NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
हैती के लोग अपने संविधान की रक्षा के लिए लामबंद हुए, दुनिया भर के संगठनों ने एकजुटता दिखाई
दुनिया भर के विभिन्न सामाजिक और प्रगतिशील संगठनों ने हैती के लोगों के संघर्ष का समर्थन करने के लिए विश्व के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया और डी-फैक्टो राष्ट्रपति जोवेनेल मोइसे सरकार को हटाने की मांग की।
पीपल्स डिस्पैच
30 Mar 2021
हैती के लोग अपने संविधान की रक्षा के लिए लामबंद हुए, दुनिया भर के संगठनों ने एकजुटता दिखाई

गत 29 मार्च को जनमत संग्रह का 34 वां सालगिरह मनाया गया। इसके चलते वर्ष 1987 में हैती का संविधान अंगीकार किया गया था। ऐतिहासिक उपलब्धि की याद में और वर्तमान अवैध सरकार के अधीन इसके खिलाफ हमले के मद्देनजर हैती के हजारों लोग संविधान की रक्षा में और इसे स्थानांतरित करने के लिए राष्ट्रपति शासन की वापसी के लिए प्रस्तुत नए संविधान को लेकर डी-फैक्टो प्रेसिडेंट जोवेनेल मोइसे के निर्णय को खारिज करने के लिए देश भर की सड़कों पर उतर आए।

ये संविधान 29 मार्च 1987 को अपनाया गया था। यह 1986 के लोकतांत्रिक आंदोलन की मुख्य उपलब्धि है। इस आंदोलन के चलते 29 साल के डुवेलियर परिवार की तानाशाही का पतन हुआ था।

राजधानी पोर्ट-औ-प्रिंस के साथ-साथ अन्य शहरों में भी कई प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने यह भी मांग की कि मोइसे संविधान का सम्मान करें और राष्ट्रपति पद छोड़ें क्योंकि उनका कार्यकाल 7 फरवरी को आधिकारिक रूप से समाप्त हो गया है। उन्होंने मोइसे से अपना समर्थन वापस लेने के लिए अमेरिकी सरकार, यूएन और ओएएस से भी मांग की है। मोइसे का कार्यकाल समाप्त हो गया है और जनवरी 2020 से एक आदेश के जरिए पद पर बने हुए हैं।

इस बीच दुनिया भर के विभिन्न सामाजिक और प्रगतिशील संगठनों ने 29 मार्च को हैती के साथ अंतर्राष्ट्रीय एकता दिवस का आह्वान किया और विश्व के विभिन्न हिस्सों में हैती के लोगों के संघर्ष का समर्थन करने के लिए प्रदर्शन किया।

मोइसे की तानाशाही, अमेरिकी साम्राज्यवाद और हैती में लूटपाट को समाप्त करने की मांग के लिए कई देशों में सॉलिडरीटी प्रोग्राम का आयोजन किया गया था।

विभिन्न संगठनों के सदस्यों ने अमेरिकी दूतावासों, संयुक्त राष्ट्र और ओएएल कार्यालयों के बाहर हैती में इनके हस्तक्षेप की समाप्ति और हैती लोगों के आत्मनिर्णय और संप्रभुता के लिए सम्मान को लेकर प्रदर्शन किया।

लोगों ने अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का इस्तेमाल किया। सोशल मीडिया नेटवर्क पर #NoDictatorshipInHaiti, #DownWithUSImperialism, #LongLiveHaiti, #FreeHaiti #HandsOffHaiti, #HaCantBreathe जैसे हैशटैग चलाए।

हैती के हालात की निंदा की करते हुए और सरकार से मोइसे सरकार को मान्यता देने से रोकने का आग्रह करते हुए कुछ संगठनों ने अपनी सरकारों को पत्र लिखा है।

Haiti
Haiti constitution
Haiti Protest
Jovenel Moïse

Related Stories

राष्ट्रपति की हत्या मामले में पीएम पर संदेह के चलते हैती में सियासी घमासान तेज़

हैती की राजनीतिक शक्तियों ने संक्रमणकालीन सरकार पर समझौता किया

पड़ताल दुनिया की- हत्या और शोषण के बीच फंसा हैती

हैती के डी-फैक्टो प्रेसिडेंट जोवेनेल मोइसे की हत्या

जोवेनेल मोइसे ने ट्रांजिशनल सरकार बनाने की मांग को खारिज किया

जेवेनेल मोइसे की तानाशाही के ख़िलाफ़ हैती के लोग फिर हुए लामबंद

तानाशाही और साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ हैती में विरोध प्रदर्शन जारी

जोवेनेेेल मोइसे की तानाशाही के ख़िलाफ़ हैती के लोगों का विरोध जारी

हैतीः राष्ट्रपति जोवेनेल के ख़िलाफ़ राष्ट्रव्यापी आंदोलन के लिए विपक्ष का आह्वान

हैती के लोगों ने राष्ट्रपति जोवेनेले मोइसे के ख़िलाफ़ संघर्ष तेज किया


बाकी खबरें

  • अजय कुमार
    वित्त मंत्री जी आप बिल्कुल गलत हैं! महंगाई की मार ग़रीबों पर पड़ती है, अमीरों पर नहीं
    17 May 2022
    निर्मला सीतारमण ने कहा कि महंगाई की मार उच्च आय वर्ग पर ज्यादा पड़ रही है और निम्न आय वर्ग पर कम। यानी महंगाई की मार अमीरों पर ज्यादा पड़ रही है और गरीबों पर कम। यह ऐसी बात है, जिसे सामान्य समझ से भी…
  • अब्दुल रहमान
    न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध
    17 May 2022
    फिलिस्तीनियों ने इजरायल द्वारा अपने ही देश से विस्थापित किए जाने, बेदखल किए जाने और भगा दिए जाने की उसकी लगातार कोशिशों का विरोध जारी रखा है।
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: चीन हां जी….चीन ना जी
    17 May 2022
    पूछने वाले पूछ रहे हैं कि जब मोदी जी ने अपने गृह राज्य गुजरात में ही देश के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की सबसे बड़ी मूर्ति चीन की मदद से स्थापित कराई है। देश की शान मेट्रो…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    राजद्रोह मामला : शरजील इमाम की अंतरिम ज़मानत पर 26 मई को होगी सुनवाई
    17 May 2022
    शरजील ने सुप्रीम कोर्ट के राजद्रोह क़ानून पर आदेश के आधार पर ज़मानत याचिका दायर की थी जिसे दिल्ली हाई कोर्ट ने 17 मई को 26 मई तक के लिए टाल दिया है।
  • राजेंद्र शर्मा
    ताजमहल किसे चाहिए— ऐ नफ़रत तू ज़िंदाबाद!
    17 May 2022
    सत्तर साल हुआ सो हुआ, कम से कम आजादी के अमृतकाल में इसे मछली मिलने की उम्मीद में कांटा डालकर बैठने का मामला नहीं माना जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License