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UN महासचिव ने वैश्विक मंदी की चेतावनी दी
अमेरिका ने WHO में अपने योगदान में कटौती करने की कवायद शुरू कर दी है। संयुक्त राष्ट्रसंघ में टकराव जारी है।
एवलिन लियोपॉल्ड
23 Mar 2020
 WHO
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय जनता के लिए बंद /UN Photo/Mark Garten

संयुक्त राष्ट्रसंघ ने अपनी ज़्यादातर बैठकें और सम्मेलन स्थगित कर दिए हैं। लेकिन न्यूयॉर्क में ऑफ़िस खुला है। आख़िर शांति मिशन, दुनिया भर के तमाम विवादों और युद्ध शरणार्थी, जिनका दर्द कभी ख़त्म नहीं हो सकता, इन सब पर भी तो नज़र रखनी ज़रूरी है।

लेकिन ज़्यादातर काम इलेक्ट्रॉनिक तरीक़े से किया जा रहा है। इसके तहत दूर से ही बैठकों का आयोजन होता है। कोरोना वायरस के बावजूद, संयुक्त राष्ट्रसंघ महासचिव एंटोनियो गुटेरेस काम पर पहुंचते हैं और फ़ोन के ज़रिये अधिकारियों के साथ-साथ दुनिया भर के नेताओं से संपर्क करते हैं।

बड़े शिखर सम्मेलन रद्द कर दिए गए हैं। यात्राओं पर प्रतिबंध से कई डिप्लोमेट्स बीच में फंस गए हैं। 193 देशों वाली महासभा में 6 मार्च के बाद कोई बैठक नहीं हुई। 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद भी अब तब ही मिलने के मूड में है, जब किसी मुद्दे पर इलेक्ट्रॉनिकली वोट या विमर्श न हो सके। 

19 मार्च को मुख्य प्रवक्ता स्टीफ़न दुजारिक के निर्देश के बाद गुटेरेस ने स्थानीय संवाददाताओं के साथ प्रेस कॉन्फ़्रेंस की। जबकि दुजारिक अपने उपाधिकारी फरहान अजीज़ हक के साथ 17 मार्च तक सीधे मुख़ातिब होते रहे थे। इस बार कार्यक्रम की अध्यक्षता मेलिसा फ्लेमिंग ने की। फ्लेमिंग वैश्विक संचार की अंडरसेक्रेटरी जनरल हैं। हालांकि प्रेस कॉन्फ़्रेंस में काफी कम सवालों को पूछने दिया गया।

संयुक्त राष्ट्रसंघ महासचिव ने की वैश्विक मंदी की बात

यूएन चीफ़ ने चेतावनी देते हुए कहा कि कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ चल रही कार्रवाई अपर्याप्त है, क्योंकि ''हम एक अभूतपूर्व स्थिति में हैं। अब सामान्य नियम काम नहीं करेंगे।''

उन्होंने कहा, ''यह वह वक़्त है, जब दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्ताओं द्वारा एक संयुक्त, निर्णायक और सृजनशील नीति अपनाने और कार्रवाई करने की जरूरत है। हमें यह महसूस करना चाहिए कि ग़रीब और महिलाएं सबसे ज़्यादा प्रभावित होंगे।''

वैश्विक मंदी

गुटेरेस ने आगे कहा, ''यह निश्चित है कि जल्द एक वैश्विक मंदी आने वाली है।'' उन्होंने इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइज़ेशन की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस साल के अंत तक दुनियाभर में कामग़ारों को करीब 3.4 ट्रिलियन डॉलर से हाथ धोना पड़ेगा। इस साल 19 मार्च तक दुनियाभर में कोरोनावायरस के 2,19,000 मामले सामने आ चुके हैं। जिनमें 8900 लोगों की मौत हो चुकी है।

गुटेरेस ने कहा कि वे आने वाले हफ़्ते में एक आपात सम्मेलन में टेलीकॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए हिस्सा लेंगे। इसमें बड़ी अर्थव्यवस्था वाले G-20 देश शामिल होंगे। यह देश महामारी का जवाब देने की मंशा रखते हैं। गुटेरेस ने इन देशों से अफ्रीकी देशों और विकासशील दुनिया के दूसरे देशों की ख़ास चिंता करने के लिए कहा। सऊदी अरब ने यह बैठक बुलाई है।

पुर्तगाल में साल 1995 से लेकर 2002 तक प्रधानमंत्री और यूएन रिफ्यूजी एजेंसी में 2005 से 2015 तक मुख्य दायित्व संभालने वाले गुटेरेस ने सरकारों और केंद्रीय बैंकों से वित्तीय ढांचे में लिक्विडिटी (तरलता) सुनिश्चित करने के लिए कहा।

