेंगे।

टीएमसी (एम) के जी के वासन ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि आवश्यक वस्तुओं के भंडारण की अनुमति देने से इन वस्तुओं की कालाबाजारी की आशंका उत्पन्न हो सकती है।

आपको बता दें कि इससे पहले रविवार 20 सितंबर को राज्यसभा में भारी विरोध और हंगामे के बीच कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 पास कर दिया गया था।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

इसे पढ़ें : नए भारत में बदहाल किसान

Parliament of India
Rajya Sabha
opposition parties
agricultural crises
farmer crises
Agricultural Reforms
capitalist
Indian Farmer's Union
Farmers Bill
Narendra modi
modi sarkar
BJP

Related Stories

किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है

ब्लैक राइस की खेती से तबाह चंदौली के किसानों के ज़ख़्म पर बार-बार क्यों नमक छिड़क रहे मोदी?

आख़िर किसानों की जायज़ मांगों के आगे झुकी शिवराज सरकार

किसान-आंदोलन के पुनर्जीवन की तैयारियां तेज़

ग्राउंड रिपोर्टः डीज़ल-पेट्रोल की महंगी डोज से मुश्किल में पूर्वांचल के किसानों की ज़िंदगी

बिहार: कोल्ड स्टोरेज के अभाव में कम कीमत पर फसल बेचने को मजबूर आलू किसान

सावधान: यूं ही नहीं जारी की है अनिल घनवट ने 'कृषि सुधार' के लिए 'सुप्रीम कमेटी' की रिपोर्ट 

ग़ौरतलब: किसानों को आंदोलन और परिवर्तनकामी राजनीति दोनों को ही साधना होगा

यूपी चुनाव: पूर्वी क्षेत्र में विकल्पों की तलाश में दलित

उप्र चुनाव: उर्वरकों की कमी, एमएसपी पर 'खोखला' वादा घटा सकता है भाजपा का जनाधार


बाकी खबरें

  • padtal dunia ki
    न्यूज़क्लिक टीम
    कोलंबिया में लाल को बढ़त, यूक्रेन-रूस युद्ध में कौन डाल रहा बारूद
    31 May 2022
    पड़ताल दुनिया भर की' में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने लातिन अमेरिका के देश कोलंबिया में चुनावों में वाम दल के नेता गुस्तावो पेत्रो को मिली बढ़त के असर के बारे में न्यूज़क्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर…
  • मुकुंद झा
    छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"
    31 May 2022
    एनईपी 2020 के विरोध में आज दिल्ली में छात्र संसद हुई जिसमें 15 राज्यों के विभिन्न 25 विश्वविद्यालयों के छात्र शामिल हुए। इस संसद को छात्र नेताओं के अलावा शिक्षकों और राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी…
  • abhisar sharma
    न्यूज़क्लिक टीम
    सरकारी एजेंसियाँ सिर्फ विपक्ष पर हमलावर क्यों, मोदी जी?
    31 May 2022
    आज अभिसार शर्मा बता रहे हैं के सरकारी एजेंसियों ,मसलन प्रवर्तन निदेशालय , इनकम टैक्स और सीबीआई सिर्फ विपक्ष से जुड़े राजनेताओं और व्यापारियों पर ही कार्रवाही क्यों करते हैं या गिरफ्तार करते हैं। और ये…
  • रवि शंकर दुबे
    भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट बैंक है मुसलमान?... संसद भेजने से करती है परहेज़
    31 May 2022
    अटल से लेकर मोदी सरकार तक... सदन के भीतर मुसलमानों की संख्या बताती है कि भाजपा ने इस समुदाय का सिर्फ वोटबैंक की तरह इस्तेमाल किया है।   
  • विजय विनीत
    ज्ञानवापी सर्वे का वीडियो लीक होने से पेचीदा हुआ मामला, अदालत ने हिन्दू पक्ष को सौंपी गई सीडी वापस लेने से किया इनकार
    31 May 2022
    अदालत ने 30 मई की शाम सभी महिला वादकारियों को सर्वे की रिपोर्ट के साथ वीडियो की सीडी सील लिफाफे में सौंप दी थी। महिलाओं ने अदालत में यह अंडरटेकिंग दी थी कि वो सर्वे से संबंधित फोटो-वीडियो कहीं…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License