NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अदालत ने उमर खालिद को 2020 दिल्ली दंगे के एक मामले में जमानत दी लेकिन जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे खालिद !
अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पिछले साल फरवरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा के एक मामले में उमर खालिद को बृहस्पतिवार को जमानत दे दी। अदालत ने अभियोजन की यह दलील भी खारिज कर दी कि खालिद मोबाइल फोन पर सह-आरोपी ताहिर हुसैन और खालिद सैफी के निरंतर संपर्क में था।
भाषा
15 Apr 2021
 अदालत ने उमर खालिद को 2020 दिल्ली दंगे के एक मामले में दी जमानत लेकिन जेल से बहार नहीं आ पाएंगे खालिद !
image courtesy :social media

नयी दिल्ली,  दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पिछले साल फरवरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा के एक मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उमर खालिद को बृहस्पतिवार को जमानत दे दी।

अदालत ने कहा कि घटना के दिन वह वारदात स्थल पर मौजूद नहीं था।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने आदेश में कहा, ‘‘वादी (खालिद), घटना के दिन वारदात स्थल से संबद्ध किसी सीसीटीवी फुटेज/वायरल वीडियो में नजर नहीं आ रहा है। मौके पर मौजूद रहने के तौर पर वादी की शिनाख्त किसी सरकारी गवाह या पुलिस के गवाह के जरिये नहीं हो पाई है। ’’

अदालत ने कहा कि यहां तक कि वादी के मोबाइल फोन की ‘कॉल डिटेल रिकार्ड’ (सीडीआर) घटना के दिन वारदात स्थल पर नहीं पाई गई।

अदालत ने कहा कि वादी को महज उसके खुद के बयान के आधार पर इस विषय में संलिप्त कर दिया गया।

अदालत ने अभियोजन की यह दलील भी खारिज कर दी कि खालिद मोबाइल फोन पर सह-आरोपी ताहिर हुसैन और खालिद सैफी के निरंतर संपर्क में था।

इस मामले में प्राथमिकी कांस्टेबल संग्राम सिंह के बयान पर दर्ज की गई थी।

हालांकि, खालिद को इस मामले में जमानत मिल गई है लेकिन जेएनयू के इस पूर्व छात्र को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा। दरअसल, खालिद कुछ अन्य मामलों में भी आरोपी है, जिनमें एक मामला गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश का है।

Delhi riots
Umar khalid
Delhi Violence
Khajuri Khas
North east delhi
JNU
delhi police

Related Stories

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

क्या पुलिस लापरवाही की भेंट चढ़ गई दलित हरियाणवी सिंगर?

बग्गा मामला: उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से पंजाब पुलिस की याचिका पर जवाब मांगा

शाहीन बाग़ : देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ!

ग़ैरक़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) क़ानून और न्याय की एक लंबी लड़ाई

शाहीन बाग़ ग्राउंड रिपोर्ट : जनता के पुरज़ोर विरोध के आगे झुकी एमसीडी, नहीं कर पाई 'बुलडोज़र हमला'

जहांगीरपुरी : दिल्ली पुलिस की निष्पक्षता पर ही सवाल उठा दिए अदालत ने!

अदालत ने कहा जहांगीरपुरी हिंसा रोकने में दिल्ली पुलिस ‘पूरी तरह विफल’

जेएनयू: अर्जित वेतन के लिए कर्मचारियों की हड़ताल जारी, आंदोलन का साथ देने पर छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष की एंट्री बैन!


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License