NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
तिरछी नज़र: क्या से क्या हो गया, बेवफ़ा तेरे प्यार में 
महबूबा उसी श्मशान के सामने, जो उससे उसके उसी महबूब ने नारे लगवा कर बनवाये थे, शव वाहनों में लेटी लाश के रूप में अपनी बारी का इंतजार कर रही है। और उसका महबूब लाशों का उत्सव मना रहा है।
डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
25 Apr 2021
कोरोना
फोटो साभार : down to earth

पुरानी फिल्म 'पत्थर के सनम' का गाना है 'महबूब मेरे, महबूब मेरे… तू है तो दुनिया कितनी हसीं है। जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं है।' हमने तो 2012-13 में ही यह गाना शुरू कर दिया था। हमारा उस समय का महबूब नीरस था। प्यार करना जानता था, प्यार करता था, पर जताता नहीं था। 'आई लव यू' नहीं बोलता था। महबूब मोहब्बत करे न करे, पर 'आई लव यू' न बोले यह तो सही नहीं है न।

और हमें मिल भी गया। हमें 'आई लव यू' कहने वाला महबूब मिल गया। हमें ढूंढना भी नहीं पड़ा और मिल भी गया। हमारे सामने आया, और आया क्या, बड़े जोर शोर से लाया गया। इतने गाजे बाजे, शो ऑफ के साथ प्रेजेंट किया गया कि करोड़ों लोग एक साथ बोल उठे 'आई लव यू'। वह भी बोला 'आई लव यू' । ढेर सारी मेहबूबाओं ने उसे अपना महबूब मान लिया।

बिल्कुल यही लगा कि 'तू है तो दुनिया कितनी हसीं है' और 'जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं है'। महबूबा को क्या चाहिए, महबूब। जो महबूब कहे वही सच। महबूब ने कहा तुम्हारे दादा-दादी, नाना-नानी, मां-बाप, सब नरक की जिंदगी जी रहे थे। मैं तुम्हें स्वर्ग की जिंदगी दिखाऊंगा। हम सब मान गये। वे सब, दादा-दादी, नाना-नानी, चाचा-चाची तो तयैब अली थे, प्यार के दुश्मन थे। महबूब ने कहा तो हमने मान लिया कि वे तो सचमुच ही नरक में जिये थे। महबूब कोई झूठ थोड़ी ही न बोलेगा। वैसे भी उसको काले कव्वे ने नहीं काटा था, तो हम समझ गए कि उसने झूठ नहीं बोला है। यह तो बहुत बाद में पता चला कि 'महबूब तो स्वंय ही काला कव्वा है, उसे काला कव्वा क्या काटता'।

महबूबा तो प्यार करती रही और महबूब प्यार करवाता रहा। महबूब ने पूछा, मुझसे प्यार करती हो। महबूबा ने कहा, हां! मैं तुमसे सचमुच प्यार करती हूँ, बेइंतहा प्यार करती हूँ। महबूब बोला, मुझसे प्यार करती हो तो बाकी सब से घृणा करो, नफरत करो। पुराने से भी घृणा करो, नये से भी घृणा करो। अड़ोसी से भी घृणा करो, पड़ोसी से भी घृणा करो। मन से मोहब्बत को निकाल दो। बस महबूब से मोहब्बत कर। महबूबा तो प्यार में दीवानी थी ही। महबूब की यह बात भी मान ली। मोहब्बत की खातिर ही नफरत की बात भी मान ली। महबूब की मोहब्बत में डूब कर ही प्यार में डूबे दिल में नफरत ही नफरत बो दी।

महबूबा ने कसमें खाईं, वादे किए, प्यार के और वफ़ा के। महबूब ने कहा कि ये झूठी कसमें खाने से कुछ नहीं होगा। सब अपने नोट मेरे पास जमा करा दो। महबूब मांग रहा था, महबूबा मना करे तो कैसे करे। महबूबा ने अपने सारे के सारे नोट महबूब के पास जमा कर दिए। वर्षों की मेहनत से जमा किये नोट घंटों लाइनों में खड़े होकर जमा करा दिये। महबूबा ने मर मर कर जमा किए गये नोट मर मर कर महबूब के पास जमा करवा दिये। महबूबा ने महबूब से पूछा भी नहीं, बस जमा कर दिये। महबूबा को पता था कि प्यार में पूछा नहीं जाता है। और महबूब तो जानता ही था कि प्यार में बताया नहीं जाता है। इसीलिये तो वह प्यार करता था। महबूबा ने भी कहा 'नोट चीज क्या है, आप मेरी जान लीजिए। बस एक बार मेरा कहा मान लीजिए'।

