NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
संयुक्त राष्ट्र ने लीबिया से सभी विदेशी सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग की
संयुक्त राष्ट्र ने इंट्रा-लीबिया संवादों में पिछले कुछ महीनों में हुई प्रगति को सराहा है। इससे देश में युद्ध की समाप्ति उम्मीद बढ़ रही है जो पहली बार 2011 में नाटो के नेतृत्व में आक्रमण के बाद शुरू हुआ था।
पीपल्स डिस्पैच
29 Jan 2021
संयुक्त राष्ट्र

यूनाइटेड नेशन के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सभी विदेशी सैनिकों को तुरंत लीबिया छोड़ने के लिए गुरुवार 28 जनवरी को कहा। वह सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद प्रेस वार्ता में बोल रहे थे। इस बैठक में लीबिया में महासचिव के कार्यवाहक विशेष प्रतिनिधि और यूनाइटेड नेशन सपोर्ट मिशन इन लीबिया (यूएनएसएमआईएल) के प्रमुख स्टेफनीन विलियम्स ने कहा कि इंट्रा-लीबिया संवाद ने "मूर्त परिणाम" को जन्म दिया है जिससे देश में शांति की उम्मीद बढ़ रही है।

विलियम्स ने बताया कि 23 अक्टूबर को देश में युद्धरत गुटों के बीच हस्ताक्षर किए गए एक संघर्ष विराम के समझौते लागू हैं और ये गुट 24 दिसंबर को होने वाले चुनाव से पहले एक अंतरिम कार्यकारी प्राधिकरण के लिए एक रोडमैप पर सहमति व्यक्त की है, साथ ही लंबे समय से चले आ रहे आर्थिक सुधारों को क्रियान्वित करने को सहमत हैं। हालांकि, उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि विदेशी सैनिकों की उपस्थिति एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनी हुई है।

नाटो के नेतृत्व में 2011 में देश में युद्ध के फैलने के बाद से लीबिया को तीन प्रमुख भागों में विभाजित किया गया है।दो बड़े गुट त्रिपोली स्थित गवर्नमेंट ऑफ नेशनल अकॉर्ड (जीएनए) और खलीफा हफ्तार के नेतृत्व में लीबियन नेशनल आर्मी के साथ छोटे गुट जो तुर्की, रूस, यूएई, फ्रांस सहित विभिन्न वैश्विक और क्षेत्रीय शक्तियों द्वारा समर्थित हैं वे आपस में लड़ रहे हैं। कुछ विदेशी देशों ने भी इस देश में अपने सैनिकों को तैनात किया है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार इस समय लीबिया में करीब 20,000 विदेशी सैनिक हैं।

युद्धरत गुट पिछले साल से यूएनएसएमआईएल द्वारा शुरू की गई इंट्रा-लीबिया वार्ता में भाग ले रहे हैं, जिससे देश में एक दशक से चल रहे लंबे युद्ध के अंत और शांति व एकता की बहाली के लिए उम्मीद बढ़ रही है।

विलियम्स ने भी यूएनएससी से अपील की कि वे पुराने प्रस्ताव को भंग करते हुए नए प्रस्ताव को पारित करे जिसने अतीत में जीएनए का समर्थन किया है और नए अंतरिम प्रशासन को अपना समर्थन दिया है और मान्यता दी है, जिसकी रूपरेखा इस महीने की शुरुआत में लीबिया पॉलिटिकल डायलॉग फॉरम के जिनेवा में एक बैठक में सहमति हुई है।

United nations
libya
Geneva
Antonio Guterres

Related Stories

जलवायु परिवर्तन : हम मुनाफ़े के लिए ज़िंदगी कुर्बान कर रहे हैं

नाटो देशों ने यूक्रेन को और हथियारों की आपूर्ति के लिए कसी कमर

अफ़्रीकी देश अपनी मुद्रायें यूरोप से क्यों छपवाते हैं

क्या यूक्रेन मामले में CSTO की एंट्री कराएगा रूस? क्या हैं संभावनाएँ?

पुतिन को ‘दुष्ट' ठहराने के पश्चिमी दुराग्रह से किसी का भला नहीं होगा

भारतीय अर्थशास्त्री जयती घोष संयुक्त राष्ट्र आर्थिक-सामाजिक समिति के उच्च स्तरीय सलाहकार बोर्ड में शामिल

रूस-यूक्रेन युद्ध अपडेट: संयुक्त राष्ट्र ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इसे यूरोप का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट बताया 

यह वक्त रूसी सैन्य गठबंधन को गंभीरता से लेने का क्यों है?

141 दिनों की भूख हड़ताल के बाद हिशाम अबू हव्वाश की रिहाई के लिए इज़रायली अधिकारी तैयार

मानवाधिकार संगठनों ने कश्मीरी एक्टिविस्ट ख़ुर्रम परवेज़ की तत्काल रिहाई की मांग की


बाकी खबरें

  • मुकुल सरल
    मदर्स डे: प्यार का इज़हार भी ज़रूरी है
    08 May 2022
    कभी-कभी प्यार और सद्भावना को जताना भी चाहिए। अच्छा लगता है। जैसे मां-बाप हमें जीने की दुआ हर दिन हर पल देते हैं, लेकिन हमारे जन्मदिन पर अतिरिक्त प्यार और दुआएं मिलती हैं। तो यह प्रदर्शन भी बुरा नहीं।
  • Aap
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: केजरीवाल के ‘गुजरात प्लान’ से लेकर रिजर्व बैंक तक
    08 May 2022
    हर हफ़्ते की ज़रूरी ख़बरों को लेकर एक बार फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: हम सहनशील तो हैं, पर इतने भी नहीं
    08 May 2022
    हम ग़रीबी, बेरोज़गारी को लेकर भी सहनशील हैं। महंगाई को लेकर सहनशील हो गए हैं...लेकिन दलित-बहुजन को लेकर....अज़ान को लेकर...न भई न...
  • बोअवेंटुरा डे सौसा सैंटोस
    यूक्रेन-रूस युद्ध के ख़ात्मे के लिए, क्यों आह्वान नहीं करता यूरोप?
    08 May 2022
    रूस जो कि यूरोप का हिस्सा है, यूरोप के लिए तब तक खतरा नहीं बन सकता है जब तक कि यूरोप खुद को विशाल अमेरिकी सैन्य अड्डे के तौर पर तब्दील न कर ले। इसलिए, नाटो का विस्तार असल में यूरोप के सामने एक…
  • जितेन्द्र कुमार
    सवर्णों के साथ मिलकर मलाई खाने की चाहत बहुजनों की राजनीति को खत्म कर देगी
    08 May 2022
    सामाजिक न्याय चाहने वाली ताक़तों की समस्या यह भी है कि वे अपना सारा काम उन्हीं यथास्थितिवादियों के सहारे करना चाहती हैं जो उन्हें नेस्तनाबूद कर देना चाहते हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License