NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
यूपी : निजीकरण के ख़िलाफ़ 900 बैंकों के 10,000 से ज़्यादा कर्मचारी 16 दिसम्बर से दो दिन की हड़ताल पर
बैंक कर्मचारियों की यूनियन का दावा है कि कॉरपोरेट घरानों की नज़र जनता द्वारा बड़ी मेहनत से कमाए गए 157 लाख करोड़ रुपयों पर है, जो सरकारी बैंकों में जमा है।
अब्दुल अलीम जाफ़री
16 Dec 2021
bank strike

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 900 बैंकों के 10,000 से ज़्यादा कर्मचारी आज यानी 16 और 17 दिसंबर को अखिल भारतीय स्तर पर होने वाली बैंकों की हड़ताल की तैयारी कर रहे हैं। यह हड़ताल "बैंकिग कानून संशोधन विधेयक, 2021" के विरोध में की जा रही है, जो दो सरकारी बैंकों का निजीकरण करने के लिए उपयोगी होगा। इस हड़ताल का आह्वान यूएफबीयू (यूनाइटेड फोरम ऑफ़ बैंक यूनियन्स) ने किया है। 

लखनऊ में मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन भी किया गया। ताकि बैंकों के निजीकरण की सरकारी कवायद के खिलाफ़ होने वाले प्रदर्शन की योजना बताई जा सके। इस हड़ताल के चलते उत्तर प्रदेश में 16 और 17 दिसंबर को बैंकिंग सेवाएं बंद रहेंगी।

यूएफबीयू के मीडिया प्रभारी अनिल तिवारी का कहना है कि दोनों दिन बैंक कर्मचारी भारतीय स्टेट बैंक के मुख्यालय पर प्रदर्शन करेंगे। 

सरकार की बैंकों का निजीकरण करने की योजना पर टिप्पणी करते हुए तिवारी ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार बैंकों का निजीकरण कर रही है। उन्हें समझना चाहिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं। उन्हें ऐसा बने रहने देना चाहिए। हम इन बैंकों के निजीकरण के किसी भी कदम का पुरजोर विरोध करते हैं। यह बैंक जनता की संपत्ति हैं और हम उन्हें निजी उद्यमों और अरबपतियों को सौंपे जाने के किसी भी कदम का विरोध करते हैं।" उन्होंने कहा कि इस दो दिन की हड़ताल के चलते उत्तर प्रदेश में 1200 करोड़ रुपये के लेनदेन प्रभावित होंगे।

तिवारी ने मीडिया को बताया कि हड़ताल के पहले दिन 900 बैंकों के कर्मचारी लखनऊ में एसबीआई की मुख्य शाखा के सामने धरना प्रदर्शन करेंगे। फिर अगले दिन इंडियन बैंक (पहले इलाहाबाद बैंक) के सामने हजरतगंज में प्रदर्शन होगा।

संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि कॉरपोरेट घरानों की नज़र जनता की मेहनत की कमाई के 157 लाख करोड़ रुपयों पर है, जो सरकारी बैंकों में रखे हुए हैं। बैंकों के निजीकरण के बाद यह कॉरपोरेट घराने मनमाने तरीके से इसमें से कर्ज़ ले सकेंगे। 

किसानों और मज़दूरों की समस्याओं की तरफ ध्यान खींचते हुए यूनियन के नेता अखिलेश मोहन ने कहा कि बैंकों के निजीकरण से बैंक कर्मचारियों का वेतन कम नहीं होगा। बल्कि गरीब किसान और मजदूर, जिन्हें अभी तीन से चार प्रतिशत पर कर्ज़ मिल जाता है, उन्हें निजीकरण के बाद वह कर्ज़ नहीं मिल पाएगा। ऐसे लोगों को तो निजी बैंकों के परिसर में भी नहीं भटकने दिया जाएगा। 

अखिलेश मोहन ने आगे कहा कि तीन विवादित कृषि कानूनों की वापसी के बाद बैंक कर्मचारियों के हौसले भी बुलंद हैं। अगर केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की अपनी नीति पर पुनर्विचार नहीं किया, तो भारत में एक बार फिर नए विरोध प्रदर्शन देखने को मिलेंगे। 

