NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
यूपी: अवैध धर्मांतरण कानून के तहत दर्ज हो रहे मामले विवादों में क्यों हैं?
प्रदेश में कथित लव जिहाद के ख़िलाफ़ नए कानून के तहत कई मामले दर्ज हुए हैं, कुछ में लोगों की गिरफ़्तारी भी हुई हैं। हालांकि कुछ कट्टरवादी हिंदू संगठनों का दबाव, पुलिस की अतिसक्रियता और बीते समय के गड़े मुर्दे उखाड़ने की कोशिश के चलते ये मामले सवालों के घेरे में हैं।
सोनिया यादव
07 Dec 2020
love jihad
प्रतीकात्मक तस्वीर फोटो साभार: Mashable India

उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार तथाकथित लव जिहाद के खिलाफ अवैध धर्मांतरण कानून ले आई। कानून पास होने के बाद से ही इसके तहत दर्ज हो रहे मामले और गिरफ्तारियां सुर्खियों में हैं। कई मामलों में कट्टरवादी हिंदू संगठनों की भूमिका और सक्रियता पहले से बहुत ज्यादा नज़र आ रही है तो वहीं कई मामले अपने आप में ही सवालों के घेरे में है। महिलावादी संगठन समेत नागरिक समाज और विपक्ष पहले ही इस कानून को प्यार पर पेहरा बता चूके हैं तो वहीं अब दो अलग धर्मों के लोगों की मर्जी होने के बाद भी शादी में सरकारी हस्तक्षेप खटकने लगा है।

मुरादाबाद में शादी पंजाकरण के लिए पहुंची हिंदू महिला से बदसलूकी

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक मुस्लिम व्यक्ति और उसके भाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वजह ये थी मुस्लिम युवक की 22 वर्षीय हिंदू पत्नी जिले के कांठ इलाके में अपनी शादी को पंजीकृत करवाने की कोशिश कर रही थी। पंजीकरण कार्यालय में दक्षिणपंथी समूह बजरंग दल के लोगों ने इन्हें पकड़ा लिया, पहले औपचारिकताओं को पूरा करने से रोका और उसके बाद फिर तीनों को स्थानीय पुलिस स्टेशन ले गए। सोशल मीडिया पर वायरल हुए 1 मिनट और 11 सेकंड के वीडियो में पुरुष मुरादाबाद के कांठ थाने के परिसर के अंदर महिला को घेरे हुए हैं।

"हमें धर्म परिवर्तन करने के लिए डीएम की परमिशन दिखाओ" इनमें से एक आदमी लड़की से ये कह रहा है, जबकि वहां दो पुलिसवाले खड़े थे जिनमें से एक ने लाठी ले रखी थी। फिर एक और आदमी ने कहा, "आपने नया कानून पढ़ा है या नहीं? ', एक और ने आगे जोड़ा.."ये तुम जैसे लोगों के लिए ही बनाना पड़ा है।"

हालांकि, महिला ने पत्रकारों को बताया कि उसकी और पुरुष की सहमति से शादी हुई थी। महिला ने कहा, "मैं एक वयस्क हूं, मेरी उम्र 22 साल है। मैंने 24 जुलाई को अपनी मर्जी से शादी कर ली। यह पांचवां महीना है हमारी शादी हुए।"

उधर पुलिस ने कहा कि मामले में शिकायत हिंदू महिला की मां ने दर्ज की थी जिसने दावा किया था कि मुस्लिम व्यक्ति ने उसकी बेटी के साथ धोखे से शादी और धर्मांतरण करवाया था।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विद्या सागर ने एक बयान में कहा,  "हमने दोनों पुरुषों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की पूरी जांच करेंगे। गिरफ्तार किए गए लोगों को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 की धारा 3 के तहत दर्ज किया गया है, जो कि जबरन धर्म परिवर्तन से संबंधित है।”

हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि पुरुष या महिला ने धर्म परिवर्तन किया था या नहीं या फिर ये लोग ऐसी कोई योजना बना रहे थे। 

लखनऊ में लड़की-लड़की, परिवार सब राज़ी फिर भी पुलिस ने रुकवा दी शादी!

दूसरा मामला राजधानी लखनऊ से सामने आया। जहां शादी की तैयारियां हो चुकी थीं। लड़के और लड़की के परिवारवाले भी शादी के लिए राजी थे। शादी पहले हिन्दू रिति-रिवाज से होनी थी और फिर मुस्लिम। लेकिन इससे पहले ही पुलिस आई और नए कानून का हवाला देते हुए शादी को रुकवा दिया।

लड़की के पिता का कहना था कि शादी के लिए कोई जबरन धर्म परिवर्तन नहीं किया गया था। दोनों परिवारों ने बिना शर्त अपनी सहमति दी थी।

उन्होंने कहा, “मुझे इस बारे में जानकारी नहीं थी कि अलग धर्म में शादी के लिए अगर दोनों पक्ष राजी हों, तो भी केवल जिला मजिस्ट्रेट की मंजूरी के बाद ही शादी हो सकती है। पहले इस विवाह के लिए मैजिस्ट्रेट की अनुमति लेंगे, उसके बाद ही शादी करवाएंगे।”

