NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
प्रयागराज में रोज़ाना चार हज़ार किलो ऑक्सीजन की कमी और नहीं खाली एक भी आईसीयू बेड
एक छोटा ऑक्सीजन सिलेंडर जिसकी प्लांट पर कीमत मात्र 150 रुपये है, माफिया उसे 20 हजार रुपये तक में बेच रहे हैं। इतना ही नहीं, माफिया प्रयागराज शहर में ऑक्सीजन सिलेंडर की बिक्री राजधानी दिल्ली में बैठकर कर रहे हैं। 
गौरव गुलमोहर
29 Apr 2021
प्रयागराज में रोज़ाना चार हज़ार किलो ऑक्सीजन की कमी और नहीं खाली एक भी आईसीयू बेड

भारत में कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक हो चुकी है, प्रतिदिन साढ़े तीन लाख के साथ पिछले पच्चीस दिनों में 50 लाख से भी ज्यादा संक्रमित सामने आ चुके हैं। देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में बेड, मेडिकल ऑक्सीजन, रेमडेसिवियर की कमी और चिकित्सा अव्यवस्था के बीच प्रतिदिन लगभग  33 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमित सामने आ रहे हैं और प्रतिदिन ढाई सौ से अधिक  लोग कोरोना से अपनी जान गंवा रहे हैं। उसी राज्य के सबसे बड़ी आबादी वाले जनपद प्रयागराज (इलाहाबाद) में ऑक्सीजन और अस्पतालों में बेड को लेकर हाहाकार मचा हुआ है।

प्रयागराज में बड़ी संख्या में मरीज बेड और ऑक्सीजन के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। जिन्हें बेड मिल रहा है उनके परिजन फेबीफ्लू टैबलेट, रेमडेसिविर इंजेक्शन जैसी जीवनरक्षक दवाओं के लिए मेडिकल स्टोर और मुख्य चिकित्सा अधिकारी से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय तक चक्कर लगा रहे हैं। बड़ी संख्या में मरीजों को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहा है। उनके परिजन घर पर ही मरीज को ऑक्सीजन देने के लिए सिलेंडर के साथ शहर के इस कोने से उस कोने तक चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अंत में उनके हाथ निराशा ही लग रही है।

वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऑक्सीजन, बेड और जरूरी दवाओं की कमी की बात से इनकार करते हुए कहा है कि "प्रदेश के किसी भी कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। समस्या कालाबाजारी और जमाखोरी की है, जिससे सख्ती से निपटा जाएगा। पिछली बार की तुलना में यूपी में कोरोना संक्रमण की लहर 30 गुना ज्यादा है। इसके बावजूद सरकार की तैयारी पहले से बेहतर है।"

रोज दो हज़ार केस, आईसीयू में ज़ीरो बेड

हमने जब प्रयागराज जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की पड़ताल की तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दावों से स्थिति बिलकुल उलट देखने को मिली। इलाहाबाद में प्रमुख चौदह कोरोना अस्पताल हैं इसमें कुल बेडों की संख्या लगभग 2850 के आस-पास है। जिसमें कुल आइसोलेशन बेड (ऑक्सीजन और गैर- ऑक्सीजन)  की संख्या 1600 है। जबकि आईसीयू में वेंटिलेटर के साथ कुल बेडों की संख्या मात्र 700 है। वहीं लगभग 568 बेडों के काम न करने की सूचना भी है।

न्यूज़क्लिक को सूत्रों द्ववारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पता चलता है कि प्रयागराज में पिछले पांच दिनों में स्थिति यह है कि 22 अप्रैल को आईसीयू में कुल तीन बेड खाली थे। इस दिन सबसे अधिक, ओझा हॉस्पिटल में मात्र दो और फिनिक्स हॉस्पिटल में मात्र एक बेड खाली थे, यानी प्रयागराज में इस दिन कुल तीन आईसीयू बेड खाली थे वह भी निजी अस्पतालों में, फिर क्रमशः 23, 24 व 25 अप्रैल को प्रयागराज में  एक भी आईसीयू बेड नहीं खाली थे। 26 अप्रैल की कहानी यह है कि विनीता हॉस्पिटल में मात्र एक आईसीयू बेड खाली था। वहीं इन पांच दिनों में प्रयागराज के सरकारी अस्पतालों का आलम यह था कि वहां एक भी आईसीयू बेड नहीं खाली थे। जबकि इन पांच दिनों में दस हजार से अधिक संक्रमित आ चुके हैं।