महबूब कहा मानने के लिए तो बना ही नहीं था लेकिन महबूब को जान लेने की बात जम गई। तो महबूब ने पूछा, श्मशान घाट चाहिए। महबूबा को लगा महबूब जान मांग रहा है। महबूबा ने जोर से कहा 'हां चाहिये' । मोहब्बत में महबूब जान मांगे और महबूबा मना कर दे, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। महबूबा के लिए तो वह दिन बहुत ही खुशी का दिन था जिस दिन महबूब ने नोट मांगे। और अब वह जान मांग रहा है। महबूबा के लिए तो उससे अधिक खुशी का दिन कोई हो ही नहीं सकता था जिस दिन महबूब ने उससे उसकी जान मांगी थी और उसके लिए बड़े बड़े आलीशान श्मशान घाट बनवाने का वायदा किया था। और ऐसा महबूब ने एक जगह नहीं कहा था, पूरे प्रदेश में कहा था। उसकी गूंज पूरे देश में उठी थी। और महबूबा तो खुशी से पागल ही हो गई थी। वह सबको बताती फिर रही थी कि उसका महबूब उसकी जान मांग रहा है, उसके लिए श्मशान घाट बनवा रहा है। वह सच में ही मोहब्बत में दीवानी हो गई थी।

लेकिन महबूब तो बेवफ़ा था। महबूब बेवफ़ा ही होता है और महबूबा बेवकूफ़। महबूब प्यार का नाटक तो महबूबा से कर रहा था, प्यार की कसमें तो वह महबूबा की खा रहा था, प्यार का दिखावा तो वह महबूबा के साथ कर रहा था। पर असलियत में प्यार तो महबूब किन्हीं औरों के साथ कर रहा था। प्यार की पींगे तो वह करोड़ों के साथ लगा रहा था पर प्यार वह सिर्फ किन्हीं दो चार के साथ कर रहा था। वहाँ वे दो महबूब थे और वह महबूब एक अकेला महबूबा था।

चौदह बीत गया और उन्नीस आ गया। महबूब चीख चीख कर बोल रहा था, 'नायक नहीं, खलनायक हूँ मैं'। 'नफरत का सौदागर हूँ मैं'। लेकिन महबूबा की मोहब्बत में कोई कमी नहीं आई। महबूबा तो मोहब्बत में अंधी होती है, दीवानी होती है, मस्तानी होती है। 'प्यार दीवाना होता है, मस्ताना होता है.....'। महबूबा तो बस महबूब से मोहब्बत करती है, चाहे फिर वह आवारा हो, स्मगलर हो, मवाली गुंडा हो या फिर गुंडों का सरदार हो। या फिर चाहे बेवफ़ा ही क्यों न हो। मोहब्बत तो महबूबा के सिर पर चढ़ कर बोलती है, और वह बोली भी। चौदह से ज्यादा उन्नीस में बोली।

अब इक्कीस चल रहा है। महबूबा उसी श्मशान के सामने, जो उससे उसके उसी महबूब ने नारे लगवा कर बनवाये थे, शव वाहनों में लेटी लाश के रूप में अपनी बारी का इंतजार कर रही है। और उसका महबूब लाशों का उत्सव मना रहा है। वह तो चौबीस की प्लानिंग कर रहा है। और नैप्थय में गाना बज रहा है।

क्या से क्या हो गया, बेवफ़ा तेरे प्यार में ।

चाहा क्या, क्या मिला, बेवफ़ा तेरे प्यार में ।।

चलो सुहाना भरम तो टूटा,

जाना कि इश्क क्या है...

(इस व्यंग्य स्तंभ के लेखक पेशे से चिकित्सक हैं।)

tirchi nazar
Satire
Political satire
COVID-19
Coronavirus
Narendra modi
BJP
Health sector collapse

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • भाषा
    कांग्रेस की ‘‘महंगाई मैराथन’’ : विजेताओं को पेट्रोल, सोयाबीन तेल और नींबू दिए गए
    30 Apr 2022
    “दौड़ के विजेताओं को ये अनूठे पुरस्कार इसलिए दिए गए ताकि कमरतोड़ महंगाई को लेकर जनता की पीड़ा सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं तक पहुंच सके”।
  • भाषा
    मप्र : बोर्ड परीक्षा में असफल होने के बाद दो छात्राओं ने ख़ुदकुशी की
    30 Apr 2022
    मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा का परिणाम शुक्रवार को घोषित किया गया था।
  • भाषा
    पटियाला में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं, तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का तबादला
    30 Apr 2022
    पटियाला में काली माता मंदिर के बाहर शुक्रवार को दो समूहों के बीच झड़प के दौरान एक-दूसरे पर पथराव किया गया और स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को हवा में गोलियां चलानी पड़ी।
  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बर्बादी बेहाली मे भी दंगा दमन का हथकंडा!
    30 Apr 2022
    महंगाई, बेरोजगारी और सामाजिक विभाजन जैसे मसले अपने मुल्क की स्थायी समस्या हो गये हैं. ऐसे गहन संकट में अयोध्या जैसी नगरी को दंगा-फसाद में झोकने की साजिश खतरे का बड़ा संकेत है. बहुसंख्यक समुदाय के ऐसे…
  • राजा मुज़फ़्फ़र भट
    जम्मू-कश्मीर: बढ़ रहे हैं जबरन भूमि अधिग्रहण के मामले, नहीं मिल रहा उचित मुआवज़ा
    30 Apr 2022
    जम्मू कश्मीर में आम लोग नौकरशाहों के रहमोकरम पर जी रहे हैं। ग्राम स्तर तक के पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर जिला विकास परिषद सदस्य अपने अधिकारों का निर्वहन कर पाने में असमर्थ हैं क्योंकि उन्हें…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License