NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
वन संरक्षण कानून में संशोधन मसौदा तैयार करने का ठेका कॉर्पोरेट को : किसान सभा ने जताया विरोध
छत्तीसगढ़ किसान सभा ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा भारतीय वन कानून, 1927 में संशोधन मसौदा तैयार करने का ठेका कॉर्पोरेट कंपनियों को देने की तीखी आलोचना करते हुए विरोध जताया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
20 Jul 2021
वन संरक्षण कानून में संशोधन मसौदा तैयार करने का ठेका कॉर्पोरेट को : किसान सभा ने जताया विरोध
प्रतीकात्मक तस्वीर

छत्तीसगढ़ किसान सभा ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा भारतीय वन कानून, 1927 में संशोधन मसौदा तैयार करने का ठेका कॉर्पोरेट कंपनियों को देने के लिए 'रूचि की अभिव्यक्ति' आमंत्रित करने की तीखी आलोचना करते हुए इसका विरोध किया है तथा कहा है कि अब यह सरकार के उस निजीकरण की शुरूआत है, जो कानून बनाने का काम भी कॉर्पोरेट कंपनियों को सौंप रही है।

मोदी सरकार के पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने यह आमंत्रण 22 जून को जारी किया है और इसका मुख्य उद्देश्य 'वन्य-व्यापार को सुगम बनाना' है।

एक बयान में छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते तथा महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा है कि वन और वन संपदा के उपयोग का मामला भारतीय संविधान की समवर्ती सूची का हिस्सा है और यह राज्य के अधिकार क्षेत्र का मामला है। राज्य की स्वीकृति के बिना केंद्र सरकार वन भूमि का अन्य प्रयोजनों के लिए उपयोग तक नहीं कर सकती। इसलिए राज्यों से सलाह-मशविरा किये बिना इस विषय पर कोई भी कानून बनाना संघवाद के खिलाफ होगा।

किसान सभा नेताओं ने कहा कि जिस कॉर्पोरेट क्षेत्र की बुरी नजर इस देश के जल, जंगल, जमीन, खनिज व अन्य प्राकृतिक संपदा पर गड़ी हुई है, उसे ही कानून बनाने के लिए कहा जा रहा है। यह चोरों को ही चौकीदारी का जिम्मा देने के समान है। मोदी सरकार के इस कदम से वन संरक्षण, वनों में रहने वाले समुदायों की आजीविका और उनके अधिकार, जैव-विविधता आदि सभी खतरे में पड़ गए हैं और वास्तव में यह वन संरक्षण कानून को कमजोर करने और राज्यों के अधिकार हड़पने के लिए किया जा रहा है।

किसान सभा नेताओं ने कहा है कि जो लोग और संस्थाएं वनों, वन्य-जीवों और जैव-विविधता के संरक्षण तथा वनों पर निर्भर गरीब समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ रहे है, उन ताकतों को कानून निर्माण की प्रक्रिया से बाहर रखने से ही मोदी सरकार के कॉर्पोरेटपरस्त इरादों का पता चलता है। छत्तीसगढ़ किसान सभा ने कहा है कि किसी कानून का मसौदा तैयार करना राज्य का संप्रभु और सार्वभौमिक अधिकार है और यह काम किसी कॉर्पोरेट कंपनी को नहीं सौंपा जा सकता, इसलिए मोदी सरकार अपनी 'रूचि की अभिव्यक्ति' के आमंत्रण को तुरंत वापस लें।

Forest Conservation Act
Forest Conservation
Chhattisgarh Kisan Sabha

Related Stories

केन-बेतवा लिंकिंग परियोजना केवल प्रतिष्ठा से है जुड़ी, इसमें जल संकट का समाधान नहीं

खोरी विध्वंस : पुलिस ने दुबारा लाठीचार्ज किया 

पेसा के 25 साल: उल्लंघन एवं कमज़ोर करने के प्रयास

छत्तीसगढ़ : “विकास के नाम पर पुनर्वास बिना दोबारा विस्थापन स्वीकार नहीं”

दिवालिया कंपनी देवू द्वारा अधिग्रहित ज़मीन को किसानों को वापस करे सरकार : छत्तीसगढ़ किसान सभा

वन संरक्षण अधिनियम से छेड़छाड़ करने की नीति से आदिवासियों और भूमि अधिकारों पर पड़ेगा प्रभाव : वनाधिकार कार्यकर्ता

छत्तीसगढ़: किसान आंदोलन के समर्थन में आए आदिवासी, बस्तर से शुरू हुईं पंचायतें

वनाधिकार: मुख्यमंत्री से मिलने जा रहे सैकड़ों आदिवासियों को प्रशासन ने रोका

मोदी सरकार ने वन्य क़ानून को धता बता कर कोयला खनन की दी मंज़ूरी


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: अभी नहीं चौथी लहर की संभावना, फिर भी सावधानी बरतने की ज़रूरत
    14 May 2022
    देश में आज चौथे दिन भी कोरोना के 2,800 से ज़्यादा मामले सामने आए हैं। आईआईटी कानपूर के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. मणींद्र अग्रवाल कहा है कि फिलहाल देश में कोरोना की चौथी लहर आने की संभावना नहीं है।
  • afghanistan
    पीपल्स डिस्पैच
    भोजन की भारी क़िल्लत का सामना कर रहे दो करोड़ अफ़ग़ानी : आईपीसी
    14 May 2022
    आईपीसी की पड़ताल में कहा गया है, "लक्ष्य है कि मानवीय खाद्य सहायता 38% आबादी तक पहुंचाई जाये, लेकिन अब भी तक़रीबन दो करोड़ लोग उच्च स्तर की ज़बरदस्त खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं। यह संख्या देश…
  • mundka
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड : 27 लोगों की मौत, लेकिन सवाल यही इसका ज़िम्मेदार कौन?
    14 May 2022
    मुंडका स्थित इमारत में लगी आग तो बुझ गई है। लेकिन सवाल बरकरार है कि इन बढ़ती घटनाओं की ज़िम्मेदारी कब तय होगी? दिल्ली में बीते दिनों कई फैक्ट्रियों और कार्यस्थलों में आग लग रही है, जिसमें कई मज़दूरों ने…
  • राज कुमार
    ऑनलाइन सेवाओं में धोखाधड़ी से कैसे बचें?
    14 May 2022
    कंपनियां आपको लालच देती हैं और फंसाने की कोशिश करती हैं। उदाहरण के तौर पर कहेंगी कि आपके लिए ऑफर है, आपको कैशबैक मिलेगा, रेट बहुत कम बताए जाएंगे और आपको बार-बार फोन करके प्रेरित किया जाएगा और दबाव…
  • India ki Baat
    बुलडोज़र की राजनीति, ज्ञानवापी प्रकरण और राजद्रोह कानून
    13 May 2022
    न्यूज़क्लिक के नए प्रोग्राम इंडिया की बात के पहले एपिसोड में अभिसार शर्मा, भाषा सिंह और उर्मिलेश चर्चा कर रहे हैं बुलडोज़र की राजनीति, ज्ञानवापी प्रकरण और राजद्रोह कानून की। आखिर क्यों सरकार अड़ी हुई…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License