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यूएनएससी ने ईरान के ख़िलाफ़ प्रतिबंधों को फिर लगाने की अमेरिकी मांग को ख़ारिज किया
पोम्पिओ द्वारा पिछले सप्ताह प्रस्तुत सूचना की स्वीकार्यता पर यूएनएससी के 15 में से 13 सदस्यों ने सवाल उठाया था।
पीपल्स डिस्पैच
27 Aug 2020
यूएनएससी

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मंगलवार 25 अगस्त को औपचारिक रूप से ईरान के ख़िलाफ़ प्रतिबंधों की अमेरिका की मांग को ख़ारिज कर दिया। संयुक्त राष्ट्र में इंडोनेशिया के राजदूत और वर्तमान सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष डियान त्रिअन्सिह द्जानी ने मिड्ल ईस्ट को लेकर एक बैठक के दौरान रूस और चीन द्वारा उठाए गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि यूएस द्वारा दायर याचिका पर परिषद "आगे की कार्रवाई करने की स्थिति में नहीं थी"।

पिछले हफ्ते यूएस सेक्रेटरी ऑफ स्टेट माइक पोम्पिओ ने ईरान के ख़िलाफ़ सभी अंतर्राष्ट्री प्रतिबंधों को फिर लगाने के लिए यूएनएससी को एक औपचारिक अधिसूचना प्रस्तुत की थी जिसे ज्वाइंट कम्प्रीहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (जेसीपीओए) को सुरक्षा परिषद द्वारा 2015 के अपने संकल्प 2231 में मंजूर करने के बाद हटा लिया था। जेसीपीओए को ईरान परमाणु समझौता भी कहा जाता है।

अमेरिका का दावा है कि ईरान ने इस समझौते के प्रावधानों का उल्लंघन किया है और इस समझौते के भागीदार के रूप में उसे यूएनएससी प्रस्ताव और जेसीपीओए के प्रावधानों के अनुसार ईरान के ख़िलाफ़ प्रतिबंध को फिर लगाने के लिए कहने का अधिकार है।

ईरान, यूरोपीय संघ के सदस्य (फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन), चीन और रूस पहले ही इस समझौते के भागीदार के रूप में पहचाने जाने वाले अमेरिकी दावे को ख़ारिज कर चुके हैं। यूएनएससी के 15 सदस्यों में से 13 सदस्यों ने कहा कि मई 2018 में अमेरिका इस सौदे से पीछे हट गया और इसलिए उसे प्रतिबंध के लिए कहने का कोई अधिकार नहीं था क्योंकि वह अब भागीदार नहीं है।

यूएनएससी के प्रस्ताव 2231 के अनुसार, यदि इस समझौते का कोई भी प्रतिभागी ईरान के संभावित उल्लंघन के बारे में शिकायत दर्ज करता है और सुरक्षा परिषद शिकायत दर्ज करने के 30 दिनों के भीतर छूट जारी रखने के लिए कोई प्रस्ताव पारित करने में विफल रहता है तो प्रतिबंध स्वतः ही बहाल हो जाएगा।

यूएनएससी की अस्वीकृति पर प्रतिक्रिया देते हुए यूएन के अमेरिकी राजदूत केली क्राफ्ट ने आरोप लगाया कि यूएनएससी के सदस्य "आतंकवादियों" के साथ खड़े हैं। रूस के राजदूत वैसिली नेबेनजिया ने अमेरिका से ईरान के ख़िलाफ़ फिर प्रतिबंध लगाने की अपनी योजना छोड़ने की मांग की क्योंकि ऐसा प्रयास ग़ैरक़ानूनी है।

ईरान के विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को यूएनएससी की अस्वीकृति के बाद एक ट्वीट में "नौसिखिए और दबंग" को सुनने से परहेज करने की सलाह दी।

अमेरिका ने इस महीने की शुरुआत में यूएनएससी में एक अपमानजनक कूटनीतिक झटके के बाद ईरान के ख़िलाफ़ फिर से प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी। यूएनएससी में डोमिनिकन रिपब्लिकन के अलावा किसी अन्य देश ने ईरान के ख़िलाफ़ हथियारों के प्रतिबंध को अनिश्चित काल तक बढ़ाने के इसके प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया था।

unsc
IRAN
Iran and US
america sanction to iran

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