NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
यूपी : 10 लाख मनरेगा श्रमिकों को तीन-चार महीने से नहीं मिली मज़दूरी!
यूपी में मनरेगा में सौ दिन काम करने के बाद भी श्रमिकों को तीन-चार महीने से मज़दूरी नहीं मिली है जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
17 May 2022
MNREGA

बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में करीब 10 लाख मनरेगा श्रमिकों का पिछले तीन चार महीने से भुगतान अटका पड़ा है। वहीं, निर्माण सामग्री के 1800 करोड़ रुपये बकाया होने से ग्राम पंचायतों के स्थायी निर्माण कार्य भी ठप हो गए हैं। ऐसे समय में जब महंगाई चरम पर है लोग बेरोजगार हो रहे हैं इन श्रमिकों को मजदूरी न मिलने से वे परेशान हैं।

ज्ञात हो कि ग्रामीण इलाकों से शहर की ओर पलायन को रोकने में मनरेगा महती भूमिका निभाता है। कोरोना काल में हुए लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों से लौटकर गांव आए लोगों के लिए रोजगार का एक मात्र जरिया मनरेगा बना है जो उन्हें अपने परिवार और बच्चों के भरण-पोषण के लिए आर्थिक रुप में योगदान करता है। अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर जैसे जिलों को छोड़ दें तो अधिकांश जिलों में तालाब खोदाई, बरसाती पानी की निकासी के लिए नाला, खड़ंजा, चक और संपर्क मार्ग निर्माण, पीएम व सीएम आवास, खेत की मेड़बंदी और समतलीकरण जैसे कार्य कराए गए। मनरेगा में सौ दिन काम करने के बाद भी श्रमिकों को तीन चार महीने से मजदूरी नहीं मिली है।

रिपोर्ट के मुताबिक मनरेगा में अभी 17 लाख 9 हजार से अधिक श्रमिक नियोजित हैं। इन्हें 213 रुपये प्रतिदिन मजदूरी मिलती है। नियमानुसार 15 दिन के अंदर इन्हें मजदूरी मिलनी चाहिए लेकिन इन्हें तीन-चार महीने से भुगतान नहीं हुआ है। एक-एक परिवार का 20 से 21 हजार रुपये बकाया है। श्रमिक आए दिन ग्राम सचिवालय में संपर्क करते हैं, लेकिन जल्द बजट मिलने का आश्वासन देकर लौटा दिया जाता है।

मनरेगा में कुल बजट का 40 प्रतिशत निर्माण सामग्री मद में आवंटित होता है। आठ महीने से केंद्र ने भी इस मद में प्रदेश को बजट जारी नहीं किया है। ऐसे में ग्राम पंचायतों की ओर से खरीदी गई सामग्री जैसे बालू, मौरंग, गिट्टी, पत्थर, सीमेंट, सरिया और टाइल्स का 1800 करोड़ रुपये बकाया है। वहीं दूसरी तरफ आजादी के अमृत महोत्सव के तहत प्रदेश में 5600 अमृत सरोवर की खोदाई मनरेगा से होनी है। एक अधिकारी के मुताबिक श्रमिकों के बकाया का भुगतान न होने से यह कार्य प्रभावित हो सकता है।

उधर मनरेगा में ग्राम रोजगार सहायक, परियोजना अधिकारी, तकनीकी सहायक, कंप्यूटर ऑपरेटर, लेखाकार सहित अन्य संविदा कर्मियों की बात करें तो उनकी संख्या करीब 40 हजार से अधिक हैं और उन्हें भी पिछले तीन महीने से मानदेय नहीं मिला है। ऐसे में उन्हें भी अपनी पारिवारिक आवश्यकताओं को पूरा करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

Uttar pradesh
MNREGA
MNREGA Workers
Workers Wages

Related Stories

हिमाचल : मनरेगा के श्रमिकों को छह महीने से नहीं मिला वेतन

योगी सरकार द्वारा ‘अपात्र लोगों’ को राशन कार्ड वापस करने के आदेश के बाद यूपी के ग्रामीण हिस्से में बढ़ी नाराज़गी

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

मनरेगा: ग्रामीण विकास मंत्रालय की उदासीनता का दंश झेलते मज़दूर, रुकी 4060 करोड़ की मज़दूरी

छत्तीसगढ़ :दो सूत्रीय मांगों को लेकर 17 दिनों से हड़ताल पर मनरेगा कर्मी

ग्राउंड रिपोर्टः डीज़ल-पेट्रोल की महंगी डोज से मुश्किल में पूर्वांचल के किसानों की ज़िंदगी

मोदी सरकार की वादाख़िलाफ़ी पर आंदोलन को नए सिरे से धार देने में जुटे पूर्वांचल के किसान

बिहारः खेग्रामस व मनरेगा मज़दूर सभा का मांगों को लेकर पटना में प्रदर्शन

बनारस की जंग—चिरईगांव का रंज : चुनाव में कहां गुम हो गया किसानों-बाग़बानों की आय दोगुना करने का भाजपाई एजेंडा!

यूपी चुनाव: बग़ैर किसी सरकारी मदद के अपने वजूद के लिए लड़तीं कोविड विधवाएं


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    कांग्रेस का असल संकट और 'आप' के भगत अम्बेडकर
    20 Mar 2022
    कांग्रेस का असल संकट क्या है? 18 और 23 असंतुष्ट नेताओं के ग्रुप वैचारिक दबाव-समूह हैं या चुनावी राजनीति में अपने-अपने स्वार्थ के अखाड़ेबाज? पंजाब में अपनी शानदार चुनावी सफलता के बाद आम आदमी पार्टी(आप…
  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या लाभार्थी थे भाजपा की जीत की वज़ह?
    20 Mar 2022
    'इतिहास के पन्ने मेरी नज़र से' के इस अंग में नीलांजन बात करते हैं समाजशास्त्री हिलाल अहमद से. वे बात करते हैं देश के बदलते चरित्र की.
  • Kanwal Bharti
    राज वाल्मीकि
    भेदभाव का सवाल व्यक्ति की पढ़ाई-लिखाई, धन और पद से नहीं बल्कि जाति से जुड़ा है : कंवल भारती 
    20 Mar 2022
    आपने 2022 में दलित साहित्य के समक्ष चुनौतियों की बात पूछी है, तो मैं कहूँगा कि यह चुनौती अब ज्यादा बड़ी है। हालांकि स्थापना का संघर्ष अब नहीं है, परन्तु विकास और दिशा की चुनौती अभी भी है।
  • Aap
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: राष्ट्रीय पार्टी के दर्ज़े के पास पहुँची आप पार्टी से लेकर मोदी की ‘भगवा टोपी’ तक
    20 Mar 2022
    हर हफ़्ते की ज़रूरी ख़बरों को एक पिटारे में एक बार फिर लेकर हाज़िर हैं अनिल जैन
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता: जश्न-ए-नौरोज़ भी है…जश्न-ए-बहाराँ भी है
    20 Mar 2022
    अभी दो दिन पहले हमने होली और शब-ए-बारात एक साथ मनाई और 21 मार्च को नौरोज़ है। नौरोज़ यानी नया दिन। पारसियों के नए साल की शुरुआत। वसंत हर देश, हर समाज के लिए जश्न-ए-बहाराँ लेकर आता है। इसी सिलसिले में…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License