NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
अमानवीयता: झारखंडी मज़दूरों के शवों के साथ घायलों को एक ही ट्रक में भेजा गया!
“औरैया हादसे में मारे गए झारखंडी प्रवासी मज़दूरों और घायलों को जिस तरह से जानवरों की तरह लादकर ट्रकों में भेजा गया, वह योगी सरकार का झारखंड के प्रति अपमानजनक व्यवहार है। प्रवासी मज़दूरों को गुलाम समझने की मानसिकता का परिचायक है।”
अनिल अंशुमन
18 May 2020
jharkhand

“...मेरे परिवार के तीन लोग मरे हैं, भतीजे ने फोन करके बताया कि अभी जिस ट्रक से वो आ रहा है, उसी में गाँव की पाँच लाशें रखी हैं। डीसीएम (छोटा ट्रक) के पीछे के एक हिस्से में लाशें हैं, दूसरी छोर पर हमलोग सो रहें हैं...”

मर्माहत कर देनेवाले इस कथन के साथ बोकारो स्थित अपने परिजनों को भेजा गया वीडियो मैसेज, लॉकडाउन पीड़ित निरीह प्रवासी मज़दूरों की मदद के सभी सरकारी दावों कि असलियत उजागर करने वाला है। जिस पर त्वरित संज्ञान लेते हुए झारखंड मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश सरकार को ट्वीट मैसेज भेजा। इस पूरे प्रकरण से उत्तर प्रदेश के लोकतांत्रिक शासन–प्रशासन व्यवस्था का अमानवीय चेहरा एक बार फिर उजागर हो गया।

आपको बता दें कि 16 मई को उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में एक ट्रक और एक डीसीएम मेटाडोर (ट्रक से छोटा वाहन) की टक्कर में 24 प्रवासी मज़दूरों की मौत हो गयी जबकि 36 अन्य मज़दूर घायल हो गये। दोनों वाहनों में प्रवासी मज़दूर थे और दुर्घटना तब हुई जब सड़क किनारे खड़े मेटाडोर को पीछे से आ रहे ट्रक ने टक्कर मार दी। इस हादसे में मरने वाले ज्यादातर प्रवासी मज़दूर झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के थे।

इसके बाद इन शवों को उनके गृह राज्य भेजने की प्रक्रिया शुरू हुई। और इसी में यह सब दुर्दशा हुई। इन शवों को सभी मेडिकल प्रोटोकॉल को धता बताते हुए जैसे-तैसे प्लास्टिक में लपेटकर व खुले में ही बर्फ की सिल्लियों पर रखकर काफी असुरक्षित हाल में ट्रकों से भेजे जाने की खबर किसी तरह वायरल हो गई। हद तो ये थी कि बदबू देती लावारिस हाल उन लाशों के साथ हादसे में घायल सभी मज़दूरों को भी उन्हीं ट्रकों में ठूंसकर भेजा जा रहा था। सरकार-प्रशासन के इस संवेदनहीन व्यवहार से आहत ट्रक ड्राइवरों ने पट्टी बंधे घायलों पर तरस खाकर ट्रक की केबिन में अंटने लायक घायल मज़दूरों को बैठाकर चल रहे थे। रास्ते भर शवों पर रखी बर्फ की सिल्लियों से पानी रिस रिसकर दूसरे किनारे पर बैठे घायल मज़दूरों को भिंगाता रहा। तंग आकर ट्रक में आ रहे एक घायल–बदहवास युवा मज़दूरों ने बोकारो स्थित अपने चाचा को इस अमानवीय दुर्दशा का वीडियो भेजकर बचाने की गुहार लगाई। इस वीडियो को देखकर क्षोभ से भरे लोगों ने उसे तुरत झारखंड मुख्यमंत्री को अग्रसारित कर दिया।

hemant soren_0.JPG

इस वीडियो पर त्वरित संज्ञान लेते हुए हेमंत सोरेन ने उत्तर प्रदेश सरकार को ट्विट कर इसे अमानवीयता और संवेदनहीनता की पराकाष्ठा करार देते हुए अपनी गंभीर आपत्ति दर्ज़ की। साथ ही सभी मृतक मज़दूरों के शवों को अविलंब उचित सम्मान के साथ भेजने की मांग उठाई।