संक्रमण

9 मार्च को यूएन में फिलिपाइन मिशन का एक सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। वह न्यूयॉर्क का पहला केस था। हाल में एक स्टॉफ सदस्य भी संक्रमित पाया गया है। उसकी पहचान नहीं की गई है। इसी सदस्य के एक नज़दीकी सहयोगी ने भी हाल में अपने संक्रमण से ग्रस्त होने की घोषणा की थी। हालांकि वो तेजी से ठीक हो रहा है।

दुजारिक ने बताया कि दुनियाभर में 20 से ज़्यादा यूएन अधिकारी कोरोना का शिकार बने हैं। इनमें से एक जेनेवा में स्थित वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के एक़्जीक्यूटिव डॉयरेक्टर डेविड बीसली हैं। वो साउथ कैरोलिना स्थित अपने घर में आराम कर रहे हैं। 

क्या रद्द किया गया?

सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय मंच में कार्यक्रमों का रद्द होना निराशा भरा है। इनमें से एक कार्यक्रम में दुनियाभर की 1200 महिलाओं को मार्च के मध्य में ''महिलाओं की स्थिति पर होने वाले सालाना कार्यक्रम'' में शिरकत करनी था। यहां महिलाओं की मांग सरकारों को नीतियों में बदलाव करने पर मजबूर कर देती हैं। इन महिलाओं को दुनियाभर में संपर्क बनाने के लिए जाना जाता है और वे कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेती हैं।

रद्द होने वाले कई कार्यक्रमों में दो बैठक भी शामिल थीं, जो इस साल नवंबर में ग्लासगो में होने वाले CoP-26 (कॉन्फ़्रेंस ऑफ़ पार्टीज़) की तैयारियों से संबंधित थीं। CoP-26 में कुछ ठोस क़दम उठाए जाने का वायदा किया गया है। हांलाकि अमेरिका इसे समर्थन नहीं दे रहा है।

यूएन में रोज़ाना होने वाली बैठकों को भी रद्द किया जा रहा है। दुनिया के किसी भी मुद्दे, ख़ासकर विवाद पर सहमति, समझौता बनाने के लिए रणनीतिज्ञों को आपस में मिलना होता है।

सबसे ज़्यादा निराशाजनक इस साल सिंतबर में होने वाली महासभा की बैठक का रद्द या आगे टल जाना होगा। यह विश्व का सबसे बड़ा बहुलतावादी मंच हैं। इस साल महासभा अपना 75 वां स्थापना दिवस मना रही है।

अमेरिका WHO के फ़ंड में कर रहा कटौती

AIDS और दूसरी महामारियों के वक्त, सूचना देने में अनियमितता के चलते आलोचना का शिकार हुआ विश्व स्वास्थ्य संगठन इस बार मुस्तैद है। संगठन अब रोजाना जानकारी देता है। साथ ही कई देशों में टेस्टिंग किट समेत दूसरे उपकरण भी WHO ने भिजवाए हैं। चीन-ईरान जैसी कोरोना प्रभावित जगहों पर जाकर स्थिति का विश्लेषण करने जैसे कदम भी संगठन ने उठाए हैं।

'फॉरेन पॉलिसी' के मुताबिक़, ट्रंप प्रशासन ने अपने 2021 के बजट में वैश्विक स्वास्थ्य निधि में योगदान की मद में बड़ी कटौती की है। 2020 में अमेरिका ने WHO को 123 मिलियन डॉलर का योगदान दिया था। इसे 2021 में कम कर 58 मिलियन डॉलर किया जा रहा है। फॉरेन पॉलिसी की रिपोर्ट में कहा गया है, ''अमेरिकी गृहविभाग और USAID द्वारा प्रबंधित वैश्विक स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए, अमेरिकी कांग्रेस द्वारा पास किए गए 9 बिलियन डॉलर से ज़्यादा की निधि में बजटीय कटौती की जा रही है। बजट की यह कटौती तीन बिलियन डॉलर से भी ज़्यादा है।'' 

शायद कांग्रेस इसे रोक सके।

एवलिन लियोपॉल्ड Globetrotter में संवाददाता और राइटिंग फैलो हैं। वह स्वतंत्र पत्रकार हैं और यूनाइटेड नेशंस में स्थानीय संवाददाता के तौर पर काम करती हैं। वह 17 साल तक यूएन में रॉयटर्स की ब्यूरो चीफ़ थीं। लियोपॉल्ड पत्रकारों के लिए बनाए गए ''Dag Hammarskjöld Fund'' की अध्यक्ष हैं। उन्हें साल 2000 में यूएन करस्पोंडेंस एसोसिएशन द्वारा यूएन रिपोर्टिंग के लिए गोल्ड मेडल दिया गया था।

अंग्रेजी में लिखा मूल आलेख आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

UN Chief Warns of Coming Recession for the Planet

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economic crisis
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