NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
खशोगी की हत्या से जुड़े 19 सऊदी नागरिकों पर यूके का प्रतिबंध
यूएस मैग्निस्ट्की अधिनियम से प्रेरित होकर इन नए प्रतिबंधों में शामिल व्यक्तियों और समूहों पर यूके वीजा प्रतिबंध लगाया जाएगा साथ ही साथ देश के अंदर उनकी वित्तीय और अन्य संपत्तियों को ज़ब्त किया जाएगा।
पीपल्स डिस्पैच
07 Jul 2020
खशोगी की हत्या से जुड़े 19 सऊदी नागरिकों पर यूके का प्रतिबंध

यूनाइटेड किंगडम ने सोमवार 6 जुलाई को सऊदी अरब के 19 नागरिकों पर प्रतिबंधों की घोषणा की। इन लोगों पर अक्टूबर 2018 में इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में दिवंगत सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या में शामिल होने का आरोप है। ये उन्नीस लोग दुनिया भर के उन 49 व्यक्तियों और समूह का हिस्सा है जो प्रतिबंधों की सूची में हैं। इनमें शामिल नामों को अब ब्रिटेन के वीजा प्रतिबंधों से जूझना होगा और दुनिया भर में मानवाधिकार हनन और उल्लंघनों में इनकी कथित भूमिका को लेकर संपत्ति की जब्ती के मामले में भी संघर्ष करना होगा।

यूके के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने ब्रिटिश संसद में बोलते हुए सांसदों से कहा कि ये प्रतिबंध "उन लोगों को पूरी तरह स्पष्ट करेंगे जो अकल्पनीय पीड़ा पहुंचाकर अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हैं।" बाद में ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के बयान के अनुसार यूएस मैग्निस्टकी अधिनियम की तरह ये प्रतिबंध "मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन" में शामिल दुनिया भर के लोगों पर नज़र रखेंगे।

इन प्रतिबंधों में शामिल 19 लोगों में सबसे प्रमुख सऊदी नाम सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के पूर्व राजनीतिक सलाहकार सऊद अल-क़हतानी, सऊदी खुफिया सेवाओं के उप प्रमुख अहमद अल-असिरी और सऊदी अरब के आंतरिक मंत्रालय में फोरेंसिक डॉक्टर सलाह मुहम्मद अल- तुबैगी हैं। इन तीनों को खशोगी हत्या की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में सीधे तौर पर शामिल माना जाता है। अल-असीरी पर इस हत्या के लिए तुर्की में भेजे गए 15 सदस्यीय सऊदी डेथ स्क्वायड के अधिकृत होने का संदेह है।

कहतानी कथित तौर पर इस डेथ स्क्वायड को नियंत्रण करने वालाों का हिस्सा था और इस हत्या के दौरान स्क्वायड के मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण के लिए ज़िम्मेदार व्यक्तियों में से एक था, जबकि अल-तुबैगी कथित तौर पर हत्या के दिन वाणिज्य दूतावास के भीतर मौजूद था और खशोगी के शरीर को टुकड़े टुकड़े करने, ठिकाना लगाने और सबूत नष्ट करने में मदद की और साथ ही यह सुनिश्चित किया कि अपराध के कोई फोरेंसिक निशान न रहे।

यूके ने अब ब्रेक्सिट के बाद अर्थात यूरोपीय संघ (ईयू) से निकलने के बाद इस नए प्रतिबंधों की घोषणा की है। यूके वर्तमान में यूरोपीय संघ के सभी मौजूदा प्रतिबंधों का हिस्सा नहीं था जो सभी वर्तमान में यूरोपीय संघ के देशों द्वारा संयुक्त रूप से सक्रिय हैं। यूके के विदेश मंत्री ने पूर्व में कई अधिकारियों के बीच ब्रिटेन के विदेश कार्यालय में आशंकाओं और आपत्तियों को खारिज कर दिया था जो इस बात को लेकर चिंतित थे कि इन प्रतिबंधों का द्विपक्षीय यूके-सऊदी अरब संबंधों पर प्रभाव पड़ेगा।

United kingdom
Saudi Arabia
Jamal Khashoggi
Mohammed bin Salman
Killing of Jamal Khashoggi
Turkey

Related Stories

सऊदी अरब के साथ अमेरिका की ज़ोर-ज़बरदस्ती की कूटनीति

ब्रिटेन की कोर्ट ने जूलियन असांज के अमेरिका प्रत्यर्पण की अनुमति दी

यमन में ईरान समर्थित हूती विजेता

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

यमन के लिए यूएन का सहायता सम्मेलन अकाल और मौतों की चेतावनियों के बीच अपर्याप्त साबित हुआ

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा

क्या अमेरिका और यूरोप के करीब आ रहा है तुर्की?

AUKUS के विश्वासघात के ख़िलाफ़ मैक्रोन का बदला

तुर्की-यूएई रिश्तों में सुपर ब्लूम के मायने क्या हैं?

ब्लिंकन के 'इंडो-अब्राहमिक समझौते' का हुआ खुलासा


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License