NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
वर्ष 2020 में दुनिया में भूखे और कुपोषितों की संख्या में ख़तरनाक वृद्धि देखी गईः यूएन रिपोर्ट
ये रिपोर्ट कोविड-19 महामारी, जलवायु परिवर्तन और संघर्षों को दुनिया में बढ़ती भूख के प्रमुख कारणों के रूप में रेखांकित करती है और दुनिया की सरकारों से सामाजिक खर्च बढ़ाने, खाने वाली चीज़ों को उपजाने के लिए लोगों को कृषि कार्य को बदलने और संघर्षों को समाप्त करने के लिए कहा गया है।
पीपल्स डिस्पैच
13 Jul 2021
वर्ष 2020 में दुनिया में भूखे और कुपोषितों की संख्या में ख़तरनाक वृद्धि देखी गईः यूएन रिपोर्ट

एक ऐसे वर्ष में जब दुनिया में करोड़पति लोगों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है वहीं एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बताया गया है कि भूख से प्रभावित लोगों की संख्या पिछले पांच वर्षों की तुलना में बढ़ गई है। ये संख्या बढ़कर 720 मिलियन से अधिक तक हो गई है। कई एजेंसियों की रिपोर्ट को यूएन सोमवार 12 जुलाई को प्रकाशित किया।

द स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रिशन इन द वर्ल्ड 2021 (एसओएफआई) शीर्षक वाली ये रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र की पांच एजेंसियों का एक संयुक्त प्रयास है। इन एजेंसियों में वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (डब्ल्यूएफपी), फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन (एफएओ), इंटरनेशनल फंड फॉर एग्रीकल्चर डेवलपमेंट (आईएफएडी), वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) और यूएन चिल्ड्रेन फंड (यूनिसेफ) शामिल हैं। यह पिछले साल कोरोनावायरस महामारी की शुरुआत के बाद से वैश्विक खाद्य असुरक्षा का पहला व्यापक साक्ष्य-आधारित आकलन है।

इस आकलन के अनुसार, वैश्विक आबादी का लगभग 10 प्रतिशत यानी लगभग 720 मिलियन से 811 मिलियन तक पिछले वर्ष अल्पपोषण से प्रभावित था। इनमें से आधे से अधिक (लगभग 418 मिलियन) एशिया में और 282 मिलियन अफ्रीका में थे।

इस रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि पिछले साल कम से कम 2.4 बिलियन जो दुनिया की आबादी का एक तिहाई से अधिक है उसके पास पर्याप्त पौष्टिक भोजन उपलब्ध नहीं था। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह 2019 की तुलना में संपूर्ण संख्या में 320 मिलियन से अधिक की वृद्धि है।

इस रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि दुनिया में भूखे और कुपोषितों की संख्या में वृद्धि की गति को देखते हुए 2030 तक दुनिया को भूखमरी खत्म करने के अपने लक्ष्य को हासिल करना बहुत मुश्किल होगा जो कि 2015 में अपनाए गए संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के तहत एक प्रमुख लक्ष्य है।

इस रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि पिछले साल लंबी अवधि तक विभिन्न देशों में स्कूलों को बंद करने के कारण पिछले साल कुपोषण के बढ़ने के प्रमुख कारणों में से एक यह है कि कम से कम 370 मिलियन बच्चे स्कूली भोजन से चूक गए। इस रिपोर्ट ने दुनिया के देशों से आग्रह किया कि वे जल्द से जल्द स्कूल के भोजन कार्यक्रमों को शुरु करें और यदि संभव हो तो "बच्चों और समुदायों का बेहत भविष्य" बनाने के उद्देश्य से एक बेहतर कार्यक्रम को अपनाएं।

हालांकि पिछले साल बढ़ती भूखमरी और कुपोषण के पीछे महामारी तात्कालिक कारण है फिर भी इस रिपोर्ट में शून्य भूखमरी के लक्ष्य की प्राप्ति में प्रमुख बाधाओं के रूप में जलवायु परिवर्तन और दुनिया भर में जारी संघर्षों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया है।

COVID-19
malnourished children
poverty
UN report
Global Pandemic

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां


बाकी खबरें

  • भाषा
    ईडी ने फ़ारूक़ अब्दुल्ला को धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए तलब किया
    27 May 2022
    माना जाता है कि फ़ारूक़ अब्दुल्ला से यह पूछताछ जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनिमियतता के मामले में की जाएगी। संघीय एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    एनसीबी ने क्रूज़ ड्रग्स मामले में आर्यन ख़ान को दी क्लीनचिट
    27 May 2022
    मेनस्ट्रीम मीडिया ने आर्यन और शाहरुख़ ख़ान को 'विलेन' बनाते हुए मीडिया ट्रायल किए थे। आर्यन को पूर्णतः दोषी दिखाने में मीडिया ने कोई क़सर नहीं छोड़ी थी।
  • जितेन्द्र कुमार
    कांग्रेस के चिंतन शिविर का क्या असर रहा? 3 मुख्य नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ
    27 May 2022
    कांग्रेस नेतृत्व ख़ासकर राहुल गांधी और उनके सिपहसलारों को यह क़तई नहीं भूलना चाहिए कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई कई मजबूरियों के बावजूद सबसे मज़बूती से वामपंथी दलों के बाद क्षेत्रीय दलों…
  • भाषा
    वर्ष 1991 फ़र्ज़ी मुठभेड़ : उच्च न्यायालय का पीएसी के 34 पूर्व सिपाहियों को ज़मानत देने से इंकार
    27 May 2022
    यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने देवेंद्र पांडेय व अन्य की ओर से दाखिल अपील के साथ अलग से दी गई जमानत अर्जी खारिज करते हुए पारित किया।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    “रेत समाधि/ Tomb of sand एक शोकगीत है, उस दुनिया का जिसमें हम रहते हैं”
    27 May 2022
    ‘रेत समाधि’ अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला पहला हिंदी उपन्यास है। इस पर गीतांजलि श्री ने कहा कि हिंदी भाषा के किसी उपन्यास को पहला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार दिलाने का जरिया बनकर उन्हें बहुत…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License