NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
छात्रों के खिलाफ राजद्रोह के आरोप हटाये गए, "अजादी लेके रहेंगे’’ नारे लगाने का था आरोप
साकेत डिग्री कॉलेज के प्राचार्य का कहना था कि प्रदर्शनकारी ‘‘अजादी लेके रहेंगे’’ जैसे ‘‘देश विरोधी’’ नारे लगा रहे थे। उधर छात्रों के अनुसार वे ‘‘एक भ्रष्ट प्राचार्य और एक छात्र विरोधी प्रणाली’’ से आजादी की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारी चाहते थे कि छात्र संघ चुनाव हो।
भाषा
29 Dec 2020
छात्रों के खिलाफ राजद्रोह के आरोप हटाये गए, "अजादी लेके रहेंगे’’ नारे लगाने का था आरोप
फ़ोटो : जनज्वार

अयोध्या:  पुलिस ने उन छह छात्रों के खिलाफ राजद्रोह का आरोप सोमवार को हटा लिया, जिनके खिलाफ मामला एक निजी कॉलेज में छात्र संघ के चुनाव की मांग को लेकर कॉलेज परिसर में एक प्रदर्शन के बाद दर्ज किया गया था।

साकेत डिग्री कॉलेज के प्राचार्य एन डी पांडे की एक शिकायत के बाद प्राथमिकी शनिवार को अयोध्या कोतवाली पुलिस थाने में दर्ज की गई थी जिसमें राजद्रोह का आरोप शामिल था। उन्होंने दावा किया था कि प्रदर्शनकारी ‘‘अजादी लेके रहेंगे’’ जैसे ‘‘देश विरोधी’’ नारे लगा रहे थे।

हालांकि छात्रों ने आरोप से इनकार किया और कहा कि वे बुधवार के प्रदर्शन के दौरान ‘‘आजादी’’ एक भ्रष्ट प्राचार्य से मांग रहे थे।

सोमवार को पुलिस ने कहा कि उसे जांच के दौरान राजद्रोह के आरोप के समर्थन में कुछ भी नहीं मिला।

अयोध्या के पुलिस उपाधीक्षक आर के राय ने कहा कि पुलिस ने प्राचार्य द्वारा दर्ज करायी गई शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए के तहत राजद्रोह का एक मामला दर्ज किया था।

उन्होंने कहा कि हालांकि जांच के दौरान पुलिस को किसी भी तरह के ‘‘देश विरोधी नारे’’ के सबूत नहीं मिले।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने सभी छह छात्रों के खिलाफ राजद्रोह के आरोप हटा लिए हैं।’’ उन्होंने कहा कि प्राथमिकी में उल्लेखित अन्य धाराएं बनी रहेंगी।

इनमें दंगा फसाद, गलत तरीके से कैद करना, आपराधिक धमकी, आग या विस्फोटक पदार्थ से शरारत करना और किसी लोक सेवक को कर्तव्य निर्वहन से रोकने लिए चोट पहुंचाना शामिल है।

घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया जताते हुए पांडेय ने कहा, ‘‘राजद्रोह का आरोप हटाना पुलिस का एक निर्णय है। मुझे इस पर कुछ भी नहीं कहना है।’’

इससे पहले उन्होंने कहा था कि छात्र हिंसा के जरिये ‘आजादी’ चाहते थे। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा था, ‘‘मातृभूमि की रक्षा करना मेरा कर्तव्य है और मैंने छात्रों के खिलाफ एक शिकायत दर्ज करायी है।’’

हालांकि छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष आभास कृष्ण यादव ने कहा कि छात्र कॉलेज में ‘‘आजादी’’ के नारे लगा रहे थे क्योंकि वे ‘‘एक भ्रष्ट प्राचार्य और एक छात्र विरोधी प्रणाली’’ से आजादी की मांग कर रहे थे।

कॉलेज में पढ़ने वाले यादव ने कहा कि प्रदर्शनकारी चाहते थे कि छात्र संघ चुनाव हो।

प्राचार्य की शिकायत पर जिन छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनमें सुमित तिवारी, शेष नारायण पांडेय, इमरान हाशमी, सात्विक पांडेय, मोहित यादव और मनोज मिश्रा शामिल हैं।

UttarPradesh
sedition CASE
ayodhya

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?

ख़ान और ज़फ़र के रौशन चेहरे, कालिख़ तो ख़ुद पे पुती है

राजद्रोह मामला : शरजील इमाम की अंतरिम ज़मानत पर 26 मई को होगी सुनवाई

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत चंदन का घेराव, धमकी

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे: कोर्ट कमिश्नर बदलने के मामले में मंगलवार को फ़ैसला

ज्ञानवापी विवाद में नया मोड़, वादी राखी सिंह वापस लेने जा रही हैं केस, जानिए क्यों?  


बाकी खबरें

  • अनिल अंशुमन
    झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 
    12 May 2022
    दो दिवसीय सम्मलेन के विभिन्न सत्रों में आयोजित हुए विमर्शों के माध्यम से कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध जन संस्कृति के हस्तक्षेप को कारगर व धारदार बनाने के साथ-साथ झारखंड की भाषा-संस्कृति व “अखड़ा-…
  • विजय विनीत
    अयोध्या के बाबरी मस्जिद विवाद की शक्ल अख़्तियार करेगा बनारस का ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा?
    12 May 2022
    वाराणसी के ज्ञानवापी प्रकरण में सिविल जज (सीनियर डिविजन) ने लगातार दो दिनों की बहस के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि अधिवक्ता कमिश्नर नहीं बदले जाएंगे। उत्तर प्रदेश के…
  • राज वाल्मीकि
    #Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान
    12 May 2022
    सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन पिछले 35 सालों से मैला प्रथा उन्मूलन और सफ़ाई कर्मचारियों की सीवर-सेप्टिक टैंको में हो रही मौतों को रोकने और सफ़ाई कर्मचारियों की मुक्ति तथा पुनर्वास के मुहिम में लगा है। एक्शन-…
  • पीपल्स डिस्पैच
    अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की
    12 May 2022
    अल जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह (51) की इज़रायली सुरक्षाबलों ने उस वक़्त हत्या कर दी, जब वे क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक स्थित जेनिन शरणार्थी कैंप में इज़रायली सेना द्वारा की जा रही छापेमारी की…
  • बी. सिवरामन
    श्रीलंकाई संकट के समय, क्या कूटनीतिक भूल कर रहा है भारत?
    12 May 2022
    श्रीलंका में सेना की तैनाती के बावजूद 10 मई को कोलंबो में विरोध प्रदर्शन जारी रहा। 11 मई की सुबह भी संसद के सामने विरोध प्रदर्शन हुआ है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License