यदि हम 27 अप्रैल की बात करें तो इस दिन आईसीयू में एक भी बेड नहीं खाली थे वहीं ऑक्सीजन वाले मात्र 03 बेड खाली थे, अकेले स्वरूपरानी अस्पताल में प्रतीक्षारत मरीजों की संख्या 60 थी। जबकि चौबीस घंटे में लगभग सौ गंभीर मरीजों को एम्बुलेंस नहीं मिल सका और वे अस्पताल तक नहीं पहुंच सके।

प्रयागराज में प्रतिदिन दो हजार से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज़ सामने आ रहे हैं और लगभग 15 से 20 लोग कोरोना से अपनी जान गंवा रहे हैं। जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार प्रयागराज में वर्तमान समय में लगभग 16 हजार से अधिक सक्रिय कोरोना संक्रमित मरीज हैं। यदि हम डब्लूएचओ की रिपोर्ट देखें तो मिलता है कि कोरोना संक्रमित मरीजों में लगभग दस फीसदी मरीजों को अस्पताल की आवश्यकता होती है और उनमें अधिकतम मरीजों को ऑक्सीजन या आईसीयू बेड की आवश्यकता पड़ रही है। यानी प्रयागराज में लगभग 1600 बेड की आवश्यकता है जबकि लगभग 695 ही आईसीयू बेड उपलब्ध हैं इसमें बड़ी संख्या में बेड काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में हर रोज भारी संख्या में मरीज बेड की कमी का सामना कर रहे हैं।

प्रयागराज के एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि "आम मरीज अस्पतालों में बेड के लिए हर रोज जूझ रहे हैं लेकिन उन्हें बेड नहीं मिल रहा है। यदि हम आप भी बीमार हो जाएं तो बेड नहीं मिल सकता है। वे आगे कहते हैं कि जैसे ही बेड खाली होते हैं वीआइपी को दे दिया जाता है लेकिन आम जनता को बेड मिलना बहुत मुश्किल है।"

स्वरुप रानी अस्पताल में अपने पिता को भर्ती कराने के बाद भी न बचा सकने वाले डॉक्टर शशांक बताते हैं कि ‘बेहद बुरा वक्त है, आत्मा टूट गई है, मंत्री तक के परिचित मरीजों को बिस्तर नहीं मिल पा रहा है, डॉक्टर स्वयं अपने परिजनों को नहीं बचा पा रहा है, ऐसे में आम लोगों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है’।

प्रयागराज में चार मीट्रिक टन ऑक्सीजन की कमी 

प्रयागराज में चारों ओर ऑक्सीजन की मांग सुनाई पड़ रही है। आम जनता को जहां भी ऑक्सीजन मिलने की सूचना मिलती है, चंद मिनटों में सैकड़ों लोग सिलेंडर लिए वहां पहुंच जाते हैं। देखते ही देखते ऑक्सीजन सेंटर्स पर लम्बी कतारें लग जाती हैं। लोग बताते हैं कि उन्हें चार से छः घण्टे लगे रहने के बाद एक छोटा सिलेंडर मिल पाता है। प्रयागराज में इम्पीरियल गैस एजेंसी, परिहास प्लांट और सहज एयर्स जैसे तीन प्रमुख ऑक्सीजन प्लांट हैं जहां से शहर के अस्पतालों और आम जनता के लिए ऑक्सीजन सप्लाई हो रही है।

