NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
सोशल मीडिया
भारत
राजनीति
ऑड-ईवन इफेक्ट : व्हाट्सएप पर निमंत्रण, व्हाट्सएप पर शगुन
एक तरफ ऑड-ईवन चालू है और दूसरी ओर शादियों का सीज़न भी चल रहा है। इसी दौरान एक मित्र के बेटे की शादी का महूर्त निकल आया। और फिर क्या हुआ 'तिरछी नज़र' में बता रहे हैं व्यंग्यकार द्रोण
डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
10 Nov 2019
odd Even
फाइल फोटो, साभार : Hindustan Times

दिल्ली और आस-पास के इलाके में बहुत ही अधिक प्रदूषण है। दीवाली के पहले से लेकर पंद्रह बीस दिन बाद तक एनसीआर में, और अन्य शहरों में भी प्रदूषण चरम पर रहता है। और यह चरम इस समय चल रहा है इसीलिए दिल्ली में ऑड-ईवन लागू है।

एक तरफ ऑड-ईवन चालू है और दूसरी ओर शादियों का सीज़न भी चल रहा है। इसी दौरान एक मित्र के बेटे की शादी का महूर्त निकल आया। शादी के समय कार्ड बांटना सबसे कठिन कार्य है। और उस पर भी आधे दिनों आप अपनी कार निकाल नहीं सकते। उन्हें एक तरकीब सूझी। उन्होंने व्हाट्सएप पर निमंत्रण पत्र भेज दिया और मैसेज डाल दिया। "वायु प्रदूषण बहुत है। साथ ही ऑड-ईवन भी लागू है। देश हित में आपको व्हाट्सएप पर निमंत्रण भेजा है। इसे व्यक्तिगत रूप से दिया गया समझ कर अवश्य पधारें।"
logo tirchhi nazar_3.PNG
हमें निमंत्रण ( व्हाट्सएप द्वारा) मिल गया था। हमनें भी मन बना लिया कि जाना ही चाहिए। पर पत्नी ने समझाया कि ठीक है, ऑड-ईवन हमारे ऊपर लागू नहीं होगा क्योंकि जिस दिन उनके पुत्र का विवाह है, उस दिन हमारी कार का नम्बर ऐसा है कि हम कार चला सकते हैं। पर भई, वायु प्रदूषण तो हमारे लिए भी है और उतना ही नुकसान दायक है जितना उनके लिए है। तो हम भी नहीं जाते हैं। तो पत्नी जी की सलाह से मैंने भी शादी वाले दिन व्हाट्सएप कर दिया "प्रदूषण के कारण हम भी नहीं आ पा रहे हैं। कृपया हमारी बधाई स्वीकार करें। वर-वधू को हमारी ओर से आशीर्वाद दीजिएगा।" साथ ही एक इमोजी भी पोस्ट कर दी।

लेकिन बात अभी समाप्त नहीं हुई थी। अगले ही दिन हमें उनके द्वारा फिर व्हाट्सएप मैसेज मिला। "आपकी बधाई मिली। आपकी ओर से वर-वधू को आशीर्वाद भी दे दिया गया है। पर आप समझते ही हैं कि सूखा आशीर्वाद, जब तक शगुन साथ न हो, फलता नहीं है। शगुन के लिए बैंक की डिटेल्स दी गई हैं। आशा है आप अन्यथा नहीं लेंगे।" साथ ही बैंक की डिटेल्स दी गईं थीं।

हमें लग रहा था कि सारा कसूर प्रदूषण का ही है। प्रदूषण नहीं होता तो शादी में जाते, शगुन देते और शानदार दावत खा कर आते। अब यहां तो मुफ्त में ही शगुन डालना पड़ रहा है।

जहां तक प्रदूषण की बात है, सरकारें चाहे किसी भी दल की रही हों, पर्यावरण के मामले में निश्चिंत ही रहती हैं। उन्हें पता होता है कि इस मामले पर कोई उन्हें नहीं हटायेगा। हम भारतीय प्रदूषण को लेकर बहुत ही निश्चिंत हैं, उस पर कभी भी वोट नहीं करेंगे। इसलिए वोट लेने वाले दल भी निश्चिंत हैं, इस हिंदू-मुसलमान से निपट लें, मंदिर-मस्जिद का निपटारा हो जाये, पर्यावरण तो ठीक होता रहेगा। वैसे भी मोदी जी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाषण दे दे कर पर्यावरण को ठीक तो कर ही रहे हैं।

देखा जाये तो पर्यावरण बिगड़ने से कुछ एक लाभ भी होते हैं। पर्यावरण बिगड़ता है तो रोजगार बढ़ते हैं। देश की जनता को साफ पानी नहीं मिला तो वाटर फिल्टर बनाने के कारखाने खुल गये। बहुत सारे लोग वाटर फिल्टर और वाटर प्यूरीफायर बनाने के कारखाने में काम करने लगे। अन्य बहुत सारे उसकी सेल और सर्विस में जुट गए।

घर में तो वाटर फिल्टर या वाटर प्यूरीफायर से काम चलने लगा। पर जब बाहर निकलें तो क्या करें। तो लोग जब बाहर निकलते तो बिसलरी का पानी पीने लगे। बीस लीटर की बोतल से लेकर दो सौ एमएल के पाउच तक बाजार में बिकने लगे। उन्हें बनाने वालों से बेचने वालों तक, सबको रोजगार मिला। बिसलेरी का यह आलम है कि जिसकी जेब में खाने के भी पैसे नहीं होते, पानी वह बिसलेरी का ही पीता है। लोगों को गंदे पानी की इतनी आदत हो गई है कि अब कोई भी प्रदुषित पानी की शिकायत नहीं करता, बस बिसलरी पी लेता है। न यह प्रदूषित पानी चुनाव का मुद्दा बनता है और न ही किसी आंदोलन का।