abp news.JPG

ख़बर है कि इस ट्वीट के वायरल होने से हड़बड़ाये उत्तर प्रदेश प्रशासन ने इलाहाबाद के नवाबगंज के पास ही सभी ट्रकों को मुख्यमार्ग से अलग कर गुपचुप स्थिति में खड़ा कर दिया । जहां ख़बर कवर पहुंचे मीडियाकर्मियों के साथ बदसलूकी करते हुए उन्हें रोकने की काफी कोशिशें हुईं। बाद में आनन फानन सभी शवों को ट्रकों से उतार कर एंबुलेंस में रवाना किया गया। साथ ही इसका वीडियो मीडिया में जारी कर मज़दूरों के शवों तथा घायलों को ट्रकों में लाये जाने की घटना को पूरी तरह से गलत और अफवाह बता दिया गया। यहाँ तक कि सोशल मीडिया में हेमंत सोरेन को बुरी तरह से ट्रोल कर उन्हें नसीहतें दी गईं कि– प्लीज़ आप पूरी जानकारी रखें। सभी मज़दूरों के शवों और घायलों को अलग–अलग एंबुलेंस में भेजा गया है। सबूत के तौर पर इसका पूरा वीडियो भी मौजूद है।

इसी दौरान हेमंत सोरेन ने विशेष निर्देश देकर गत रात्रि में ही झारखंड भेजे गए सभी मृतक मज़दूरों के शवों तथा घायलों को लाने हेतु विशेष मजिस्ट्रेट व पुलिस बल की निगरानी के साथ 13 एंबुलेंस और सेनेरिटाइज़ मेडिकल वैन को झारखंड प्रवेश की सीमा पर रवाना कर दिया।

एक खबर यह भी काफी वायरल हुई, जिसमें औरैया कांड के शिकार हुए बोकारो के प्रवासी मज़दूरों के परिजनों के घरों में मची चित्कार के बीच उन्हें सांत्वना देने की रस्मअदायगी करने पहुंचे बोकारो के भाजपा विधायक के मालिकाना अंदाज़ को दिखाया गया कि किस प्रकार से एक महिला रोते रोते उनके पैरों पर गिरकर मदद की गुहार लगा रही है। लेकिन उसे उठाने की बजाय विधायक महोदय खड़े खड़े अभिवादन कर रहे हैं और उनके साथ आए पार्टी कार्यकर्ता उसका वीडियो बना रहे हैं। 

bokaro bjp - mla.jpg

पूरे प्रकरण में इन दिनों ‘आदर्श पत्रकारिता’ का राग अलापकर तथाकथित खोजपरक खबरों के जरिये हेमंत सोरेन सरकार को घेरने वाली प्रदेश मीडिया ने न तो इतनी बड़ी खबर को कोई विशेष तवज्जो दी और न ही किसी ने उत्तर प्रदेश की सरकार व प्रशासन से कोई सवाल – जवाब ही किया। घटना की सारी वास्तविक खबरें सोशल मीडिया में ही वायरल होती रहीं।

झारखंडी समुदाय में उक्त घटना और उत्तर प्रदेश की सरकार व प्रशासन की झारखंड के प्रवासी मज़दूरों के साथ किए गए अमानवीय रवैये को लेकर गहरा क्षोभ है। लेकिन प्रदेश का विपक्ष कहलाने वाली भाजपा के भी किसी नेता–प्रवक्ता द्वारा भी अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

झारखंड के सभी वामपंथी दलों समेत सभी गैर-भाजपा राजनीतिक दल इस घटना की तीखी निंदा कर रहे हैं। भाकपा माले के झारखंड सचिव ने जारी अपने ट्वीट बयान में कहा है कि औरैया हादसे में मारे गए झारखंडी प्रवासी मज़दूरों और घायलों को जिस तरह से जानवरों की तरह लादकर ट्रकों में भेजा गया, वह योगी सरकार का झारखंड के प्रति अपमानजनक व्यवहार है। प्रवासी मज़दूरों को गुलाम समझने की मानसिकता का परिचायक है। अपनी पार्टी की उत्तर प्रदेश सरकार के इस अमानवीय आचरण के खिलाफ खुद को नेता प्रतिपक्ष कहलानेवाले बाबूलाल मराण्डी ने अभी तक पत्र लिखकर भी विरोध क्यों नहीं किया?

