NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
दो दशकों के "आतंक के ख़िलाफ़ युद्ध" के चलते क़रीब दस लाख मौतें हुई, 37 मिलियन विस्थापित हुए
अनुमान के अनुसार इन युद्धों में अकेले अमेरिका द्वारा 8 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक खर्च किया गया है। इसके सहयोगियों में यूके, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी आदि सहित दर्जनों देश हैं जिन्होंने कुल मिलाकर काफी अधिक राशि खर्च की होगी।
पीपल्स डिस्पैच
02 Sep 2021
दो दशकों के "आतंक के ख़िलाफ़ युद्ध" के चलते क़रीब दस लाख मौतें हुई, 37 मिलियन विस्थापित हुए

बुधवार 1 सितंबर को ब्राउन यूनिवर्सिटी द्वारा प्रकाशित कॉस्ट ऑफ वार प्रोजेक्ट की एक नई रिपोर्ट के अनुसार पिछले बीस वर्षों में अमेरिका के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में लगभग एक मिलियन लोग मारे गए हैं और 8 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च हुआ है। रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी के बाद भी अमेरिका में करदाताओं को भविष्य में लंबे समय तक इस युद्ध की कीमत चुकानी होगी।

इस रिपोर्ट के अनुसार आतंकवाद के खिलाफ तथाकथित युद्ध के दौरान मारे गए लोगों में बड़ी संख्या में नागरिक थे। इसके अनुमान के अनुसार अफगानिस्तान-पाकिस्तान, सीरिया और इराक और दुनिया के कुछ अन्य हिस्सों में युद्धों में क़रीब 8,97,000 से 9,29,000 के बीच लोग मारे गए, जिनमें से करीब 3,87,000 नागरिक थे।

इस रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि युद्ध में मृतकों के आंकड़े "कन्जर्वेटिव" एस्टिमेट हैं क्योंकि अमेरिका ने अपने शुत्रुओं के मृतकों की गिनती नहीं करने के लिए सोची-समझी नीति अपनाई है और युद्ध क्षेत्रों में विदेशी सेनाओं द्वारा मृतकों की आधिकारिक गणना के विपरीत कई रिपोर्टें हैं।

आतंकवाद के खिलाफ ये युद्ध जो इस महीने दो दशक पूरे करेगा वह 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में ट्विन टावरों और पेंटागन इमारतों पर हुए आतंकी हमलों के बाद शुरू हुआ था। अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो के अफगानिस्तान पर आक्रमण के साथ शुरू हुआ ये युद्ध इराक, सीरिया, सोमालिया और जैसे अन्य देशों में फैल गया और जारी है।

ये रिपोर्ट इशारा करती है कि अफगानिस्तान, इराक और सीरिया और अफ्रीका में होने वाले युद्ध के कारण कम से कम 37 मिलियन लोगों का विस्थापन हुआ है।

यहां तक कि "कन्जर्वेटिव" एस्टिमेट के अनुसार देश और विदेश में कई संबंधित खर्चों को छोड़कर, अमेरिका ने अकेले अफगानिस्तान-पाकिस्तान में 2.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर, इराक और सीरिया में 2.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर और सोमालिया में 350 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक खर्च किए हैं और युद्ध में घायल लोगों के इलाज पर 2.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च करने की बाध्यता जो कुल मिलाकर 8 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाता है।

अमेरिका के दर्जनों सहयोगियों द्वारा आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में खर्च किए गए पैसे को भी इस रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सामूहिक रूप से सहयोगी देशों ने अमेरिका की तुलना में "इन युद्धों पर अधिक खर्च किया होगा"।

War on Terror
Terrorism
Fight against Terrorism

Related Stories

ड्रोन युद्ध : हर बार युद्ध अपराधों से बचकर निकल जाता है अमेरिका, दुनिया को तय करनी होगी जवाबदेही

विशेष: किसिम-किसिम के आतंकवाद

बिहार: कश्मीर में प्रवासी बिहारी मज़दूरों की हत्या के ख़िलाफ़ पटना सहित पूरे राज्य में मनाया गया विरोध दिवस

'कश्मीर में नागरिकों की हत्याओं का मक़सद भारत की सामान्य स्थिति की धारणा को धूमिल करना है'—मिलिट्री थिंक-टैंक के निदेशक

9 /11 के बाद भारतीय उपमहाद्वीप में आतंकवाद का असर

9/11 के बाद भारत में भी हालात हुए हैं ख़राब

जांच पर और सवाल करते हैं 9/11 मामले में एफबीआई के सार्वजनिक हुए दस्तावेज 

यूएस द्वारा रक्षा पर किए गए ख़र्च का क़रीब आधा निजी कंपनियों को मिलाः कॉस्ट ऑफ़ वॉर प्रोजेक्ट

आतंकवाद को सालों तक भुनाया जा सकता है : हिलाल अहमद

कश्मीर : यूएपीए का इल्ज़ाम ख़ारिज, गुजरात जेल में 12 साल से क़ैद बशीर रिहा


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License