NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
बिहार : हज़ारों लोगों ने CAA-NPR के ख़िलाफ़ मानव श्रृंखला बनाई
पटना, गया, भागलपुर, मुज़फ़्फ़रपुर, जहानाबाद और अन्य सभी ज़िलों में आवासीय इलाक़ों से बड़ी संख्या में लोग निकले। सभी जगहों पर सीएए-एनआरसी-एनपीआर के प्रति अपना विरोध व्यक्त करने के लिए लोगों ने मानव श्रृंखला बनाई।
मो. इमरान खान
25 Jan 2020
Bihar CAA

शनिवार को बिहार भर में CAA-NRC-NPR के विरोध में हज़ारों की संख्या में पुरुषों, महिलाओं और बच्चों ने मिलकर मानव श्रृंखला बनाई। इसका आह्वान वामपंथी दलों द्वारा किया गया था। अन्य विपक्षी दलों और नागरिकों ने भी इसका समर्थन किया।

राज्य भर में विभिन्न ज़िला मुख्यालयों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों और राजकीय राजमार्गों पर सीएए-एनआरसी-एनपीआर के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन करने के लिए तख्तियों, भारत के झंडे, हाथों में बैनर लिए  युवा और बच्चों ने बड़ी संख्या में मानव श्रृंखला में भाग लिया है।

पटना, गया, भागलपुर, मुज़फ़्फ़रपुर, जहानाबाद और अन्य सभी ज़िलों में आवासीय इलाक़ों से बड़ी संख्या में लोग निकले। सभी जगहों पर सीएए-एनआरसी-एनपीआर के प्रति अपना विरोध व्यक्त करने के लिए लोगों ने मानव श्रृंखला बनाई। प्रदर्शनकारियों ने इस मानव श्रृंखला को देश में संविधान और लोकतंत्र को बचाने वाला कहा है।

तनवीर रिज़वी, संविधान बचाओ मोर्चा से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा, "यह कुछ दुर्लभ था क्योंकि लोग उत्साहित थे और मानव श्रृंखला में शामिल होने के लिए अपने घरों से बाहर आए थे। मानव श्रृंखला में बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चों की भागीदारी उल्लेखनीय थी। कई स्थानों पर मानव श्रृंखला काफ़ी लंबी थी।"

सीपीएम की वरिष्ठ नेता और पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषनी अली, सीपीआई (एमएल) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, सीपीआई के राज्य स्तर के वरिष्ठ नेताओं ने पटना में सीएए-एनआरसी-एनपीआर के लिए मानव श्रृंखला में भाग लिया।

सीपीआईएम नेता मनोज कुमार ने कहा, "राज्य में सीएए-एनआरसी-एनपीआर के ख़िलाफ़ विरोध करने के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने मानव श्रृंखला में भाग लिया, यह हमारी उम्मीद से कहीं अधिक था। लोगों की भागीदारी से यह स्पष्ट हो गया है कि वे इस काले क़ानून के ख़िलाफ़ हैं।"

सीपीआई(एमएल) के नेता धीरेंद्र झा ने कहा बताया कि वो सीएए-एनआरसी-एनपीआर के ख़िलाफ़ 30 जनवरी को सभी ज़िला मुख्यालयों पर एक सत्याग्रह करेंगे।।

गया में संविधान बचाओ मोर्चा में शामिल सोहेल ख़ान ने कहा कि लोगों ने अलीगंज, ग्वेल बिगहा, रेलवे अस्पताल से स्वराजपुरी रोड और सिविल लाइन तक व्यस्त चट्टा मस्जिद सहित सभी सड़कों पर मानव श्रृंखला बनाई है।

यहाँ से किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, मधुबनी, दत्तभंगा, पूर्व और पश्चिम चंपारण से लेकर बेगूसराय, समस्तीपुर और अन्य ज़िलों में बड़ी संख्या में लोग पहुँचे।

इस बीच, शाहीन बाग़ में एक महीने से अधिक प्रतिरोध से प्रेरित होकर, बिहार में सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन जारी है। यह प्रदर्शन शांति और अहिंसा के गांधीवादी सिद्धांत का पालन कर रहे हैं।

सिट-इन के अलावा, पिछले कुछ दिनों से राज्य में कई प्रकार के विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

राज्य में इस मुद्दे को लेकर अब तक दो बार बंद हुआ है। पहला वामपंथी दलों द्वारा 19 दिसंबर को हुआ था जो दूसरे विपक्षी दलों द्वारा समर्थित था, और फिर 21 दिसंबर को राष्ट्रीय जनता दल, सभी विपक्षी दलों और वाम दलों द्वारा समर्थित बंद हुआ था।

बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी जेडी-यू भाजपा की सहयोगी है उनसे और पिछले महीने संसद के दोनों सदनों में नागरिकता (संशोधन) विधेयक (सीएबी) के पक्ष में मतदान किया था। यह अलग बात है कि प्रशांत किशोर ने सार्वजनिक रूप से सीएबी को पार्टी के समर्थन का विरोध किया था और एनआरसी को "नागरिकता के विमुद्रीकरण" के बराबर बताया था।

प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा, "यह पीड़ित, ग़रीब और हाशिए पर रह रहे लोगों पर सबसे बड़ा हमला है। नीतीश कुमार यह कहने के लिए मजबूर हुए कि एनआरसी को राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। लेकिन आज तक नीतीश कुमार ने नए नागरिकता क़ानून या सीएए के ख़िलाफ़ हो रहे देशव्यापी विरोध प्रदर्शन पर कुछ भी कहने से किनारा ही किया है।"

CAA-NRC-NPR
Bihar Human Chain
Bihar Left Parties
Bihar Protests
Nitish Kumar

Related Stories

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

बिहार: विधानसभा स्पीकर और नीतीश सरकार की मनमानी के ख़िलाफ़ भाकपा माले का राज्यव्यापी विरोध

पटना: विभिन्न सरकारी विभागों में रिक्त सीटों को भरने के लिए 'रोज़गार अधिकार महासम्मेलन'

बिहार : आशा वर्कर्स 11 मार्च को विधानसभा के बाहर करेंगी प्रदर्शन

बिहार : शिक्षा मंत्री के कोरे आश्वासनों से उकताए चयनित शिक्षक अभ्यर्थी फिर उतरे राजधानी की सड़कों पर  

बिहार: कश्मीर में प्रवासी बिहारी मज़दूरों की हत्या के ख़िलाफ़ पटना सहित पूरे राज्य में मनाया गया विरोध दिवस

बिहार में भी दिखा रेल रोको आंदोलन का असर, वाम दलों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया

कश्मीर में प्रवासी मज़दूरों की हत्या के ख़िलाफ़ 20 अक्टूबर को बिहार में विरोध प्रदर्शन

विधानसभा में बल प्रयोग के विरोध में कल बिहार बंद, तेजस्वी ने कहा डरने वाले नहीं, लड़ाई जारी रहेगी

बिहार में सुशासन नहीं, गड़बड़ियों की है बहार!


बाकी खबरें

  • Cartoon Click: Ah Democracy!, Wow Democracy!
    आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: आह लोकतंत्र!, वाह लोकतंत्र!
    27 Oct 2021
    हमारे गृह मंत्री से अच्छा लोकतंत्र का पाठ कौन पढ़ा सकता है। नहीं...नहीं...ये कोई व्यंग्य नहीं है, यक़ीन न हो तो लोकतंत्र को लेकर दिल्ली में आयोजित तीन दिन के राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री…
  • pegasus bench
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
    पेगासस जासूसी मामला: सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए बनाई विशेषज्ञ समिति
    27 Oct 2021
    पीठ ने कहा कि याचिकाओं में निजता के अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उल्लंघन जैसे आरोप लगाए गए हैं, जिनकी जांच करने की ज़रूरत है।
  • tripura
    सत्यम श्रीवास्तव
    बांग्लादेश सीख रहा है, हिंदुस्तान सीखे हुए को भूल रहा है
    27 Oct 2021
    बांग्लादेश ने अपने से कहीं पुराने और कहीं बड़े हिंदुस्तान को न केवल आर्थिक प्रगति और उससे जुड़े गरीबी, पोषण और शिक्षा के मामले में पछाड़ दिया है, बल्कि एक बेहतर भविष्य रचने की दिशा में भी हिंदुस्तान को…
  • DISCOMS
    बिजली संशोधन कानून 2021: बिजली को तारों से अलग करने की कसरत!
    27 Oct 2021
    दुर्भाग्य से, बिजली के मामले में बाजार की विफलता के सबूत अपने सामने होने के बावजूद, वर्तमान सरकार ऐसी नीतियों को ही आगे बढ़ाने में लगी हुई है, जो इस क्षेत्र को और भी ख़तरे में डालने जा रही हैं।
  • law
    दित्सा भट्टाचार्य
    जजों की भारी कमी के बीच भारतीय अदालतों में 4.5 करोड़ मामले लंबित, कैदियों से खचाखच भरी जेलें
    27 Oct 2021
    उच्च न्यायालयों में 2019-2020 के बीच लंबित मामलों में 20 फीसदी की वृद्धि हुई जबकि इसी अवधि में, अधीनस्थ न्यायालयों में ​13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।​
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License