NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
विकास पर एक ललित निबंध : विकास ने मार डाला, विकास को मार डाला
विकास क्योंकि वही दल कर सकता है जिसकी सरकार होती है तो जिसकी सरकार होती है वह दल विकास का, और विकास उस दल का हो जाता है जिसकी सरकार होती है।
डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
12 Jul 2020
विकास ने मार डाला

देश छह साल से विकास को ढूंढ रहा है। छह साल पहले देश को बताया गया कि विकास आयेगा। विकास अपने आप नहीं आया तो विकास को लाया जाएगा। देश को विकासशील देशों में से निकाल कर और और विकास कर विकसित देशों में लाया जायेगा। सबको साथ ले सबका विकास किया जायेगा। 

tirchi nazar_2.jpg

जब सरकार के नौ महीने पूरे हो गये तो लोगों को लगा कि अब तो विकास की डिलीवरी होने ही वाली है, विकास पैदा होने ही वाला है। लेकिन मोदी जी प्रधानमंत्री बने थे न कि उनका विवाह हुआ था कि नौ महीने होते होते विकास नाम का कोई बच्चा पैदा हो जाता। और न ही विकास किसी पिज्जा का नाम था जिसकी किसी तय समय में गारंटी के साथ डिलीवरी हो जाये। अतः विकास डिलीवर होने की चीज थी ही नहीं, तो नहीं ही हुई। यानी विकास की डिलीवरी न तो नौ महीने में ही हुई और न ही अब छह साल में हुई है। 

इधर लोग देश में विकास के जन्म की प्रतीक्षा ही कर ही रहे थे कि उधर चंडीगढ़ में साक्षात विकास दिख ही गया। पूरा बड़ा व्यस्क विकास। वहाँ पर विकास भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष के पुत्र के रूप में दिखाई दिया। उस विकास की शिकायत एक लड़की ने दर्ज कराई। वह लड़की खास थी इसलिए भाजपा के इस विकास को बरदाश्त नहीं कर पाई। कोई आम लड़की होती तो उसे इस भाजपाई विकास के होने को बरदाश्त करना ही पड़ता। आखिर वह भाजपा के नेता द्वारा बनाया किया गया विकास था। जब तक वह विकास जेल में था, हरियाणा का विकास थमा हुआ था। पर उस विकास को जमानत मिल गई और वह जेल से बाहर है। अब हरियाणा में आगे भी और विकास होता रहेगा। 

विकास लगातार होते भी रहना चाहिए और हुआ भी है। हो सकता है बीच बीच में ठहर गया हो पर ठहरा हुआ विकास फिर से शुरू हो जाता है। और जब हरियाणा में विकास हो तो उत्तर प्रदेश में क्यों न हो। और उत्तर प्रदेश बड़ा प्रदेश है तो, तो विकास भी बड़ा होना चाहिए। वैसे भी उत्तर प्रदेश में पिछले तीन साल से विकासोन्मुखी योगी जी की सरकार है और बहुत से लोग योगी जी को मोदी जी से पहले मानते हैं। तो इस लिए विकास भी वहाँ अधिक और बड़ा हुआ।

विकास तो उत्तर प्रदेश में पहले से ही हो रहा था, योगी जी की सरकार बनने से पहले से ही, मायावती की सरकार में, अखिलेश की सरकार में। पर लोगों को दिखा तब ही है जब वह अधिक बड़ा हो गया। विकास पुरुषों के होने से पहले भी विकास था और विकास पुरुषों के होते हुए भी विकास है और विकास पुरूषों के न रहने पर भी विकास रहेगा। विकास का होना, बने रहना और होते रहना ही निरंतर विकास की निशानी है। हमारे देश में लोकतंत्र बना रहे, इसके लिए विकास का बना रहना भी आवश्यक है। अगर विकास नहीं होगा तो न तो देश उन्नत होगा और न ही लोकतंत्र बचेगा।

विकास शुरू से विकास ही होता है। जब वह अच्छा विकास होता है तो किसी के काम का नहीं होता है। राजनेताओं के तो हरगिज नहीं। तब वह सिर्फ एक वोट होता है, सिर्फ एक ही वोट। वह भी पाँच साल में एक बार। और तो और वह अच्छा विकास तो अपने घर के लोगों पर भी किसी को वोट डालने के लिए दबाव नहीं डालता है। ऐसा अच्छा विकास किसी के किसी काम का नहीं है।

विकास तभी काम का होता है जब वह वोट और नोट, दोनों दिलवाये। ऐसा विकास सभी राजनेता करते हैं। इस विकास को भी उत्तर प्रदेश के राजनेताओं ने ही किया। विकास क्योंकि वही दल कर सकता है जिसकी सरकार होती है तो जिसकी सरकार होती है वह दल विकास का, और विकास उस दल का हो जाता है जिसकी सरकार होती है। विकास इसी तरह हर सरकार के समर्थन से अपना विकास करता जाता है। सरकार भी विकास के समर्थन से अपना विकास करती जाती है।

विकास कभी भी गरीबों का नहीं होता है। वह तो गरीबों को मार कर ही बनता है। वह गरीबों के नाम पर अमीरों, अफसरों और राजनेताओं का होता है। विकास के होने में अमीरों, अफसरों और राजनेताओं का हाथ होता है। विकास की कहानी लिखी जाती है कभी खून से, कभी भ्रष्टाचार से और कई बार दोनों से। जब विकास की.पोल खुलने की संभावना होती है तो विकास को ढहा दिया जाता है, लीपापोती शुरू हो जाती है। राजनेताओं की, अफसरों की पोल न खुले इसलिए विकास के मलबे तक को गायब करवा दिया जाता है।

विकास के उत्थान और पतन में पुलिस भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब विकास का काम चल रहा होता है तो पुलिस उसकी राह में आये रोड़ों को बलपूर्वक हटाती है। विकास की राह में रुकावट बन रही जमीनों पर कब्जा करवाती है। विकास का सहारा बनती है। पर जब विकास की पोल खुलने लगती है तो विकास को गिरवाने का कार्य भी पुलिस की निगरानी में ही होता है। यहाँ तक कि मलबा उठवाने का काम भी पुलिस ही करवाती है जिससे कोई जाँच एजेंसी विकास की जाँच पड़ताल न कर सके। विकास चाहे किसी का भी हो, कोई सा भी हो, कहीं का भी हो, उसकी नियति ऐसी ही होती है।

 (लेखक पेशे से चिकित्सक हैं।)

tirchi nazar
Satire
Political satire
Vikas Dubey
Vikas Dubey Encounter
UP police
Yogi Adityanath
yogi sarkar

Related Stories

तिरछी नज़र: सरकार-जी, बम केवल साइकिल में ही नहीं लगता

विज्ञापन की महिमा: अगर विज्ञापन न होते तो हमें विकास दिखाई ही न देता

तिरछी नज़र: बजट इस साल का; बात पच्चीस साल की

…सब कुछ ठीक-ठाक है

तिरछी नज़र: ‘ज़िंदा लौट आए’ मतलब लौट के...

तिरछी नज़र: ओमीक्रॉन आला रे...

तिरछी नज़र: ...चुनाव आला रे

चुनावी चक्रम: लाइट-कैमरा-एक्शन और पूजा शुरू

कटाक्ष: इंडिया वालो शर्म करो, मोदी जी का सम्मान करो!

तिरछी नज़र: विश्व गुरु को हंसना-हंसाना नहीं चाहिए


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License