NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अवैध इज़रायली प्रशासनिक हिरासत के ख़िलाफ़ तीन फ़िलिस्तीनी क़ैदियों ने की भूख हड़ताल
वर्तमान में लगभग 500 फ़िलिस्तीनी बिना किसी आरोप या मुक़दमे के अवैध इज़रायली प्रशासनिक हिरासत नीति के तहत क़ैद हैं।
पीपल्स डिस्पैच
21 Jun 2021
अवैध इज़रायली प्रशासनिक हिरासत के ख़िलाफ़ तीन फ़िलिस्तीनी क़ैदियों ने की भूख हड़ताल

पैलेस्टिनियन प्रिजनर्स सोसाइटी (पीपीएस) ने 20 जून को कहा कि इजरायल में तीन फिलिस्तीनी प्रशासनिक बंदियों ने बिना किसी आरोप या मुकदमे के अपनी अवैध हिरासत का विरोध करने के लिए भूख हड़ताल जारी रखे हुए हैं। विभिन्न इजरायली जेलों या हिरासत केंद्रों में इन तीन कैदियों ने अलग-अलग समय पर अपनी अपनी भूख हड़ताल शुरू की थी। पैलेस्टिनियन कमीशन ऑफ डिटेनीज एंड एक्स डिटेनीज के अनुसार, ये तीन बंदी जमाल अल-तवील, खादर अदनान और ग़दानफ़र अबू अतवान हैं।

59 वर्षीय जमाल-अल-तवील, कब्जे वाले वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी शहर रामल्ला के एक वरिष्ठ हमास अधिकारी ने अपनी बेटी, पत्रकार बुशरा अल-तवील और खुद की प्रशासनिक हिरासत से रिहाई की मांग करते हुए बिना खान-पानी के 18 दिन पूरे कर लिए हैं। वह वर्तमान में हशारन जेल में विशेष कारावास में बंद है। जेनिन के पैलेसटिनियन इस्लामिक जिहाद के एक वरिष्ठ नेता खादर अदनान ने अल-जालमा हिरासत केंद्र में अपनी अवैध हिरासत के विरोध में 22 दिनों का भूख हड़ताल पूरा कर लिया है। हेब्रोन के पास दूरा शहर के बंदी ग़दनफ़र अबू अतवान, इन तीनों कैदियों में सबसे लंबी अवधि से भूख हड़ताल पर है। उनहोंने कापलान चिकित्सा केंद्र में 47 दिन पूरे कर लिए हैं।

अल-तवील को इजरायली सुरक्षा बलों ने 2 जून, 2021 को नियमित क्रूर छापेमारी के दौरान कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों के उनके घर से गिरफ्तार किया था। उनकी बेटी बुशरा का 9 नवंबर, 2020 को वेस्ट बैंक में एक सैन्य चौकी के पास इजरायली सैनिकों द्वारा अपहरण कर लिया गया था। बाद में एक सैन्य अदालत ने उन्हें चार महीने की प्रशासनिक हिरासत में रखने का आदेश दिया था, लेकिन जैसे ही हिरासत मार्च में समाप्त होने वाली थी एक अन्य हिरासत अवधि उनके खिलाफ 7 मार्च, 2021 को चार महीने के लिए जारी किया गया था। 28 वर्षीय ग़दनफ़र अबू अतवान अक्टूबर 2020 से हिरासत में हैं। उन्हें पहले भी कई बार हिरासत में लिया जा चुका है।

पैलेस्टिनियन प्रिजनर्स राइट ग्रुप और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के अनुसार, वर्तमान में इज़रायली प्रशासनिक हिरासत में कम से कम 500 फ़िलिस्तीनी हैं, जिनमें से 155 प्रशासनिक हिरासत आदेश केवल 1 से 20 मई के बीच जारी किए गए या बढ़ाए गए हैं। कुल मिलाकर, लगभग 4500 फ़िलिस्तीनी वर्तमान में इज़रायल द्वारा कैद में रखे गए हैं, जिनमें 39 महिलाएं और 115 बच्चे शामिल हैं। प्रशासनिक हिरासत के तहत, इज़रायल बंदियों को उनके वकीलों से संपर्क करने या संवाद करने से रोकता है, साथ ही उस कथित 'सबूत' को भी गुप्त रखता है जिसके तहत उन्होंने बंदियों को गिरफ्तार किया है।

Israel
Palestine
Palestinian Prisoners Society
hunger strike

Related Stories

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

झारखंड: हेमंत सरकार की वादाख़िलाफ़ी के विरोध में, भूख हड़ताल पर पोषण सखी

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है


बाकी खबरें

  • कैथरीन स्काएर, तारक गुईज़ानी, सौम्या मारजाउक
    अब ट्यूनीशिया के लोकतंत्र को कौन बचाएगा?
    30 Apr 2022
    ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति धीरे-धीरे एक तख़्तापलट को अंजाम दे रहे हैं। कड़े संघर्ष के बाद हासिल किए गए लोकतांत्रिक अधिकारों को वे धीरे-धीरे ध्वस्त कर रहे हैं। अब जब ट्यूनीशिया की अर्थव्यवस्था खस्ता…
  • international news
    न्यूज़क्लिक टीम
    रूस-यूक्रैन संघर्षः जंग ही चाहते हैं जंगखोर और श्रीलंका में विरोध हुआ धारदार
    29 Apr 2022
    पड़ताल दुनिया भर की में वरिष्ठ पत्रकार ने पड़ोसी देश श्रीलंका को डुबोने वाली ताकतों-नीतियों के साथ-साथ दोषी सत्ता के खिलाफ छिड़े आंदोलन पर न्यूज़ क्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ से चर्चा की।…
  • NEP
    न्यूज़क्लिक टीम
    नई शिक्षा नीति बनाने वालों को शिक्षा की समझ नहीं - अनिता रामपाल
    29 Apr 2022
    नई शिक्षा नीति के अंतर्गत उच्च शिक्षा में कार्यक्रमों का स्वरूप अब स्पष्ट हो चला है. ये साफ़ पता चल रहा है कि शिक्षा में ये बदलाव गरीब छात्रों के लिए हानिकारक है चाहे वो एक समान प्रवेश परीक्षा हो या…
  • abhisar sharma
    न्यूज़क्लिक टीम
    अगर सरकार की नीयत हो तो दंगे रोके जा सकते हैं !
    29 Apr 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस अंक में अभिसार बात कर रहे हैं कि अगर सरकार चाहे तो सांप्रदायिक तनाव को दूर कर एक बेहतर देश का निर्माण किया जा सकता है।
  • दीपक प्रकाश
    कॉमन एंट्रेंस टेस्ट से जितने लाभ नहीं, उतनी उसमें ख़ामियाँ हैं  
    29 Apr 2022
    यूजीसी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट पर लगातार जोर दे रहा है, हालाँकि किसी भी हितधारक ने इसकी मांग नहीं की है। इस परीक्षा का मुख्य ज़ोर एनईपी 2020 की महत्ता को कमजोर करता है, रटंत-विद्या को बढ़ावा देता है और…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License