NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इराक में हुए हमले में दो अमेरिकी और एक ब्रिटिश सैनिक की मौत
इराकी संसद ने जनवरी में एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें अमेरिका और अन्य विदेशी सैनिकों को देश छोड़ने के लिए कहा गया था।
पीपल्स डिस्पैच
12 Mar 2020
Iraq attack
Image courtesy : Middle East Eye

इराक में बगदाद के पास ताजी बेस में एक गठबंधन सेना पर दागे गए रॉकेटों में बुधवार 11 मार्च को एक ब्रिटिश और दो अमेरिकी सैनिकों सहित कम से कम तीन विदेशी सैनिक मारे गए। रिपोर्टों के अनुसार इस हमले में कम से कम 12 अन्य सैनिक घायल हुए हैं। इस हमले में हताहतों की संख्या बढ़ सकती है।

अभी तक इन हमलों की जिम्मेदारी किसी ने भी नहीं ली है। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने पिछले हमलों के लिए कथित तौर पर ईरान द्वारा समर्थित इराकी विद्रोहियों को दोषी ठहराया है। इराक में अमेरिकी सेना के प्रवक्ता कर्नल माइल्स कैगिन्स द्वारा जारी बयान के अनुसार कम से कम 15 छोटे रॉकेटों ने इस बेस पर हमला किया है।

बुधवार की घटना में इराक में मारे गए कुल विदेशी सैनिकों की संख्या इस हफ्ते 5 तक पहुंच गई है। रविवार 7 मार्च को अमेरिका के दो सैनिक विद्रोही इस्लामिक स्टेट के खिलाफ ऑपरेशन में मारे गए थे।

इराक के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अब्दुल आदिल मेहदी के कार्यालय ने इस हमले की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया है।

इराक में अमेरिकी और विदेशी सैनिकों पर हमले इस साल जनवरी में ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद बढ़ गए हैं। जनरल सुलेमानी के साथ इराक के पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सेज (पीएमएफ) के कमांडर अबू मेहदी अल-मुहंदिस भी मारे गए थे।

इस हत्या और इराकी विद्रोहियों के ठिकानों पर अमेरिकी हवाई हमलों के बाद उन्होंने इराकी सैनिकों को विदेशी सैनिकों से दूर रहने के लिए कहा है ताकि क्रॉस फायर में उनका नुकसान न हो।

इराक में 5200 से अधिक अमेरिकी सैनिक और सैकड़ों नाटो सेना हैं। आईएसआईएस के खिलाफ लड़ने के लिए इराकी बलों की सहायता के लिए इनमें से अधिकांश सैनिकों को 2014 के बाद तैनात किया गया था।

सुलेमनी और मुहंदिस की हत्या के बाद इराकी संप्रभुता के उल्लंघन के लिए विदेशी सैनिकों को दोषी ठहराते हुए संसद ने जनवरी में एक प्रस्ताव पारित कर इराक में सरकार से सभी विदेशी सैनिकों को देश से बाहर निकालने के लिए एक प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा था।

साभार : पीपल्स डिस्पैच 

Iraq
Qasem Soleimani
IRAN
United States
USA
Adil Abdul-Mahdi

Related Stories

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

बाइडेन ने यूक्रेन पर अपने नैरेटिव में किया बदलाव

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव

अमेरिकी आधिपत्य का मुकाबला करने के लिए प्रगतिशील नज़रिया देता पीपल्स समिट फ़ॉर डेमोक्रेसी

ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि

असद ने फिर सीरिया के ईरान से रिश्तों की नई शुरुआत की

छात्रों के ऋण को रद्द करना नस्लीय न्याय की दरकार है

सऊदी अरब के साथ अमेरिका की ज़ोर-ज़बरदस्ती की कूटनीति

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

डोनबास में हार के बाद अमेरिकी कहानी ज़िंदा नहीं रहेगी 


बाकी खबरें

  • नीलांजन मुखोपाध्याय
    यूपी: योगी 2.0 में उच्च-जाति के मंत्रियों का दबदबा, दलितों-पिछड़ों और महिलाओं की जगह ख़ानापूर्ति..
    02 Apr 2022
    52 मंत्रियों में से 21 सवर्ण मंत्री हैं, जिनमें से 13 ब्राह्मण या राजपूत हैं।
  • अजय तोमर
    कर्नाटक: मलूर में दो-तरफा पलायन बन रही है मज़दूरों की बेबसी की वजह
    02 Apr 2022
    भारी संख्या में दिहाड़ी मज़दूरों का पलायन देश भर में श्रम के अवसरों की स्थिति को दर्शाता है।
  • प्रेम कुमार
    सीबीआई पर खड़े होते सवालों के लिए कौन ज़िम्मेदार? कैसे बचेगी CBI की साख? 
    02 Apr 2022
    सवाल यह है कि क्या खुद सीबीआई अपनी साख बचा सकती है? क्या सीबीआई की गिरती साख के लिए केवल सीबीआई ही जिम्मेदार है? संवैधानिक संस्था का कवच नहीं होने की वजह से सीबीआई काम नहीं कर पाती।
  • पीपल्स डिस्पैच
    लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया
    02 Apr 2022
    इज़रायल के क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों में और विदेशों में रिफ़्यूजियों की तरह रहने वाले फ़िलिस्तीनी लोग लैंड डे मनाते हैं। यह दिन इज़रायली क़ब्ज़े के ख़िलाफ़ साझे संघर्ष और वापसी के अधिकार की ओर प्रतिबद्धता का…
  • मोहम्मद सज्जाद, मोहम्मद ज़ीशान अहमद
    भारत को अपने पहले मुस्लिम न्यायविद को क्यों याद करना चाहिए 
    02 Apr 2022
    औपनिवेशिक काल में एक उच्च न्यायालय के पहले मुस्लिम न्यायाधीश, सैयद महमूद का पेशेवराना सलूक आज की भारतीय न्यायपालिका में गिरते मानकों के लिए एक काउंटरपॉइंट देता है। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License