NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
यूपी : कब और कैसे रुकेगा अवैध और ज़हरीली शराब का धंधा
अलीगढ़ की घटना प्रदेश में ज़हरीली शराब से होने वाली यह पहली त्रासदी नहीं है। अभी 28 अप्रैल को हाथरस में ऐसी ही घटना हुई थी, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी।
असद रिज़वी
29 May 2021
यूपी : कब और कैसे रुकेगा अवैध और ज़हरीली शराब का धंधा
'प्रतीकात्मक फ़ोटो' साभार: सोशल मीडिया

ज़हरीली शराब पीने से उत्तर प्रदेश में पिछले चार सालों में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। लेकिन प्रदेश सरकार ज़हरीली शराब के उत्पादन को रोकने में असफ़ल है।

ताज़ी घटना अलीगढ़ की है जहां ज़हरीली शराब पीने से शुक्रवार को क़रीब 18 लोगों की मौत हो गई। विपक्ष का आरोप है आबकारी विभाग-पुलिस प्रशासन और शराब माफियाओं की मिलीभगत से प्रदेश में करीब 10 हजार करोड़ के अवैध शराब के कारोबार का संचालन किया जा रहा है।

ज़हरीली शराब पीने से अलीगढ़ में क़रीब 18 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। जबकि 18 से ज्यादा लोग अलग-अलग अस्पतालों में नाज़ुक हालत में भर्ती हैं। हालाँकि स्थानीय लोगों का दावा है कि 22 लोगों की मौत हुई है।

बताया जा रहा है कि मरने वालों 6 लोग ऐसे भी हैं, जिनके परिवारों ने बिना पुलिस प्रशासन को सूचना दिए अंतिम संस्कार कर दिया। प्रशासन उनकी मौत की पुष्टि नहीं कर रहा है।

प्रदेश में ज़हरीली शराब से होने वाली यह पहली त्रासदी नहीं है। लगातार प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से ज़हरीली शराब पीने से लोगों के मरने की ख़बरें प्राप्त होती रहती हैं। अभी पिछले महीने 28 अप्रैल को हाथरस ज़िले में कथित रूप से ज़हरीली शराब पीने से 5 लोगों की मौत हो गई थी।

हाथरस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में एक दारोगा तथा एक सिपाही को निलंबित कर दिया गया था और शराब बेचने वाले शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

प्रतापगढ़ में कथित तौर पर ज़हरीली शराब पीने से फ़रवरी में, पूर्व प्रधान सहित 6 लोगों की मौत हो गई। ज़िले में 24 फ़रवरी को तीन और 25 फ़रवरी को भी तीन लोगों की मौत से हड़कंप मच गया था। घटना के बाद आबकारी विभाग नींद से जागा और ज़हरीली शराब बनाने वालों के ख़िलाफ़ जाँच शुरू हुई।

12 मई को आई एक खबर के अनुसार अंबेडकरनगर, आजमगढ़ व बदायूं, ज़िलों में ज़हरीली शराब पीने से अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा लोगों में आंख की रौशनी कम होने की समस्या कही जा रही है।

इससे पहले साल 2021 के शुरू में ही, बुलंदशहर में 8 जनवरी को 5 लोगों की ज़हरीली शराब पीने से मौत हो गई थी। यह इस वर्ष का पहला मामला था। लेकिन ज़हरीली शराब सालों से घरों को बर्बाद कर रही है। साल 2020 में भी ज़हरीली शराब पीने से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई थी।

इसे पढ़ें : बुलंदशहर में ज़हरीली शराब पीने से पांच की मौत, 16 लोग बीमार

पिछले वर्ष नवंबर में ज़हरीली शराब से प्रदेश में क़रीब 15  लोग मारे गये थे। राजधानी लखनऊ के बंथरा इलाक़े में 13 नवंबर को ज़हरीली शराब पीने से 6 लोगों की मौत हो गयी। इसके चार दिन बाद 17 नवंबर को फिरोजाबाद ज़िले खैरागढ़ क्षेत्र के शेखपुरा गांव में ज़हरीली शराब से 3 लोगों की जान गई। इस महीने में ही 21 नवंबर को प्रयागराज के फूलपुर में 6 लोगों की ज़हरीली शराब पीने से जान चली गयी। 

मेरठ और बागपत में 10 सितंबर 2020 को ज़हरीली शराब की वजह से 7 लोग मर गये। मरने वालों में बागपत के चांदीनगर क्षेत्र के चमरावल गाँव के 5 लोग और मेरठ के जानी के 2 लोग थे।

कानपुर के घाटमपुर में ज़हरीली शराब पीने से 12 अप्रैल 2020 को 2 लोगों की मौत हुई। अगर आबकारी विभाग और प्रशासन के आँकड़ों की बात करें तो 2017 में 18 लोगों की मौत, 2018 में 17 लोगों की मौत ज़हरीली शराब से हुई।

कांग्रेस ने दावा किया है कि प्रदेश में पिछले चार साल में 400 लोगों की ज़हरीली शराब से मौत हुई है। पार्टी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का कहना है कि आबकारी विभाग-पुलिस और शराब माफियाओं की मिलीभगत से प्रदेश में करीब 10 हजार करोड़ के अवैध शराब का कारोबार का संचालन किया जा रहा है। 

सरकार पर सीधे हमला बोलते हुए कांग्रेस ने कहा कि योगी सरकार द्वारा ज़हरीली शराब के कारोबारियों के विरुद्ध कार्रवाई न करना यह साबित करता है कि शराब के अवैध कारोबारियों को प्रदेश सरकार का संरक्षण मिला हुआ है।

अलीगढ़ की घटना के बाद लल्लू ने कहा विगत चार वर्षों से लगातार प्रदेश के विभिन्न जनपदों में अवैध शराब से मौतें हो रही हैं। योगी सरकार यदि पूर्व में हुईं ज़हरीली शराब से मौतों को लेकर संवेदनशील होती और अवैध शराब कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई की गयी होती तो आज अलीगढ़ में हुईं मौतों को रोका जा सकता था। इसलिए अलीगढ़ में हुई मौतों के लिए योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार ज़िम्मेदार है।

प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी का कहना है कि बिना स्थानीय प्रशासन और आबकारी विभाग की मिलीभगत से अवैध शराब का कारोबार सम्भव नहीं है। सपा प्रवक्ता का कहना है कि भाजपा सरकार पर शराब माफ़िया हावी हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि ज़हरीली शराब दर्जनों परिवार को बर्बाद कर चुकी है और कर रही है। लेकिन इसका कारोबार करने वालों को, पुलिस प्रशासन और आबकारी विभाग का संरक्षण प्राप्त है। भाजपा सरकार भी शराब माफ़िया दबावो में है। इसी लिए मुख्यमंत्री द्वारा चार साल में एक बार भी इस अवैध कारोबार को बंद करने के लिए विचार भी नहीं किया गया।

राष्ट्रीय लोकदल ने कहा है कि योगी सरकार ने अपनी पिछली ग़लतियों से भी सबक़ नहीं लिया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अनिल दुबे के अनुसार प्रदेश की भाजपा सरकार में ज़हरीली शराब के अवैध कारोबार को रोकने में असफ़ल रही है। प्रदेश में कई दर्जनों हादसे हुए और सैकड़ों जाने चली गई, लेकिन सिर्फ़ औपचारिक कार्रवाई हो कर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। दुबे ने माँग है कि अलीगढ़ मामले में सम्मिलित सभी पुलिस व आबकारी विभाग के अधिकारियों को बर्खास्त किया जाये।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अलीगढ़ मामले में कहा है कि दोषियों के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी अलीगढ़ कलानिधि नैथानी ने दावा किया है कि इस मामले में अब तक पुलिस ने शराब ठेका संचालक, सेल्समैन और पर्यवेक्षक सहित 4 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