इस बीच "ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन (अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ)" के राज्य महासचिव सौरभ श्रीवास्तव ने कहा, "भारत की अर्थव्यवस्था को गति देने के नाम पर सरकार खराब कदम उठा रही है, लेकिन बैंक कर्मचारियों को इन योजनाओं और उनके नतीज़ों की पूरी जानकारी है। हम संघर्ष के लिए तैयार हैं।" सौरभ ने यह भी कहा कि कृषि कानूनों की वापसी से कई दूसरे लोगों को भी उम्मीद जगी है और उन्हें पता चला है कि अपने अधिकारों के लिए कैसे संघर्ष करना चाहिए।

बैंक संगठनों ने कहा कि अगर केंद्र सरकार कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं देती, तो उनका विरोध प्रदर्शन भी किसानों के आंदोलन जैसी शक्ल अख़्तियार कर सकता है, जो पूरे एक साल तक दिल्ली की सीमाओं पर चलता रहा था। 

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

UP: Over 10,000 Employees of 900 Banks to Observe two-day Strike Against Privatisation

Bank Privatisation
Public Sector Bank
PSU Privatisation
UP Bank Employees Strike
protest against privatisation
Bank Protest in Lucknow
UFBU
Uttar pradesh

Related Stories

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन

अनुदेशकों के साथ दोहरा व्यवहार क्यों? 17 हज़ार तनख़्वाह, मिलते हैं सिर्फ़ 7000...

दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल को मिला व्यापक जनसमर्थन, मज़दूरों के साथ किसान-छात्र-महिलाओं ने भी किया प्रदर्शन

मोदी सरकार की वादाख़िलाफ़ी पर आंदोलन को नए सिरे से धार देने में जुटे पूर्वांचल के किसान

दिल्ली में गूंजा छात्रों का नारा— हिजाब हो या न हो, शिक्षा हमारा अधिकार है!

यूपीः योगी सरकार पर अभ्यर्थियों ने लगाया शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले का आरोप

उत्तर प्रदेश में स्कीम वर्कर्स की बिगड़ती स्थिति और बेपरवाह सरकार


बाकी खबरें

  • भाषा
    महाराष्ट्र : एएसआई ने औरंगज़ेब के मक़बरे को पांच दिन के लिए बंद किया
    19 May 2022
    महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रवक्ता गजानन काले ने मंगलवार को कहा था कि औरंगजेब के मकबरे की कोई जरूरत नहीं है और उसे ज़मींदोज़ कर दिया जाना चाहिए, ताकि लोग वहां न जाएं। इसके बाद, औरंगाबाद के…
  • मो. इमरान खान
    बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’
    19 May 2022
    रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंदुत्ववादी भीड़ की हरकतों से पता चलता है कि उन्होंने मुसलमानों को निस्सहाय महसूस कराने, उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने और उन्हें हिंसक होकर बदला लेने के लिए उकसाने की…
  • वी. श्रीधर
    भारत का गेहूं संकट
    19 May 2022
    गेहूं निर्यात पर मोदी सरकार के ढुलमुल रवैये से सरकार के भीतर संवादहीनता का पता चलता है। किसानों के लिए बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने की ज़िद के कारण गेहूं की सार्वजनिक ख़रीद विफल हो गई है।
  • एम. के. भद्रकुमार
    खाड़ी में पुरानी रणनीतियों की ओर लौट रहा बाइडन प्रशासन
    19 May 2022
    संयुक्त अरब अमीरात में प्रोटोकॉल की ज़रूरत से परे जाकर हैरिस के प्रतिनिधिमंडल में ऑस्टिन और बर्न्स की मौजूदगी पर मास्को की नज़र होगी। ये लोग रूस को "नापसंद" किये जाने और विश्व मंच पर इसे कमज़ोर किये…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में आज फिर कोरोना के मामलों में क़रीब 30 फ़ीसदी की बढ़ोतरी 
    19 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटो में कोरोना के 2,364 नए मामले सामने आए हैं, और कुल संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 31 लाख 29 हज़ार 563 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License