NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
विधानसभा चुनाव
भारत
राजनीति
यूपी चुनाव पांचवा चरण:  दाग़ी और करोड़पति प्रत्याशियों पर ज्यादा विश्वास करती हैं राजनीतिक पार्टियां
उत्तर प्रदेश के चुनाव जारी हैं, ऐसे में ADR ने पांचवे चरण के लिए प्रत्याशियों की कुंडली खंगालकर लोगों के सामने रख दी। भाजपा से लेकर सपा तक सभी पार्टियों में दाग़ी और करोड़पति प्रत्याशियों की भीड़ है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
22 Feb 2022
party

राजनीतिक दलों में आपराधिक और दागी छवि के उम्मीदवारों की संख्या बढ़ती जा रही है, ये दागी उम्मीदवार न केवल बड़ी संख्या में चुनाव जीत रहे हैं बल्कि दूसरे प्रत्याशियों की जीत-हार पर भी असर डालते हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में भी अपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों की तादाद 185, यानी कुल 685 उम्मीदवारों का 27 फीसद है। इनमें 21 फीसदी यानी 141 उम्मीदवार हत्या, हत्या का प्रयास और रेप या महिलाओं के प्रति गंभीर अपराधों के आरोपी हैं। पहले चरण से पांचवे चरण तक दागी उम्मीदवारों पर एक नज़र डालते हैं

यूपी इलेक्शन वॉच व एसोसिएशन फ़ॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म यानी एडीआर ने पांचवें चरण के प्रत्याशियों के शपथपत्र के विश्लेषण के आधार पर रिपोर्ट जारी की है। इस चरण में 185 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मुकदमे घोषित किए हैं। इसमें 141 के खिलाफ गंभीर अपराधों के आरोप हैं। समाजवादी पार्टी से लेकर भारतीय जनता पार्टी तक ने दागी और करोड़पति उम्मीदवारों को टिकट बांटा है।

पांचवें चरण में 12 उम्मीदवारों के ऊपर महिलाओं से अत्याचार के जुड़े मुकदमे भी हैं। सुलतानपुर से सपा के उम्मीदवार अनूप सांडा पर बलात्कार का मुकदमा है। 8 उम्मीदवारों के ऊपर हत्या का आरोप है। कुंडा से उम्मीदवार गुलशन यादव, गोसाईगंज से अभय सिंह, चायल से पूजा पाल, रुधौली से आनंद सेन और तिलोई से उम्मीदवार मोहम्मद नईम पर हत्या के आरोप हैं। यह सभी सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। लंभुआ से बसपा प्रत्याशी अविनाश कुमार सिंह पर भी हत्या का मुकदमा है।

 31 उम्मीदवारों के ऊपर हत्या के प्रयास का आरोप है।

सपा के 49 फीसदी, भाजपा के 42 फीसदी, बसपा व कांग्रेस के 28-28 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर अपराध के आरोप हैं। आप के 14 फीसदी और अपना दल सोनेलाल के 29 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर अपराधों के मुकदमे दर्ज हैं। इस चरण की 61 फीसदी विधानसभाएं ऐसी हैं, जहां 3 या उससे अधिक उम्मीदवारों के दामन पर अपराध के आरोपों का दाग है।

करोड़पतियों को टिकट देने में भाजपा अव्वल

भाजपा के 90% प्रत्याशी करोड़पति हैं। इनकी संपत्ति एक करोड़ या इससे अधिक है। इस मामले में भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही अपना दल सोनेलाल दूसरे नंबर पर है। अपना दल सोनेलाल के 86 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। समाजवादी पार्टी तीसरे, बहुजन समाज पार्टी चौथे और कांग्रेस पांचवे स्थान पर है। सपा के 83%, बसपा के 72% और कांग्रेस के 49% प्रत्याशी करोड़पति हैं।

प्रत्याशियों की शैक्षिक योग्यता

  • 231 यानी 34% प्रत्याशियों ने पांचवी से 12वीं तक की पढ़ाई की है।
  • 407 यानी 59% प्रत्याशियों के पास स्नातक तक की योग्यता है।
  • छह उम्मीदवार अशिक्षित हैं, जबकि 32 उम्मीदवारों ने खुद को केवल शिक्षित बताया है।

प्रत्याशियों के बारे में और क्या जानकारी?

  • 248 यानी 36% प्रत्याशियों की उम्र 25 से 40 साल के बीच है।
  • 368 यानी 54% प्रत्याशी 41 से 60 साल की उम्र के हैं।
  • 69 यानी 10% उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी उम्र 61 से 80 साल के बीच है।

आंकड़ो से साफ है ग़रीबों को अधिकार दिलाने और कानून व्यवस्था दुरुस्त करने की बातें करने वाली राजनीतिक पार्टियों की पहली पसंद करोड़पति और दागी नेता ही हैं।

UP Assembly Elections 2022
Political Party
BJP
SP
BSP
Congress
ADR Report

Related Stories

हार्दिक पटेल का अगला राजनीतिक ठिकाना... भाजपा या AAP?

लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों में औंधे मुंह गिरी भाजपा

ख़बरों के आगे-पीछे: गुजरात में मोदी के चुनावी प्रचार से लेकर यूपी में मायावती-भाजपा की दोस्ती पर..

हार के बाद सपा-बसपा में दिशाहीनता और कांग्रेस खोजे सहारा

विश्लेषण: विपक्षी दलों के वोटों में बिखराव से उत्तर प्रदेश में जीती भाजपा

बसपा की करारी हार पर क्या सोचता है दलित समाज?

‘’पोस्टल बैलेट में सपा को 304 सीटें’’। क्या रंग लाएगा अखिलेश का दावा?

आर्थिक मोर्चे पर फ़ेल भाजपा को बार-बार क्यों मिल रहे हैं वोट? 

पांचों राज्य में मुंह के बल गिरी कांग्रेस अब कैसे उठेगी?

विचार: क्या हम 2 पार्टी सिस्टम के पैरोकार होते जा रहे हैं?


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License