किसान जीत गया। 11 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर और किसान आंदोलन स्थल अब खाली हो रहे हैं । मगर किसानों ने उनके शब्दों में एक अत्याचारी और तानाशाही सरकारको झुका दिया है। किसानों ने चेतावनी दी है के अगर सरकार ने आगे कुछ गड़बड़ की तो आंदोलन फिर से शुरू हो सकता है। सुनिये अभिसार शर्मा को आज बोल के लब आज़ाद हैं तेरे में।