मथुरा : उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए गहमागहमी तेज़ हो गई है। सत्तारूढ़ भाजपा के भीतर घमासान तेज़ है और अब असंतोष पूरी तरह सतह पर आने लगा है। इसी कड़ी में भाजपा से नाराज, भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के पूर्व प्रदेश महामंत्री कुंवर सिंह निषाद ने यहां मंगलवार को सर्वदलीय निषाद कश्यप यूनियन की पंचायत में पार्टी छोड़ने की घोषणा की।
इस पंचायत में मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी जिलों के निषाद, कश्यप और मल्लाह समुदायों के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
निषाद ने अपने समर्थकों के साथ भाजपा छोड़ने की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘केंद्र की (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी (के नेतृत्व वाली) सरकार में पिछड़े और दलितों का दमन हो रहा है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकार पूंजीवाद और नौकरशाही की गिरफ्त में है।
उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने से पूर्व और बाद में भी निषाद समुदाय को अनुसूचित जाति में सम्मिलित कराने का वादा किया था, लेकिन अब वह अपने वादे से मुकर गए हैं।
राजनीति के जानकारों का कहना है कि भाजपा के भीतर घमासान और तेज़ होगा और आने वाले दिनों में कई नेता पार्टी से बगावत कर सकते हैं।
त्रिपुरा में विधायक वृषकेतु देबवर्मा ने पद से इस्तीफ़ा दिया
अगरतला: त्रिपुरा में इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के सिमना सीट से विधायक वृषकेतु देबवर्मा ने मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष रेबती मोहन दास को अपना इस्तीफा सौंप दिया। दास ने आईपीएफटी विधायक का त्यागपत्र प्राप्त होने की पुष्टि की है।
देबवर्मा ने अपने त्यागपत्र में कहा, 'कुछ निजी कारणों के चलते मैं विधायक के पद से इस्तीफा दे रहा हूं।'
आईपीएफटी के सूत्रों ने कहा कि देबवर्मा तिप्राहा इंडीजिनस प्रोग्रेसिव रीजनल अलायंस (टीआईपीआरए) में शामिल हो सकते हैं जिसने हाल ही में त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद चुनाव में 28 में से 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी।