हम 21वीं सदी में रह रहे हैं. यह एक तथ्य है. लेकिन, कई बार ऐसा लगता है कि तथ्य से ज्यादा यह एक सवाल है कि क्या हम सच में 21वीं सदी में रह रहे हैं? सरकार ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक लेकर आई है. इसमें बातें तो समलैंगिकों के कल्याण की कही गई है, लेकिन असल में है यह दमनकारी. पिछले हफ़्ते दिल्ली में आयोजित क्वीर प्राइड परेड 2019 में इस विधेयक के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया गया.
हम 21वीं सदी में रह रहे हैं. यह एक तथ्य है. लेकिन, कई बार ऐसा लगता है कि तथ्य से ज्यादा यह एक सवाल है कि क्या हम सच में 21वीं सदी में रह रहे हैं? सरकार ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक लेकर आई है. इसमें बातें तो समलैंगिकों के कल्याण की कही गई है, लेकिन असल में है यह दमनकारी. पिछले हफ़्ते दिल्ली में आयोजित क्वीर प्राइड परेड 2019 में इस विधेयक के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया गया.
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