NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
तिरछी नज़र : कश्मीर, कश्मीरियों के सिवा सबका ‘अंदरूनी मामला’ है!
ख़ैर अब क्योंकि यूरोपीय यूनियन के कुछ सदस्य देशों के सांसदों ने कश्मीर का दौरा कर लिया है और बता दिया है कि कश्मीर में सब ठीक है, सो हम मान लेते हैं। उन्होंने यह भी बता दिया है कि कश्मीर भारत का अंदरूनी मामला है।
डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
03 Nov 2019
EU MPs visit to Kashmir
फोटो साभार : India Today

कश्मीर के हालात ठीक हैं। और ठीक क्या, बल्कि बहुत ही ठीक हैं। और यह कहना है यूरोप के कुछ सांसदों का। सरकार तो पांच अगस्त से कहती आ रही है कि कश्मीर में सब ठीक-ठाक है पर हम मान ही नहीं रहे थे। सरकार का कहना है कि चार अगस्त तक कश्मीर में हालत बहुत खराब थे। इतने खराब थे कि सरकार को कुछ हटाना पड़ा। जैसे ही सरकार ने अगस्त माह की पांच तारीख को वो चीज हटाने का काम किया तो अचानक ही सब कुछ ठीक होने लगा।

हमारी यह पुरानी आदत रही है कि ये विदेशी, और उस पर भी गोरे, कुछ कह दें तो एकदम मान लेते हैं। न्यूटन के सिद्धांत, आइंस्टीन की थ्योरी सभी वेदों-पुराणों में वर्णित है। पर जब तक न्यूटन, आइंस्टीन ने नहीं बताया हमने माना ही नहीं। इसी तरह से मोदी जी, अमित शाह जी तो कोई तीन महीने से बता बता कर थक गये पर हम मान ही नहीं रहे हैं कि कश्मीर में सब ठीक है, शांति है। इसीलिए यूरोपीय सांसदों को बुलाना पड़ा, यह बताने के लिए कि कश्मीर में सब ठीक है। हम पहले ही मान लेते तो न इतनी मेहनत करनी पड़ती और न ही इतना पैसा खर्च करना पड़ता।

logo tirchhi nazar_2.PNG

खैर अब क्योंकि यूरोपीय यूनियन के कुछ सदस्य देशों के सांसदों ने कश्मीर का दौरा कर लिया है और बता दिया है कि कश्मीर में सब ठीक है, सो हम मान लेते हैं। उन्होंने यह भी बता दिया है कि कश्मीर भारत का अंदरूनी मामला है। पहले लगता था कि कश्मीर कश्मीरियों का अंदरूनी मामला होना चाहिये था पर अब मान लेते हैं कि कश्मीर हरियाणा का अंदरूनी मामला है, महाराष्ट्र का मामला है, और जहां भी चुनाव हों, उन सब जगहों का मामला है पर कश्मीर कश्मीरियों का मामला नहीं है। हरियाणवियों (हरियाणा वासियों) से 370 पर वोट मांगे जा सकते हैं।

महाराष्ट्रीयन लोगों से 370 हटाने को लेकर चर्चा की जा सकती है। पर कश्मीरियों से 370 पर बात करना पाप है क्योंकि धारा 370 भारत का अंदरूनी मामला है और भारत सरकार की निगाह में कश्मीर प्रदेश तो हमारा है पर कश्मीर के नागरिक विदेशी हैं।

सुनते हैं कि ये जो विदेशी सांसद आये और कश्मीर गये, इसका प्रबंधन एक दलाल (लॉबिंग करने वाली) कम्पनी के पास था। उस दलाल कम्पनी ने इन विदेशी सांसदों का प्रधानमंत्री जी से मिलने का कार्यक्रम भी तय कर रखा था। प्रधानमंत्री जी मिले और बहुत गर्मजोशी से मिले। उसके बाद उन सांसदों को श्रीनगर ले जाया गया। वहां उन्होंने सैर सपाटा किया। डल झील में शिकारे की सवारी की। उसके बाद प्रैस से मिले। प्रैस को बताया कि कश्मीर बहुत ही सुन्दर है। कश्मीर बहुत शांत है। और कश्मीर मैं सब कुछ ठीक-ठाक है। 

अच्छा मेहमान वह होता है जो मेजबान के यहां फालतू की तांक झांक न करे। जो ढका हुआ है उसे ढका ही रहने दे। यूरोप से ये मेहमान अगर अच्छे मेहमान सिद्ध हुए तो हमने भी मेहमान नवाजी में कोई कसर बाकी नहीं रहने दी। कश्मीर में हम और भी विदेशी मेहमानों की मेजबानी के लिए तैयार हैं, बस शर्त यही है कि वे भी अच्छे मेहमान बनने के लिए तैयार हों। 

(लेखक पेशे से चिकित्सक हैं।)

tirchi nazar
Satire
Political satire
EU MPs visit to Kashmir
Jammu and Kashmir
Article 370
Narendera Modi
BJP
kashmiri awaam

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कश्मीर में हिंसा का नया दौर, शासकीय नीति की विफलता

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट


बाकी खबरें

  • भाषा
    ईडी ने फ़ारूक़ अब्दुल्ला को धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए तलब किया
    27 May 2022
    माना जाता है कि फ़ारूक़ अब्दुल्ला से यह पूछताछ जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनिमियतता के मामले में की जाएगी। संघीय एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    एनसीबी ने क्रूज़ ड्रग्स मामले में आर्यन ख़ान को दी क्लीनचिट
    27 May 2022
    मेनस्ट्रीम मीडिया ने आर्यन और शाहरुख़ ख़ान को 'विलेन' बनाते हुए मीडिया ट्रायल किए थे। आर्यन को पूर्णतः दोषी दिखाने में मीडिया ने कोई क़सर नहीं छोड़ी थी।
  • जितेन्द्र कुमार
    कांग्रेस के चिंतन शिविर का क्या असर रहा? 3 मुख्य नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ
    27 May 2022
    कांग्रेस नेतृत्व ख़ासकर राहुल गांधी और उनके सिपहसलारों को यह क़तई नहीं भूलना चाहिए कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई कई मजबूरियों के बावजूद सबसे मज़बूती से वामपंथी दलों के बाद क्षेत्रीय दलों…
  • भाषा
    वर्ष 1991 फ़र्ज़ी मुठभेड़ : उच्च न्यायालय का पीएसी के 34 पूर्व सिपाहियों को ज़मानत देने से इंकार
    27 May 2022
    यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने देवेंद्र पांडेय व अन्य की ओर से दाखिल अपील के साथ अलग से दी गई जमानत अर्जी खारिज करते हुए पारित किया।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    “रेत समाधि/ Tomb of sand एक शोकगीत है, उस दुनिया का जिसमें हम रहते हैं”
    27 May 2022
    ‘रेत समाधि’ अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला पहला हिंदी उपन्यास है। इस पर गीतांजलि श्री ने कहा कि हिंदी भाषा के किसी उपन्यास को पहला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार दिलाने का जरिया बनकर उन्हें बहुत…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License