सीनियर पुलिस ऑफिसर सुरेश चंद्र रावत ने मीडिया को बताया, “सूचना मिली थी कि एक समुदाय की लड़की दूसरे समुदाय के लड़के से शादी करना चाह रही थी। इस पर दोनों पक्षों को थाने बुलाया गया। उनको नवीनतम धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश के बारे में बताया गया। उन्हें इसकी कॉपी भी उपलब्ध कराई गई. दोनों पक्षों ने लिखित में सहमति दी कि वे इस संबंध में नियमानुसार जिलाधिकारी महोदय को सूचित करके और उनसे अनुमति लेकर ही शादी जैसी कोई कार्रवाई करेंगे।”

हालांकि इस मामले में भी कट्टरवादी हिंदू संगठनों की भूमिका सामने आई। वहीं ऐसे मामलों में नए धर्मांतरण विरोधी कानून को लेकर यूपी पुलिस की अति सक्रियता भी सवालों के घेरे में है साथ ही दो वयस्कों के निजी प्रेम और सहमति से शादी करने के मामले में सरकारी हस्तक्षेप पर भी कई बातें उठ रही हैं।

बरेली में दर्ज पहला मामला ही संदेहास्पद!

इस कानून के लागू होने के 12 घंटे के भीतर ही बरेली में सबसे पहला मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने 21 साल के मुस्लिम लड़के औवेस अहमद को हिन्दू लड़की पर शादी के लिए धर्म बदलने का दवाब डालने के आरोप में गिरफ्तार भी कर लिया। पुलिस का दावा है कि लड़का और लड़की पिछले साल अक्टूबर में भाग गए थे। पिता ने अपहरण की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। उसके बाद लड़की की शादी अप्रैल में किसी और से कर दी गई।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, अब गिरफ्तारी होने पर लड़के के परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस के दवाब में लड़की के परिवार वालों ने केस दर्ज कराया है। गांव के प्रधान सहित कई लोग पुलिस की कार्रवाई से हैरान हैं।

ग्राम प्रधान ने भी कहा कि पुलिस का दबाव होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि दोनों परिवारों के बीच विवाद नहीं था। जो मामला था, वो पहले ही सुलझ गया था।

मामले में आरोपी अहमद के पिता मोहम्मद रफीक ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “लव जिहाद के आरोप ना केवल दुख पहुंचाने वाले थे, बल्कि डरावने भी थे। लड़की के घर वाले अच्छे हैं। उनसे हमारा कोई विवाद नहीं है। मुझे पता है कि उन्होंने FIR नहीं कराई है। लड़की के पिता ने मुझसे कहा था कि वो इस मामले में पूरा समर्थन करेंगे। लेकिन पुलिस ने तारीफ और प्रमोशन के लिए ये केस किया। पुलिस ने मुझे मारा। लड़की के परिवार वालों को भी धमकी दे रहे हैं।”

पुलिस के दबाव की बात पर बरेली रेंज के डीआईजी राजेश पांडे ने कहा, “अगर हमें पहले शिकायत मिली होती तो हम पहले केस दर्ज करते। ऐसा भी हो सकता है कि शिकायत 27 नवंबर को आई हो और केस दर्ज हो गया हो, जब कानून पास हुआ।”

पुलिस का दावा है कि लड़की और उसके परिवार पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था, इसीलिए उन्होंने मामला दर्ज कराया। हालांकि पुलिस का मानना है कि पहले हुई जांच में अहमद के खिलाफ लगे आरोप सही नहीं पाए गए थे।

यहां ये भी बात गौर करने वाली है कि बालिग मुस्लिम लड़का और बालिग हिंदू लड़की भाग गए। लड़की के पिता लड़की को लाए और हिंदू लड़के से शादी कर दी। जब लड़की हिंदू से शादी कर उसके घर चली गई तो अब लड़का उस पर मुस्लिम होने का क्यों दबाव बनाएगा?

गौरतलब है कि यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल 28 नवंबर को प्रस्तावित विधि विरूद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 को मंजूरी दे दी थी। जिसके बाद ये कानून प्रदेश भर में लागू हो गया था। हालांकि योगी सरकार के इस नए कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका में यूपी के अलावा उत्तराखंड में भी इसी तरह अध्यादेश जारी करके बनाए गए कानून को अवैध और असंवैधानिक करार देने की मांग की गई है।

याचिका में कहा गया है कि ये अध्यादेश संविधान के तहत मिले मौलिक अधिकारों के खिलाफ हैं। ये कानून मनमाना है। बोलने की आजादी और धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है। इसका दुरुपयोग किसी को भी गलत तरीके से फंसाने के लिए किया जा सकता है, इससे अराजकता पैदा होगी।

love jihad
Love Jihad Law
Utter pradesh
BJP
Religion Politics
Religion change politics
UP police

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License