NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
सरकार और किसानों के बीच चौथे चरण की चर्चा खत्म, अगली बैठक पांच दिसंबर को
केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच गुरुवार को करीब आठ घंटे चली बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकल सका लेकिन दोनों पक्षों ने पाँच दिसंबर को एक बार मिलने का फैसला किया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
03 Dec 2020
सरकार और किसानों के बीच चौथे चरण की चर्चा खत्म
Image courtesy : The Indian Express

कृषि कानूनों के विरोध में केंद्र सरकार और किसानों के बीच बैठक करीब आठ घंटे के बाद खत्‍म हुई है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि बातचीत सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में हुई। फिलहाल दोनों के बीच बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकल सका लेकिन दोनों पक्षों ने पाँच दिसंबर को एक बार मिलने का फैसला किया है।

किसान आंदोलन:  सरकार से चौथे दौर की बातचीत के बाद किसान नेताओं ने क्या कहा

किसान यूनियन के नेताओं से मुलाकात के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा, 'आज किसान यूनियन के साथ भारत सरकार के चौथे चरण की चर्चा पूरी हुई। किसान यूनियन ने अपना पक्ष रखा और सरकार ने अपना पक्ष रखा। आज बहुत अच्छे वातावरण में चर्चा हुई है। किसानों ने बहुत सही से अपने विषयों को रखा है। जो बिंदु निकले हैं उन पर हम सब लोगों की लगभग सहमति बनी है, परसों बैठेंगे तो इस बात को और आगे बढ़ाएंगे।'

उन्होंने कहा, 'किसान यूनियन और किसानों की चिंता है कि नए एक्ट से APMC ख़त्म हो जाएगी। भारत सरकार इस बात पर विचार करेगी कि APMC सशक्त हो और APMC का उपयोग और बढ़े। किसान यूनियन की पराली के विषय में एक अध्यादेश पर शंका है, विद्युत एक्ट पर भी उनकी शंका है। इसपर भी सरकार चर्चा करने के लिए तैयार है। आज बैठक का चौथा चरण समाप्त हुआ है। परसों (5 दिसंबर) दोपहर में 2 बजे यूनियन के साथ सरकार की मुलाकात फिर होगी और हम किसी अंतिम निर्णय पर पहुंचेंगे।'

दूसरी ओर, सरकार के साथ बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, 'सरकार ने MSP पर संकेत दिए हैं। सरकार बिलों में संशोधन चाहती है। आज बात कुछ आगे बढ़ी है। आंदोलन जारी रहेगा। 5 दिसंबर को बैठक फिर से होगी।'

इससे पहले किसान नेताओं ने बृहस्पतिवार को यहां तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ हुई बैठक के दौरान दिए गए भोजन को खाने से मना कर दिया और इसके बजाय सिंघू बॉर्डर से एक वाहन में लाया गया खाना खाने को तरजीह दी। आपको बता दें कि गुरुवार को कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ जारी विरोध प्रदर्शन के बीच दोपहर के आसपास विज्ञान भवन में किसान नेताओं और सरकार के बीच चौथे दौर की बातचीत हुई थी। बैठक के बीच भोजनवकाश के दौरान लगभग चालीस लोगों का भोजन लेकर आई एक छोटी वैन को विज्ञान भवन के बाहर देखा गया।

लोक संघर्ष मोर्चा की अध्यक्ष प्रतिभा शिंदे ने कहा, “हमारे किसान प्रतिनिधियों ने सरकार की ओर से दिया गया भोजन स्वीकार नहीं किया और हमने अपने लिए भोजन सिंघू बॉर्डर से मंगाया।” उन्होंने कहा कि किसान नेताओं ने सरकार से कहा कि भोजन उपलब्ध करा कर अच्छा मेजबान बनने की बजाय वह मुद्दे को सुलझाने पर ध्यान केंद्रित करें।

शिंदे ने कहा, “हम सरकार का दिया हुआ खाना कैसे खा सकते हैं जब हमारे साथी किसान सड़क पर बैठे हैं।”

आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी के सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर हजारों किसान पिछले आठ दिन से कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य एवं खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश किसानों के प्रतिनिधियों से विज्ञान भवन में करीब आठ घंटे बातचीत की।

इससे पहले दोनों पक्षों के बीच एक दिसंबर को हुई बातचीत बेनतीजा रही थी जब किसान संगठनों ने एक नई समिति बनाने के सरकार के सुझाव को खारिज कर दिया था। सरकार ने कानूनों को वापस लेने की मांग को खारिज कर दिया था और किसान संगठनों से कहा था कि वह नए कृषि कानूनों से संबंधित विशिष्ट मुद्दों को चिह्नित करें और दो दिसंबर तक उन्हें सौंप कर बृहस्पतिवार को बातचीत करें।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

farmers protest
Farmer Government Meeting
Farm bills 2020
Farmers union
apmc

Related Stories

छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस

किसान-आंदोलन के पुनर्जीवन की तैयारियां तेज़

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

किसानों ने 2021 में जो उम्मीद जगाई है, आशा है 2022 में वे इसे नयी ऊंचाई पर ले जाएंगे

पंजाब : किसानों को सीएम चन्नी ने दिया आश्वासन, आंदोलन पर 24 दिसंबर को फ़ैसला

लखीमपुर कांड की पूरी कहानी: नहीं छुप सका किसानों को रौंदने का सच- ''ये हत्या की साज़िश थी'’

किसान आंदोलन@378 : कब, क्या और कैसे… पूरे 13 महीने का ब्योरा

जीत कर घर लौट रहा है किसान !

किसान आंदोलन की ऐतिहासिक जीत , 11 को छोड़ेंगे मोर्चा

किसानों की ऐतिहासिक जीत: सरकार ने सभी मांगें मानी, 11 दिसंबर से ख़ाली करेंगे मोर्चा!


बाकी खबरें

  • corona
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के मामलों में क़रीब 25 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई
    04 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,205 नए मामले सामने आए हैं। जबकि कल 3 मई को कुल 2,568 मामले सामने आए थे।
  • mp
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    सिवनी : 2 आदिवासियों के हत्या में 9 गिरफ़्तार, विपक्ष ने कहा—राजनीतिक दबाव में मुख्य आरोपी अभी तक हैं बाहर
    04 May 2022
    माकपा और कांग्रेस ने इस घटना पर शोक और रोष जाहिर किया है। माकपा ने कहा है कि बजरंग दल के इस आतंक और हत्यारी मुहिम के खिलाफ आदिवासी समुदाय एकजुट होकर विरोध कर रहा है, मगर इसके बाद भी पुलिस मुख्य…
  • hasdev arnay
    सत्यम श्रीवास्तव
    कोर्पोरेट्स द्वारा अपहृत लोकतन्त्र में उम्मीद की किरण बनीं हसदेव अरण्य की ग्राम सभाएं
    04 May 2022
    हसदेव अरण्य की ग्राम सभाएं, लोहिया के शब्दों में ‘निराशा के अंतिम कर्तव्य’ निभा रही हैं। इन्हें ज़रूरत है देशव्यापी समर्थन की और उन तमाम नागरिकों के साथ की जिनका भरोसा अभी भी संविधान और उसमें लिखी…
  • CPI(M) expresses concern over Jodhpur incident, demands strict action from Gehlot government
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    जोधपुर की घटना पर माकपा ने जताई चिंता, गहलोत सरकार से सख़्त कार्रवाई की मांग
    04 May 2022
    माकपा के राज्य सचिव अमराराम ने इसे भाजपा-आरएसएस द्वारा साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करार देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं अनायास नहीं होती बल्कि इनके पीछे धार्मिक कट्टरपंथी क्षुद्र शरारती तत्वों की…
  • एम. के. भद्रकुमार
    यूक्रेन की स्थिति पर भारत, जर्मनी ने बनाया तालमेल
    04 May 2022
    भारत का विवेक उतना ही स्पष्ट है जितना कि रूस की निंदा करने के प्रति जर्मनी का उत्साह।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License