NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका
यूएनएससी ने ईरान के ख़िलाफ़ प्रतिबंधों को फिर लगाने की अमेरिकी मांग को ख़ारिज किया
पोम्पिओ द्वारा पिछले सप्ताह प्रस्तुत सूचना की स्वीकार्यता पर यूएनएससी के 15 में से 13 सदस्यों ने सवाल उठाया था।
पीपल्स डिस्पैच
27 Aug 2020
यूएनएससी

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मंगलवार 25 अगस्त को औपचारिक रूप से ईरान के ख़िलाफ़ प्रतिबंधों की अमेरिका की मांग को ख़ारिज कर दिया। संयुक्त राष्ट्र में इंडोनेशिया के राजदूत और वर्तमान सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष डियान त्रिअन्सिह द्जानी ने मिड्ल ईस्ट को लेकर एक बैठक के दौरान रूस और चीन द्वारा उठाए गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि यूएस द्वारा दायर याचिका पर परिषद "आगे की कार्रवाई करने की स्थिति में नहीं थी"।

पिछले हफ्ते यूएस सेक्रेटरी ऑफ स्टेट माइक पोम्पिओ ने ईरान के ख़िलाफ़ सभी अंतर्राष्ट्री प्रतिबंधों को फिर लगाने के लिए यूएनएससी को एक औपचारिक अधिसूचना प्रस्तुत की थी जिसे ज्वाइंट कम्प्रीहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (जेसीपीओए) को सुरक्षा परिषद द्वारा 2015 के अपने संकल्प 2231 में मंजूर करने के बाद हटा लिया था। जेसीपीओए को ईरान परमाणु समझौता भी कहा जाता है।

अमेरिका का दावा है कि ईरान ने इस समझौते के प्रावधानों का उल्लंघन किया है और इस समझौते के भागीदार के रूप में उसे यूएनएससी प्रस्ताव और जेसीपीओए के प्रावधानों के अनुसार ईरान के ख़िलाफ़ प्रतिबंध को फिर लगाने के लिए कहने का अधिकार है।

ईरान, यूरोपीय संघ के सदस्य (फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन), चीन और रूस पहले ही इस समझौते के भागीदार के रूप में पहचाने जाने वाले अमेरिकी दावे को ख़ारिज कर चुके हैं। यूएनएससी के 15 सदस्यों में से 13 सदस्यों ने कहा कि मई 2018 में अमेरिका इस सौदे से पीछे हट गया और इसलिए उसे प्रतिबंध के लिए कहने का कोई अधिकार नहीं था क्योंकि वह अब भागीदार नहीं है।

यूएनएससी के प्रस्ताव 2231 के अनुसार, यदि इस समझौते का कोई भी प्रतिभागी ईरान के संभावित उल्लंघन के बारे में शिकायत दर्ज करता है और सुरक्षा परिषद शिकायत दर्ज करने के 30 दिनों के भीतर छूट जारी रखने के लिए कोई प्रस्ताव पारित करने में विफल रहता है तो प्रतिबंध स्वतः ही बहाल हो जाएगा।

यूएनएससी की अस्वीकृति पर प्रतिक्रिया देते हुए यूएन के अमेरिकी राजदूत केली क्राफ्ट ने आरोप लगाया कि यूएनएससी के सदस्य "आतंकवादियों" के साथ खड़े हैं। रूस के राजदूत वैसिली नेबेनजिया ने अमेरिका से ईरान के ख़िलाफ़ फिर प्रतिबंध लगाने की अपनी योजना छोड़ने की मांग की क्योंकि ऐसा प्रयास ग़ैरक़ानूनी है।

ईरान के विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को यूएनएससी की अस्वीकृति के बाद एक ट्वीट में "नौसिखिए और दबंग" को सुनने से परहेज करने की सलाह दी।

अमेरिका ने इस महीने की शुरुआत में यूएनएससी में एक अपमानजनक कूटनीतिक झटके के बाद ईरान के ख़िलाफ़ फिर से प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी। यूएनएससी में डोमिनिकन रिपब्लिकन के अलावा किसी अन्य देश ने ईरान के ख़िलाफ़ हथियारों के प्रतिबंध को अनिश्चित काल तक बढ़ाने के इसके प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया था।

unsc
IRAN
Iran and US
america sanction to iran

Related Stories

ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि

असद ने फिर सीरिया के ईरान से रिश्तों की नई शुरुआत की

सऊदी अरब के साथ अमेरिका की ज़ोर-ज़बरदस्ती की कूटनीति

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

ईरान पर विएना वार्ता गंभीर मोड़ पर 

यूक्रेन संकट : वतन वापसी की जद्दोजहद करते छात्र की आपबीती

मिन्स्क समझौते और रूस-यूक्रेन संकट में उनकी भूमिका 

ईरान के नए जनसंख्या क़ानून पर क्यों हो रहा है विवाद, कैसे महिला अधिकारों को करेगा प्रभावित?

2021: अफ़ग़ानिस्तान का अमेरिका को सबक़, ईरान और युद्ध की आशंका

'जितनी जल्दी तालिबान को अफ़ग़ानिस्तान को स्थिर करने में मदद मिलेगी, भारत और पश्चिम के लिए उतना ही बेहतर- एड्रियन लेवी


बाकी खबरें

  • शलका चौहान
    कैसे जहांगीरपुरी हिंसा ने मुस्लिम रेहड़ी वालों को प्रभावित किया
    04 May 2022
    महामारी और उसके बाद लगाए गए लॉकडाउन ने मुस्लिम रेहड़ी वालों की आर्थिक गतिविधियों का काफ़ी कम कर दिया है, अब सांप्रदायिक नफ़रत ने उनके ख़िलाफ़ हमले और भेदभाव की घटनाओं में भी इज़ाफ़ा किया है।
  • loudspeaker
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    2023 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तेज़ हुए सांप्रदायिक हमले, लाउडस्पीकर विवाद पर दिल्ली सरकार ने किए हाथ खड़े
    04 May 2022
    हिजाब, बुलडोज़र की राजनीति के बाद एक बार फिर देश को सांप्रदायिकता की आग में झोंकने के लिए लाउडस्पीकर का हथकंडा अपनाया जा रहा है। जिन राज्यों में आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, उन्हें…
  • NEP
    न्यूज़क्लिक टीम
    स्कूलों की तरह ही न हो जाए सरकारी विश्वविद्यालयों का हश्र, यही डर है !- सतीश देशपांडे
    04 May 2022
    नई शिक्षा नीति देश में हॉर्वर्ड विश्वविद्यालय जैसे संस्थान स्थापित करने की वकालत करती है लेकिन शिक्षाविद ऐसे प्रस्तावों को लेकर आश्वस्त नहीं है. दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर सतीश देशपांडे मानते…
  • unemployment
    मुरली कृष्णन
    क्या भारत महामारी के बाद के रोज़गार संकट का सामना कर रहा है?
    04 May 2022
    भारत का रोजगार बाजार लगातार संकुचित होता जा रहा है, और कुशल कामगारों के लिए कार्यबल में प्रवेश कर पाना लगातार मुश्किल होता जा रहा है। सरकार की ओर से की जाने वाली नौकरी की मुहिम और अनौपचारिक…
  • Cuba
    पीपल्स डिस्पैच
    क्यूबा में नाकाबंदी ख़त्म करने की मांग को लेकर उत्तरी अमेरिका के 100 युवाओं का मार्च
    04 May 2022
    "भविष्य निर्माण करो, नाकाबंदी खत्म करो!"
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License