लेकिन वायु प्रदूषण थोड़ा नई चीज है। इसकी अभी आदत नहीं पड़ी है इसलिए शोर मचाया जा रहा है। जब आदत पड़ जायेगी तो शांति स्थापित हो जायेगी। एयर फिल्टर और एयर प्यूरीफायर अभी नई चीजें हैंं। लोगों को अभी इनकी बहुत अधिक जानकारी भी नहीं है। पर कोई बात नहीं, जैसे जैसे वायु प्रदूषण बढ़ेगा, अधिक शहरों में फैलेगा, लोगों में जागरूकता पैदा होगी।

लोग अपनी कार, एसयूवी या बाइक का प्रदूषण चेक करवायें न करवायें, खुले में कूडा़ जलाना बंद करें न करें, पर एयर फिल्टर और प्यूरीफायर जरूर खरीदने लगेंगे। घर से बाहर निकलेंगे तो शुद्ध हवा का सिलेंडर साथ लेकर निकलेंगे। धीरे धीरे लोगों को अशुद्ध हवा की आदत पड़ जायेगी और यह मुद्दा भी खत्म हो जायेगा। साथ ही साथ एयर फिल्टर और एयर प्यूरीफायर बनाने, बेचने और सर्विस करने का रोजगार पैदा होगा।

पर बात तो हम अपने मित्र के पुत्र के विवाह की कर रहे थे। जब उन्होंने मांग ही लिया था तो हमने शगुन भेज ही दिया। हम भूल भी चुके थे कि एक दिन हमारे मेल पर उनका मेल आया। उन्होंने हमारे घर के पास के ही एक फूड कोर्ट के कूपन भेजे थे। "जाईए और मेरे बेटे के विवाह की दावत का लुत्फ उठाईये"।

(लेखक पेशे से चिकित्सक हैं।)

tirchi nazar
Satire
Political satire
Odd-Even
Odd-Even फार्मूला
WhatsApp
Delhi-NCR
Air Pollution
Arvind Kejriwal
Wedding Season

Related Stories

उच्च न्यायालय ने फेसबुक, व्हाट्सऐप को दिए सीसीआई के नोटिस पर रोक लगाने से किया इंकार

विश्लेषण : मोदी सरकार और सोशल मीडिया कॉरपोरेट्स के बीच ‘जंग’ के मायने

कैसे बना सोशल मीडिया राजनीति का अभिन्न अंग?

नए आईटी कानून: सरकार की नीयत और नीति में फ़र्क़ क्यों लगता है?

भारत में प्राइवेसी लॉ नहीं होने का फ़ायदा उठा रहा है WhatsApp

यदि आप नई नीति स्वीकार नहीं करना चाहते, तो वाट्सऐप का इस्तेमाल नहीं करें: अदालत

आलोचनाओं के बीच वाट्सऐप ने नई नीति का क्रियान्वयन तीन महीने के लिए टाला

क्या है WhatsApp की विवादित डाटा पॉलिसी?

आख़िर लोग वाट्सऐप क्यों छोड़ रहे हैं?

राहुल गांधी यह आरोप क्यों लगा रहे हैं कि फेसबुक, व्हॉट्सएप पर बीजेपी-आरएसएस का नियंत्रण है?


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई
    17 May 2022
    मुण्डका की फैक्ट्री में आगजनी में असमय मौत का शिकार बने अनेकों श्रमिकों के जिम्मेदार दिल्ली के श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर उनके इस्तीफ़े की माँग के साथ आज सुबह दिल्ली के ट्रैड यूनियन संगठनों…
  • रवि शंकर दुबे
    बढ़ती नफ़रत के बीच भाईचारे का स्तंभ 'लखनऊ का बड़ा मंगल'
    17 May 2022
    आज की तारीख़ में जब पूरा देश सांप्रादायिक हिंसा की आग में जल रहा है तो हर साल मनाया जाने वाला बड़ा मंगल लखनऊ की एक अलग ही छवि पेश करता है, जिसका अंदाज़ा आप इस पर्व के इतिहास को जानकर लगा सकते हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    यूपी : 10 लाख मनरेगा श्रमिकों को तीन-चार महीने से नहीं मिली मज़दूरी!
    17 May 2022
    यूपी में मनरेगा में सौ दिन काम करने के बाद भी श्रमिकों को तीन-चार महीने से मज़दूरी नहीं मिली है जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • सोन्या एंजेलिका डेन
    माहवारी अवकाश : वरदान या अभिशाप?
    17 May 2022
    स्पेन पहला यूरोपीय देश बन सकता है जो गंभीर माहवारी से निपटने के लिए विशेष अवकाश की घोषणा कर सकता है। जिन जगहों पर पहले ही इस तरह की छुट्टियां दी जा रही हैं, वहां महिलाओं का कहना है कि इनसे मदद मिलती…
  • अनिल अंशुमन
    झारखंड: बोर्ड एग्जाम की 70 कॉपी प्रतिदिन चेक करने का आदेश, अध्यापकों ने किया विरोध
    17 May 2022
    कॉपी जांच कर रहे शिक्षकों व उनके संगठनों ने, जैक के इस नए फ़रमान को तुगलकी फ़ैसला करार देकर इसके खिलाफ़ पूरे राज्य में विरोध का मोर्चा खोल रखा है। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License