NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
तिरछी नज़र : टांगों और घुटनों पर फिसलती संस्कारी निगाहें
संस्कारी लोग हैं, जैसा मौका हो वैसी बात करते हैं। कभी मन फिसल जाता है तो कभी ज़ुबान फिसल जाती है।
डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
04 Apr 2021
तिरछी नज़र : टांगों और घुटनों पर फिसलती संस्कारी निगाहें

पौराणिक कथा है। ऋषि विश्वामित्र की भयंकर तपस्या से तंग आकर देवराज इंद्र अप्सरा मेनका को ऋषि विश्वामित्र की तपस्या भंग करने के लिए पृथ्वी पर भेजते हैं। अप्सरा मेनका विश्वामित्र की तपस्या भंग करने के लिए, लुभाने के लिए तरह-तरह की कोशिश करती है। अंततः मेनका की कोशिशें सफल होती हैं। वह कामयाब होती है और ऋषि विश्वामित्र फिसल जाते हैं। देवताओं के राजा इंद्र का सिंहासन बच जाता है।

अब इधर ऐसा ही कुछ उत्तराखंड के नये नवेले मुख्यमंत्री जी के साथ भी होता है। वे बेंगलूर से दिल्ली के लिए हवाई जहाज से सफर कर रहे थे। उनकी बगल की सीट पर एक महिला भी बेंगलूर से दिल्ली ही जा रही थी। मुख्यमंत्री महोदय भाजपाई थे तो संस्कारी भी थे। भाजपा और संस्कार साथ साथ चलते हैं, बाहों में बाहें डाल कर, एक दूसरे का हाथ पकड़ कर।

तो संस्कारी मुख्यमंत्री जी ने महिला के पैरों की ओर देखा। संस्कारी लोग पराई स्त्री के पैरों को ही देखते हैं। अगर संस्कारों में बंधे न होते तो पहले चेहरा देखते। खैर पैर देखे तो पैरों में गमबूट। मन खट्टा हो गया। नज़र थोड़ा ऊपर की ओर फिसली तो जीन्स। जा कर रुकी तो वहाँ जहाँ जीन्स घुटनों से फटी हुई थी। मन बस वहीं अटक कर रह गया।

अब आगे देखने की जरूरत ही नहीं थी। मुख्यमंत्री जी उस दल से थे जिस दल के प्रधान जी कपड़े देख कर सब समझ जाते हैं। वे भी समझ गए कि बराबर में बैठी महिला संस्कारों से विहीन है। मुख्यमंत्री जी सिकुड़ कर बैठ गए, कहीं तपस्या न भंग हो जाये। खैर बात तो कर ही सकते थे। आगे बात-चीत की तो पता चला कि उस महिला के पति जेएनयू में पढ़ाते हैं। अब तो उस महिला के संस्कारविहीन होने की बात कन्फर्म हो गई। यह बात तब और पक्की हो गई जब पता चला कि महिला स्वयं एक एनजीओ चलाती है। अब तो मुख्यमंत्री जी की वह दो ढाई घंटे की यात्रा कैसे जीन्स और घुटने पर फिसलते हुए तथा राम राम करते हुए गुजरी, ये वही बता सकते हैं। रास्ते भर इसी चिंता में डूबे रहे कि यह असंस्कारी महिला अपने बच्चों को संस्कारी कैसे बनायेगी, देशभक्त कैसे बनायेगी।

हवाई जहाज से उतरे तो भी उनका मन भटकता ही रहा। देश और समाज की चिंता के कारण उनका मन काम काज में भी नहीं लग रहा था और वहीं हवाई जहाज में, फटी जीन्स और उसमें से झांकते घुटने पर फिसल रहा था। रात भर भी सो नहीं पाये। आंखें बंद करते तो बंद आंखों के सामने फटी जीन्स और उससे झांकते घुटने आ जाते। तो अगले ही दिन उन्होंने अपने 'मन की बात' माइक पर समाज के सामने रख दी। लेकिन समाज, इस समाज में संस्कृति रहित लोग इतने अधिक हैं कि वे मुख्यमंत्री जी से माफी मंगवा कर ही माने। और मुख्यमंत्री जी, उन्होंने भी अपनी 'मन की बात' कहने की माफी मांग ली। शायद मुख्यमंत्री जी को आभास नहीं था कि इस देश में सिर्फ एक ही व्यक्ति ऐसा है जिसे अपने 'मन की बात' बोलने की माफी नहीं मांगनी पड़ती है।

उधर, बंगाल में ममता बनर्जी अपनी घायल टांग लोगों को दिखा रही हैं और भाजपा के राज्य अध्यक्ष की निगाहें उनकी स्वस्थ टांग पर भी फिसल रही हैं। संस्कारी लोग हैं, जैसा मौका हो वैसी बात करते हैं। कभी मन फिसल जाता है तो कभी जुबान फिसल जाती है। तो भाजपा के पश्चिमी बंगाल राज्य अध्यक्ष ममता बनर्जी को सलाह दे बैठे कि ममता बनर्जी अपनी टांगें दिखाने के लिए बरमूडा (एक ऐसा अधोवस्त्र जिसकी लम्बाई घुटनों तक ही होती है) पहन लें। फिसले इतना अधिक कि भारतीय परिधान के ऊपर पश्चिमी परिधान की ही सलाह दे बैठे। एक राज्य के संभावित मुख्यमंत्री भी उतना ही फिसल रहे हैं जितना दूसरे राज्य के नये नवेले मुख्यमंत्री। अजीब फिसलन है जो महिलाओं की टांगों और घुटनों पर ही फिसलती है। 