आबकारी विभाग ने अपने विभाग की वेबसाइट पर अवैध शराब बनाने वालों को पकड़वाने की जनता से अपील की है। अवैध शराब बनाने वालों की सूचना देने वाले की पहचान भी छुपाने का वादा किया गया है। लेकिन बड़ा प्रश्न यह है कि स्वयं आबकारी विभाग के अधिकारी कितनी कार्रवाई करते हैं? अगर वह सतर्क रहें और सख़्ती बरतें तो शायद बार-बार ज़हरीली शराब से होने वाली इन घटनाओं पर रोक सकता है।

शुक्रवार को अलीगढ़ में हुई घटना ने एक बार यह फिर साबित कर दिया है कि ज़हरीली शराब के उत्पादन को रोकने के लेकर सरकार ज़रा गंभीर नहीं है। या फिर शराब माफ़िया सरकार पर भारी पड़ रहे हैं।

प्रदेश में जब भी ज़हरीली शराब से कोई त्रासदी होती है तो शासन प्रशासन द्वारा जांच समितियां बना दी जाती हैं। समितियां की रिपोर्ट के बारे में किसी को कुछ नहीं मालूम होता है। अगर त्रासदी बड़ी हो जाए तो, मामले को संभालने के लिए, पुलिस और आबकारी विभाग के एक-दो अधिकारियों को निलंबित या तबादला कर दिया जाता है। जिनमें से ज़्यादातर बाद में बहाल हो जाते हैं। अवैध शराब का कारोबार वैसे ही चलता रहता है, उसमें कमी आती नहीं दिखती।

(*प्राप्त आंकड़े आबकारी विभाग व प्रशासन के सूत्रों से हासिल किये गये हैं।)

UttarPradesh
Poisonous liquor
Illegal liquor
Illegal liquor business
Death by poisonous liquor
Yogi Adityanath
yogi government
UP police
aligarh

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

अलीगढ़ : कॉलेज में नमाज़ पढ़ने वाले शिक्षक को 1 महीने की छुट्टी पर भेजा, प्रिंसिपल ने कहा, "ऐसी गतिविधि बर्दाश्त नहीं"

ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?

मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?

यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?


बाकी खबरें

  • BJP
    अनिल जैन
    खबरों के आगे-पीछे: अंदरुनी कलह तो भाजपा में भी कम नहीं
    01 May 2022
    राजस्थान में वसुंधरा खेमा उनके चेहरे पर अगला चुनाव लड़ने का दबाव बना रहा है, तो प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया से लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इसके खिलाफ है। ऐसी ही खींचतान महाराष्ट्र में भी…
  • ipta
    रवि शंकर दुबे
    समाज में सौहार्द की नई अलख जगा रही है इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा
    01 May 2022
    देश में फैली नफ़रत और धार्मिक उन्माद के ख़िलाफ़ भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) मोहब्बत बांटने निकला है। देशभर के गावों और शहरों में घूम कर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन किए जा रहे हैं।
  • प्रेम कुमार
    प्रधानमंत्री जी! पहले 4 करोड़ अंडरट्रायल कैदियों को न्याय जरूरी है! 
    01 May 2022
    4 करोड़ मामले ट्रायल कोर्ट में लंबित हैं तो न्याय व्यवस्था की पोल खुल जाती है। हाईकोर्ट में 40 लाख दीवानी मामले और 16 लाख आपराधिक मामले जुड़कर 56 लाख हो जाते हैं जो लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट की…
  • आज का कार्टून
    दिन-तारीख़ कई, लेकिन सबसे ख़ास एक मई
    01 May 2022
    कार्टूनिस्ट इरफ़ान की नज़र में एक मई का मतलब।
  • राज वाल्मीकि
    ज़रूरी है दलित आदिवासी मज़दूरों के हालात पर भी ग़ौर करना
    01 May 2022
    “मालिक हम से दस से बारह घंटे काम लेता है। मशीन पर खड़े होकर काम करना पड़ता है। मेरे घुटनों में दर्द रहने लगा है। आठ घंटे की मजदूरी के आठ-नौ हजार रुपये तनखा देता है। चार घंटे ओवर टाइम करनी पड़ती है तब…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License