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हाईकोर्ट ने नहीं मानी कोरोना काल में सेंट्रल विस्टा का काम रोकने की दलील
परियोजना रोके जाने की मांग करते हुए यह याचिका अनुवादक अन्य मल्होत्रा और इतिहासकार एवं वृत्तचित्र फिल्मकार सोहेल हाशमी ने दायर की थी। याचिका में दलील दी गई थी कि यह परियोजना आवश्यक गतिविधि नहीं है और इसलिये महामारी के दौरान अभी इसे टाला जा सकता है।
भाषा
31 May 2021
हाईकोर्ट ने नहीं मानी कोरोना काल में सेंट्रल विस्टा का काम रोकने की दलील
Image courtesy : Business Standard

नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सेंट्रल विस्टा परियोजना के निर्माण कार्य को जारी रखने की सोमवार को अनुमति देते हुए कहा कि यह एक ‘‘अहम एवं आवश्यक’’ राष्ट्रीय परियोजना है।

अदालत ने ‘‘किसी मकसद से प्रेरित’’ याचिका के लिए याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रुपए जुर्माना लगाया।

अदालत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय इस परियोजना को पहले ही वैध ठहरा चुका है।

उसने कहा कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी इसे जारी रखने की अनुमति दी है, कर्मी पहले से ही स्थल पर मौजूद हैं और इसलिए ‘‘हमें काम रोकने का कोई कारण नजर नहीं आता’’।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान परियोजना रोके जाने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज करते हुए कहा कि याचिका किसी मकसद से ‘‘प्रेरित’’ थी और ‘‘वास्तविक जनहित याचिका’’ नहीं थी।

अदालत ने याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रुपए जुर्माना लगाया।

अदालत ने कहा कि शापूरजी पालोनजी ग्रुप को दिए गए ठेके के तहत काम नवंबर 2021 तक पूरा किया जाना है और इसलिए इसे जारी रखने की अनुमति दी जानी चाहिए।

परियोजना रोके जाने की मांग करते हुए यह याचिका अनुवादक अन्य मल्होत्रा और इतिहासकार एवं वृत्तचित्र फिल्मकार सोहेल हाशमी ने दायर की थी। याचिका में दलील दी गई थी कि यह परियोजना आवश्यक गतिविधि नहीं है और इसलिये महामारी के दौरान अभी इसे टाला जा सकता है।

परियोजना के तहत एक नए संसद भवन और एक नए आवासीय परिसर के निर्माण की परिकल्पना की गई है, जिसमें प्रधानमंत्री और उप-राष्ट्रपति के आवास के साथ-साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालयों के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण होना है।

Central Vista
Delhi High court
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