लेकिन बात तो हम पौराणिक कथा की कर रहे थे। आगे कथा यह है कि ऋषि विश्वामित्र और मेनका के मिलन से शकुंतला पैदा होती है। वही शकुंतला जिस पर महाकवि कालीदास ने महाकाव्य लिखा है। इसी महाकाव्य में वर्णन है कि कैसे शकुंतला और राजा दुष्यंत भी फिसल जाते हैं और बिना किसी को बताए विवाह (गंधर्व विवाह) कर लेते हैं। उसी विवाह से भरत नाम का महान और शूरवीर सम्राट पैदा होता है। बताया जाता है कि हमारे देश का नाम भारत उसी महान, शूरवीर सम्राट भरत के नाम पर पड़ा है। 

मुझे तो आश्चर्य इस बात का है कि इन आरएसएस के, भाजपा के, बजरंग दल आदि के संस्कारी लोगों ने कैसे स्वर्ग की अप्सरा मेनका के लुभाने और विश्वामित्र के फिसलने से उत्पन्न हुई शकुंतला को स्वीकार कर लिया और फिर कैसे उसी शकुंतला और राजा दुष्यंत के चोरी छुपे हुए (गंधर्व) विवाह से पैदा हुए पुत्र भरत को भी अपना लिया। और तो और, उससे बड़ा आश्चर्य तो इस बात को लेकर है कि उसी भरत के नाम पर अपने देश का नामकरण हो जाने दिया। लेकिन फिर समझ में आया कि हिन्दुत्व की राजनीति में बड़े लोगों की, राजाओं और ऋषियों की, बने हुए और बनने वाले मुख्यमंत्रियों की फिसलन तो क्षम्य है। और जो अक्षम्य है वह तो है छोटे लोगों की फिसलन। 

लेकिन मैं तो इन या उन फिसलनों के बारे में परेशान नहीं हूँ। मैं तो बस सिर्फ यही सोच कर परेशान हूँ कि यदि विश्वामित्र-मेनका को या फिर दुष्यंत-शकुंतला को गर्भ निरोधक (परिवार नियोजन के) साधन पता होते तो? तो भारत वर्ष का नाम क्या होता? 

(इस व्यंग्य स्तंभ के लेखक पेशे से चिकित्सक हैं।)

tirchi nazar
Satire
Political satire
Ripped Jeans
Tirath Singh Rawat

Related Stories

तिरछी नज़र: सरकार-जी, बम केवल साइकिल में ही नहीं लगता

विज्ञापन की महिमा: अगर विज्ञापन न होते तो हमें विकास दिखाई ही न देता

तिरछी नज़र: बजट इस साल का; बात पच्चीस साल की

…सब कुछ ठीक-ठाक है

तिरछी नज़र: ‘ज़िंदा लौट आए’ मतलब लौट के...

तिरछी नज़र: ओमीक्रॉन आला रे...

तिरछी नज़र: ...चुनाव आला रे

चुनावी चक्रम: लाइट-कैमरा-एक्शन और पूजा शुरू

कटाक्ष: इंडिया वालो शर्म करो, मोदी जी का सम्मान करो!

तिरछी नज़र: विश्व गुरु को हंसना-हंसाना नहीं चाहिए


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की वार्षिक बैठक में ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने " प्रोफिटिंग फ्रॉम पेन" नाम से रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में उन ब्यौरे का जिक्र है जो यह बताता है कि कोरोना महामारी के दौरान जब लोग दर्द…
  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    हैदराबाद फर्जी एनकाउंटर, यौन हिंसा की आड़ में पुलिसिया बर्बरता पर रोक लगे
    26 May 2022
    ख़ास बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बातचीत की वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर से, जिन्होंने 2019 में हैदराबाद में बलात्कार-हत्या के केस में किये फ़र्ज़ी एनकाउंटर पर अदालतों का दरवाज़ा खटखटाया।…
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   
    26 May 2022
    बुलडोज़र राज के खिलाफ भाकपा माले द्वारा शुरू किये गए गरीबों के जन अभियान के तहत सभी मुहल्लों के गरीबों को एकजुट करने के लिए ‘घर बचाओ शहरी गरीब सम्मलेन’ संगठित किया जा रहा है।
  • नीलांजन मुखोपाध्याय
    भाजपा के क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान करने का मोदी का दावा फेस वैल्यू पर नहीं लिया जा सकता
    26 May 2022
    भगवा कुनबा गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने का हमेशा से पक्षधर रहा है।
  • सरोजिनी बिष्ट
    UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश
    26 May 2022
    21 अप्रैल से विभिन्न जिलों से आये कई छात्र छात्रायें इको गार्डन में धरने पर बैठे हैं। ये वे छात्र हैं जिन्होंने 21 नवंबर 2021 से 2 दिसंबर 2021 के बीच हुई दरोगा भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया था
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License