NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
#MeToo आंदोलन के बाद दायर मामले में पहली बार ईजिप्ट में सज़ा का ऐलान
महिलाओं के ख़िलाफ़ कई अपराधों के लिए दोषी अहमद बासम ज़की को तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई है। वह अन्य मामलों का भी सामना कर रहा है जिसमें वह बलात्कार, यौन हिंसा, नाबालिगों से छेड़छाड़, ब्लैकमेल और जबरन वसूली का आरोपी है।
पीपल्स डिस्पैच
31 Dec 2020
MeToo

काहिरा की अमेरिकन यूनिवर्सिटी के 22 वर्षीय पूर्व छात्र अहमद बासम ज़की को काहिरा आर्थिक न्यायालय ने यौन अपराधों के लिए मंगलवार 29 दिसंबर को दोषी ठहराया। इन अपराधों में "फोन पर दो लड़कियों का यौन उत्पीड़न करना", "एक लड़की को यौन तस्वीरें भेजना" और "बार-बार उसकी सहमति के बिना एक लड़की से संपर्क करने की कोशिश करना" शामिल है। उसे तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर #MeToo आंदोलन के मद्देनजर जकी के खिलाफ कई रेप और यौन उत्पीड़न के आरोपों ने देश में महिला के खिलाफ यौन अपराध को लेकर देशव्यापी आंदोलन को तेज कर दिया था।

जकी के खिलाफ कई अन्य आपराधिक मामले हैं जहां वह छह महिलाओं और नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न, बलात्कार के प्रयास और ब्लैकमेल सहित कई आरोपों का सामना कर रहा है। दोषी पाए जाने पर उसे 3-15 साल की जेल की सजा का सामना करना पड़ सकता है। 50 से अधिक महिलाओं और कम उम्र की लड़कियों ने पिछले जुलाई से सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया है कि उन्हें कई तरीकों से अभियुक्तों द्वारा शोषित और यौन शोषण किया गया। इन आरोपों को पहले ट्विटर और इंस्टाग्राम पर व्हिसलब्लोअर अकाउंट 'असॉल्ट पुलिस’ सामने लाया गया था।

इस ग्राफिक खुलासे के बाद ज़की को 6 जुलाई को गिरफ्तार किया गया। उसने बाद में छह शिकायतकर्ताओं से मारपीट करने और ब्लैकमेल करने की बात स्वीकार की जिसमें एक नाबालिग भी शामिल थी। जकी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा पर सुनवाई 9 जनवरी 2021 को होगी। एक वादी के वकील अहमद रागीब के अनुसार जकी के वकीलों ने आर्थिक अदालत के फैसले की अपील की है और 11 जनवरी को इस अपील की सुनवाई होगी।

जकी के खिलाफ महिलाओं द्वारा सार्वजनिक रुप से दिए गए बयान ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों के खिलाफ एक राष्ट्रीय आंदोलन को जन्म दिया। पूरे देश में सार्वजनिक रूप से अपनी खुद की घटनाओं को साझा करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया गया था जो कि अतीत से एक बड़ा परिवर्तन रहा। अतीत में महिलाएं या तो चुप थीं या उन्हें चुप रहने के लिए कहा जाता था या ऐसे अपराधों की रिपोर्ट दर्ज करने और बताने को अनिच्छुक थीं।

egypt
#metoo
metoo movement

Related Stories

सूडान: सैन्य तख़्तापलट के ख़िलाफ़ 18वें देश्वयापी आंदोलन में 2 की मौत, 172 घायल

इजिप्ट : राजनीतिक क़ैदियों के समर्थन में मशहूर हस्तियों ने किया भूख हड़ताल का ऐलान

इजिप्ट की संसद ने आतंकवादी समूहों से कथित संबंधों वाले सरकारी कर्मचारियों को बर्ख़ास्त करने के लिए क़ानून पारित किया

इतिहासकार की हिरासत को लेकर व्यापक आलोचना के बाद इजिप्ट ने ज़मानत पर रिहा किया

ईजिप्ट की आयरन एंड स्टील कंपनी बेचने का विरोध करने पर कर्मचारियों से सख़्ती

युद्धविराम की घोषणा के बाद गाज़ा में इज़रायली हमले समाप्त

ईजिप्ट : पुलिस स्टेशन पर 2013 के हमले के मामले में एक ही दिन में 17 लोगों को फांसी

मिस्र में मानवाधिकार उल्लंघन के रिकॉर्ड को देख अधिकार संगठनों का अमरीका से उसकी सैन्य सहायता रोकने का आह्वान

ईजिप्ट के मशहूर पत्रकार ख़ालिद दाऊद 18 महीने की हिरासत के बाद रिहा

जॉर्डन में तख़्तापलट की कोशिशों ने छोड़े सबूत


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License