NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
तिरछी नज़र: कोरोना का समझदार वायरस
बताया जाता है कि कोरोना के इस समझदार वायरस की अब सरकार से बहुत ही अच्छी सैटिंग हो गई है। कोरोना के वायरस को जल्द ही समझ में आ गया कि अगर भारत में प्रोग्रेस करनी है तो सरकार से सैटिंग बहुत जरूरी है।
डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
27 Dec 2020
तिरछी नज़र
Image courtesy: GSTV

देश में कोरोना के एक करोड़ से अधिक मरीज हो चुके हैं। डेढ़ लाख के करीब लोग मृत्यु को भी प्राप्त कर चुके हैं। हमारे देश की वर्ष 2020 की यह सबसे बड़ी ‘उपलब्धि’ रही है। यह ‘उपलब्धि’ सरकार की कोशिशों के साथ-साथ हमारे सहयोग के बिना संभव नहीं थी। वर्ष 2020 हमारे देश में ही नहीं पूरे विश्व में कोरोना के साल के रूप में मनाया जायेगा। 

कोरोना का वायरस बड़ा समझदार वायरस लगता है, दिमाग वाला। यह वायरस हमारे देश में आया तो देखा कि यहाँ तो स्वास्थ्य व्यवस्था पहले से ही चरमराई हुई हैं तो उसे हमारे देश की जनता पर तरस आया। वह बहुत ही धीरे-धीरे बढ़ा, कि भाई मैं धीरे-धीरे बढ़ता हूँ, तुम भी धीरे-धीरे संभल जाओ, सुधर जाओ, अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को भी सुधार लो। वह जनवरी से मार्च तक एक से सिर्फ पाँच सौ तक पहुंचा। पर हमें जहाँ सँभल सँभल कर चलना था वहाँ हम तेजी से दौड़ने लगे। सुधारने थे अस्पताल पर कर्फ्यू लगा बैठे, लॉकडाउन लगा बैठे। सब कुछ बंद कर बैठे। 

कोरोना के इस समझदार वायरस को लगा कि शासक भले ही बेवकूफ़ है, जनता तो समझदार होगी। शासक ने समय से पहले लॉकडाउन लगाया तो वायरस शांत रहा। सोचा, शासक की गलती की सजा जनता को क्यों देनी। पर जब देखा कि शासक के साथ-साथ जनता भी बेवकूफ़ है। जनता भी गौमूत्र पी रही है, गोबर पोत रही है, थाली-ताली बजा रही है, दिया-बाती जला रही है, तो  कोरोना के समझदार वायरस को गुस्सा आ गया। अनलॉक शुरू होते ही ऐसे बढा़ कि जो वायरस मार्च में पाँच सौ लोगों में था, पंद्रह सितंबर तक पचास लाख और अब एक करोड़ तक पहुंच गया है। 

बताया जाता है कि कोरोना के इस समझदार वायरस की अब सरकार से बहुत ही अच्छी सैटिंग हो गई है। कोरोना के वायरस को जल्द ही समझ में आ गया कि अगर भारत में प्रोग्रेस करनी है तो सरकार से सैटिंग बहुत जरूरी है। तो उसने सरकार से सैटिंग कर ली। जब सरकार कहती है कि शादी-ब्याह में पचास लोगों तक मत फैलना तो वह फौरन शर्त रख देता है कि अंतिम संस्कार में तो बीस के ऊपर होते ही फैल जाऊंगा। सरकार भी उसी के हिसाब से नियम बना देती है। 

जब सरकार कोरोना के वायरस से पीक समय में, सितंबर में संसद चलाने की अनुमति मांगती है तो कोरोना का वायरस फौरन शर्त रख देता है कि मैं तुम्हारा मान रख रहा हूँ, तुम भी मेरा मान रखना। शीतकालीन सत्र मत चलाना भले ही तब तक मैं कम हो जाऊँ। सरकार मान जाती है। इस बार इसीलिए इस समय कोविड की बीमारी सितंबर से कम होने के बावजूद कोरोना के कारण से ही संसद का शीतकालीन सत्र नहीं हो रहा है। सरकार तो कम से कम यही बता रही है। 

सरकार और कोरोना के समझदार वायरस में सांठ-गांठ चलती ही रहती है। सरकार जहाँ चुनाव करवाती है, जहाँ रोड शो में, चुनावी सभाओं में हजारों-लाखों लोग पहुँचते हैं वहाँ नहीं फैलता है पर वहाँ फैल जाता है जहाँ चुनाव या रोड शो न हों। प्रतियोगी परीक्षाओं में नहीं फैलता है पर विश्वविद्यालयों की, कालेज की, स्कूलों की परीक्षाओं में फैलने का डर दिखाता है। सरकार किसान आंदोलन को कोरोना का डर दिखाती है पर खुद किसान सम्मेलन आराम से करवाती है। तो विश्व गुरु भारत में आते ही कोरोना का वायरस भी समझदार हो गया है। वायरस सरकार के हिसाब से चलने लगा है और सरकार वायरस के हिसाब से। 

सुना है अब इस कोविड वायरस ने अपने कपड़े बदल लिए हैं। दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन में बदले कपड़ों में प्रकोप ढा रहा है। पर हे कोरोना के समझदार वायरस! तुम भले ही कितने भी वस्त्र बदल लो, तुम हमें धोखा नहीं दे सकते हो। हमारे प्रधानमंत्री जी तो कपड़ो से ही पहचान लेते हैं।  

(लेखक पेशे से चिकित्सक हैं।)

tirchi nazar
Satire
Political satire
COVID-19
Coronavirus
Narendra modi
BJP
Modi government

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License