हालांकि तीमारदारों का आरोप है कि तीन दिनों से जिलाधिकारी ने आम जनता के लिए प्लांट से सीधा ऑक्सीजन सप्लाई बंद करा दी है। पेरर हाट केमिकल मिल्स नैनी को जिलाधिकारी ने अपने नियंत्रण में लेकर वहां से केवल अस्पतालों में आपूर्ति किये जाने का आदेश दिया है , जबकि शहर में संक्रमित मरीजों की नब्बे फीसदी से ज्यादा संख्या घरों में ही आइसोलेट है। ऐसे में शहर में सिलेंडर की कालाबाजारी और तेज़ हो चुकी है। शहर में एक ऑक्सीजन सिलेंडर लगभग 20 से 40 हज़ार रुपये तक बिक रहे हैं। जबकि सूत्र बताते हैं कि प्लांट से शहर के कई फुटकर विक्रेताओं को चोरी छुपे ऑक्सीजन का वितरण किया जा रहा है।

हमने शहर में सक्रिय कुछ ऑक्सीजन माफियाओं के कॉन्टैक्ट नम्बरों पर बात करने की कोशिश की तो चौंकाने वाली बात सामने आई। एक छोटा ऑक्सीजन सिलेंडर जिसकी प्लांट पर कीमत मात्र 150 रुपये है, माफिया उसे 20 हजार रुपये तक में बेच रहे हैं। इतना ही नहीं माफिया प्रयागराज शहर में ऑक्सीजन सिलेंडर की बिक्री राजधानी दिल्ली में बैठकर कर रहे हैं। 

प्रयागराज में अनुमानित प्रतिदिन 28 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता है (यह आंकड़ा और भी बड़ा हो सकता है) जबकि शहर में मात्र 24 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध है। यानी प्रयागराज शहर में 4 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की कमी बरकरार है। यदि हम किलो में कहें तो 4000 किलोग्राम ऑक्सीजन की कमी है। यदि सरकार प्रयागराज में मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति करती है तो प्रयागराज के अस्पतालों में 500 से अधिक काम न करने वाले (नॉनफंक्शनल) बेड को सक्रिय किया जा सकता है।

यदि वैज्ञानिकों की मानें तो मई महीने से प्रतिदिन साढ़े चार लाख कोरोना संक्रमितों के सामने आने की सम्भावना है। ऐसे में यदि लगभग 60 लाख की आबादी वाले प्रयागराज जिले में जल्द हीन सुविधाएं युद्ध स्तर पर नहीं बढ़ाई गईं तो स्थिति और बुरी हो सकती है।

प्रयागराज शहर के निजी अस्पताल गुरु गोविंद सिंह मेमोरियल हॉस्पिटल में अबु नाज़िर के पिता अबु निहाद (75) चार दिनों से भर्ती हैं। डॉक्टर ने रेमडेसिवीर इंजेक्शन का छः डोज लाने के लिए कहा है। नाज़िर अपने पिता की जान बचाने के लिए पिछले चार दिनों मुख्य चिकित्सा अधिकारी से लेकर ड्रग इंसेक्टर और जिलाधिकारी के कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें रेमडेसिवीर इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। नाज़िर जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में रोते हुए कहते हैं कि "चार दिन से अब्बु एडमिट हैं। डॉक्टर ने छः डोज रेमडेसिवीर इंजेक्शन लाने के लिए बोला है लेकिन कहीं नहीं मिल रहा है। मुझे इंजेक्शन दिलवा दीजिये।"

ड्रग इंस्पेक्टर शहर में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कमी को स्वीकार करते हुए कहते हैं कि "रेमडेसिवीर इंजेक्शन का लोग घरों में भंडारण कर रहे हैं। अभी तक स्वरूपरानी अस्पताल से तीन रेमडेसिवीर माफिया पकड़े गए हैं। बाकी हम सक्रिय हैं अगर कोई मिला तो छोड़ा नहीं जाएगा। 

हमने प्रयागराज के जिलाधिकरी भानु चन्द्र गोस्वामी से मिलकर पूरे मामले की जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की लेकिन घण्टे भर इंतजार के बाद भी उन्होंने मिलने से इनकार कर दिया।

(लेखक एक स्वतंत्र पत्रकार हैं)

UttarPradesh
Prayagraj
COVID-19
Coronavirus
Lack of oxygen
UP Health Care Facilities
Yogi Adityanath
yogi government
BJP

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License