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अल्जीरिया : जनता ने हिरक आंदोलन की दूसरी बरसी मनाई
जानलेवा कोरोना वायरस के प्रकोप से प्रभावित देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के लगभग एक साल बाद प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर हमला करते हुए और प्रणालीगत बदलाव की मांग करते हुए बड़ी संख्या में प्रदर्शन में भाग लिया।
पीपल्स डिस्पैच
17 Feb 2021
 हिरक आंदोलन

कोरोनावायरस महामारी के चलते लंबे अंतराल के बाद इस ऐतिहासिक आंदोलन को फिर से तेज करने के लिए नए सिरे से मंगलवार 16 फरवरी को अल्जीरिया के खेर्राटा शहर में सत्ता-विरोधी हिरक आंदोलन की दूसरी बरसी के मौके पर हजारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।

साल 2019 में ऐतिहासिक हिरक आंदोलन ने तत्कालीन अल्जीरियाई राष्ट्रपति व तानाशाह अब्देलाज़िज़ बुउटेफ्लिका को पद से हटा दिया था। देश में विरोध प्रदर्शनों पर सरकार की पाबंदी को नजरअंदाज़ करते हुए मंगलवार को प्रदर्शन हुए।

अल्जीरिया की राजधानी अल्जीयर्स से लगभग 300 किलोमीटर पूर्व खेर्राटा शहर में हुए प्रदर्शनों में प्रदर्शनकारियों ने अल्जीरियाई और बर्बर झंडे लहराए और मौजूदा सरकार व राष्ट्रपति अब्देलमजीद टेब्बाउने और अल्जीरिया की सेना के खिलाफ नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने नारा लगाते हुए कहा कि "इस गैंग को हटना चाहिए” और "एक नागरिक राष्ट्र चाहिए न कि सैन्य राष्ट्र"। प्रदर्शनकारियों ने सरकार, सेना और राष्ट्रपति को व्यापक भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और गरीबी जैसी राष्ट्रव्यापी समस्याओं का समाधान निकालने या उनकी मांगों को पूरा करने में असमर्थ, भ्रष्ट और अक्षम बताया।

खेर्राटा शहर हिरक आंदोलन के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि यहां बाउटेफ्लिका द्वारा अल्जीरियाई राष्ट्रपति के रूप में पांचवें कार्यकाल के लिए उनकी घोषणा के बाद उनके खिलाफ पहला विरोध 16 फरवरी 2019 को शुरु हुआ था। विरोध प्रदर्शन बड़े पैमाने पर तेज हो गया था और यह पूरे देश में फैल गया जिसने पहले बाउटेफ्लिका को अपनी उम्मीदवारी वापस लेने के लिए मजबूर किया और अंततः राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना पड़ा।

बाउटेफ्लिका के पद छोड़ने के बाद भी कुछ प्रमुख नेताओं और प्रतिभागियों की गिरफ्तारी और कैद को लेकर बड़े पैमाने पर सरकारी दमन के बावजूद देश की राजनीति में प्रणालीगत बदलाव की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन जारी रहा।

Algeria
algerian people celebrate hirak protests anniversary
hirak protests

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