यह चर्चा तेजी से आम हो रही है कि कोरोना महामारी व लॉकडाउन की इस आपद स्थिति में विशेष रूप से प्रवासी मज़दूरों के साथ शासन–प्रशासन के जारी अमानवीय और संवेदनहीन व्यवहार के मामले में – भाजपा शासित राज्यों का रिकार्ड काफी खराब और डराने वाला सामने आ रहा है। जो यही दर्शा रहा है कि इन राज्यों में अपने घरों से दूर रहकर मेहनत मजूरी से अपने व परिवार का गुजर बसर करनेवाले प्रवासी मज़दूरों की हैसियत गुलामों जैसी ही है। फिलहाल, जारी लॉकडाउन की त्रासदी से प्रवासी मज़दूरों को उबारने की जो भी घोषणा–दावे किए जाएँ– जमीनी हक़ीक़त निरंतर भयावह होती जा रही है।

Coronavirus
Lockdown
Jharkhand
UttarPradesh
Yogi Adityanath
Hemant Soren
Migrant workers
migrants
Inhumanity
CPIML

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में आज फिर कोरोना के मामलों में क़रीब 27 फीसदी की बढ़ोतरी

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के घटते मामलों के बीच बढ़ रहा ओमिक्रॉन के सब स्ट्रेन BA.4, BA.5 का ख़तरा 

कोरोना अपडेट: देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट के सब स्ट्रेन BA.4 और BA.5 का एक-एक मामला सामने आया

यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?

कोरोना अपडेट: देश में फिर से हो रही कोरोना के मामले बढ़ोतरी 

कोविड-19 महामारी स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में दुनिया का नज़रिया नहीं बदल पाई

कोरोना अपडेट: अभी नहीं चौथी लहर की संभावना, फिर भी सावधानी बरतने की ज़रूरत

कोरोना अपडेट: दुनियाभर के कई देशों में अब भी क़हर बरपा रहा कोरोना 

ग्राउंड रिपोर्ट: स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रचार में मस्त यूपी सरकार, वेंटिलेटर पर लेटे सरकारी अस्पताल


बाकी खबरें

  • Modi
    अनिल जैन
    PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?
    01 Jun 2022
    प्रधानमंत्री ने तमाम विपक्षी दलों को अपने, अपनी पार्टी और देश के दुश्मन के तौर पर प्रचारित किया और उन्हें खत्म करने का खुला ऐलान किया है। वे हर जगह डबल इंजन की सरकार का ऐसा प्रचार करते हैं, जैसे…
  • covid
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    महाराष्ट्र में एक बार फिर कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। महाराष्ट्र में आज तीन महीने बाद कोरोना के 700 से ज्यादा 711 नए मामले दर्ज़ किए गए हैं।
  • संदीपन तालुकदार
    चीन अपने स्पेस स्टेशन में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की योजना बना रहा है
    01 Jun 2022
    अप्रैल 2021 में पहला मिशन भेजे जाने के बाद, यह तीसरा मिशन होगा।
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    यूपी : मेरठ के 186 स्वास्थ्य कर्मचारियों की बिना नोटिस के छंटनी, दी व्यापक विरोध की चेतावनी
    01 Jun 2022
    प्रदर्शन कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बिना नोटिस के उन्हें निकाले जाने पर सरकार की निंदा की है।
  • EU
    पीपल्स डिस्पैच
    रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने के समझौते पर पहुंचा यूरोपीय संघ
    01 Jun 2022
    ये प्रतिबंध जल्द ही उस दो-तिहाई रूसी कच्चे तेल के आयात को प्रभावित करेंगे, जो समुद्र के रास्ते ले जाये जाते हैं। हंगरी के विरोध के बाद, जो बाक़ी बचे एक तिहाई भाग ड्रुज़बा पाइपलाइन से आपूर्ति की जाती…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License