NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
नज़रिया
भारत
राजनीति
यूपी चुनाव हलचल: गठबंधन के सहारे नैया पार लगाने की कोशिश करतीं सपा-भाजपा
यूपी में चुनावों का ऐलान हो चुका है, सबकी नज़र सपा और भाजपा पर है, बसपा, रालोद और कांग्रेस भी चुनावी गणित में अपना अपना हिस्सा लेने की आस लगाए बैठी हैं। आइए गठबंधनों के लिए अंदर ही अंदर चल रही हलचल पर एक नज़र मारते हैं।
असद रिज़वी
09 Jan 2022
UP
अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के बीच हाल ही में हुई एक बैठक की तस्वीर (फ़ोटो- अखिलेश यादव ट्विटर एकाउंट)

चुनाव आयोग ने यूपी विधानसभा चुनावों की तारीख़ों का ऐलान कर दिया है। ये चुनाव सात चरण में पूरे होने जा रहे हैं। पहले चरण के लिए 10 फ़रवरी को वोटिंग होनी है। चुनावों का रिज़ल्ट 10 मार्च को आना है। चुनावों की घोषणा के साथ ही यूपी में अब  गठबंधन की ज़मीनें तलाशी जाने लगी हैं। 

सभी दल अपना चुनावी समीकरण बनाने में लगे हैं। बड़ी पार्टियों और क्षेत्रीय दलों के बीच बातचीत का दौर जारी है। प्रदेश में इन दिनों सबसे ज़्यादा चर्चा समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के गठबंधन को लेकर है। वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के कमज़ोर होने की खबरें भी आ रही हैं। 

वहीं ऐसा लग रहा है कि सत्तारूढ़ बीजेपी को अभी भी अपने “सबका साथ-सबका विकास” के नारे से ज़्यादा भरोसा "हिंदुत्व" की राजनीति पर है। इसी कारण से भगवा पार्टी अगर एक तरफ विज्ञापनों के द्वारा यह दिखाने का प्रयास कर रही है कि प्रदेश में अब तक जितना विकास कार्य हुआ है, सब 2017 से 2022 के बीच योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में हुआ है। 

जिसपर विपक्ष ख़ासकर सपा का कहना है कि जिन परियोजनाओं का उद्घाटन भाजपा सरकार ने किया है, उनमें ज़्यादातर उसके कार्यकाल 2012-17 के बीच शुरू हुई थी। दूसरी तरफ भाजपा अयोध्या में बन रहे राम मंदिर निर्माण का श्रेय भी लेना चाहती है और समय-समय पर "मथुरा' का मुद्दा उठा कर ध्रुवीकरण की कोशिश भी कर रही है। 

सपा और रालोद की बैठक

इस समय सब से ज़्यादा चर्चा सपा प्रमुख अखिलेश यादव और रालोद के बीच हाल ही में हुई बैठक की है। क्योंकि अखिलेश "पश्चिमी" उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन के बाद से पैदा हुए बीजेपी विरोधी माहौल का फायदा उठाना चाहते हैं। जिसके लिए उन्होंने ने रालोद से हाथ मिलाया है। 

दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच सीट बटवारे को लेकर 06 जनवरी को एक मीटिंग लखनऊ में हुई है। अखिलेश और जयंत चौधरी के बीच क़रीब ढाई घंटे तक सीट बंटवारे पर मंथन हुआ। सूत्र बताते हैं की सपा ने रालोद को  "पश्चिम" की 76 में से 33 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है। 

अपना दल (स) की माँग

सत्तारूढ़ बीजेपी भी अपना चुनावी गणित सही करने में लगी है। हालाँकि एनडीए अभी तक सीट बटवारे पर अभी तक ख़ामोश है। बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) ने बीजेपी की चिंता को और अधिक बढ़ा दिया है। अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने कहा है कि इस बार भी उनकी पार्टी, पार्टी की सीटों पर विस्तार की मांग कर रही है। अपना दल (एस) ने बीजेपी के साथ मिलकर 3 चुनाव लड़े हैं और फ़िलहाल 403 सीटों वाली विधानसभा में उसके 9 विधायक हैं।

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल से जब सीट बटवारे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सीटों के विस्तार की बातचीत चल रही है। बीजेपी की चिंता यह है कि अनुप्रिया ने हाल में ही ओबीसी प्रतिनिधित्व बढ़ने का समर्थन किया है। सपा और अपना दल (एस) के राजनीतिक गठबंधन की खबरें भी सामने आ रही हैं। प्रतापगढ़ ज़िले की "विश्वनाथगंज" सीट से अपना दल एस विधायक डॉ. आरके वर्मा को अनुप्रिया पटेल ने निलंबित कर दिया है। पार्टी ने यह भी साफ़ कर दिया है कि बाहुबली नेता धनंजय सिंह को टिकट नहीं दिया गया है।  

धनंजय सिंह का वीडियो

पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनंजय सिंह को प्रदेश पुलिस ने एक हत्या के मामले में भगोड़ा घोषित कर रखा है, लेकिन एक वायरल वीडियो में वो जौनपुर में खुलेआम "क्रिकेट" खेलता भी दिखाई दिया। अखिलेश यादव ने इसको लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला किया और आरोप लगाया है कि 25 हज़ार के इनामी बदमाश धनंजय सिंह सत्ता के संरक्षण में मज़ा ले रहे हैं और डबल इंजन सरकार के बुलडोज़र को इसका पता मालूम नहीं है।  लखनऊ पुलिस को धनंजय सिंह की तलाश है। सपा ने कहा कि मुख्यमंत्री से जुड़े माफिया सत्ता के संरक्षण में पुलिस की नाक के नीचे खुले आसमान में खेल के मज़े ले रहे हैं। 

निषाद पार्टी और भाजपा के बीच दरार

वहीं बीजेपी के साथी माने जा रहे निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद पर भगवा पार्टी के ही राज्यसभा सांसद जयप्रकाश निषाद ने बड़ा हमला किया है। गोरखपुर से ताल्लुक रखने वाले राज्यसभा निषाद ने कहा की “निषाद वोट किसी के बाप की बपौती नहीं है। "गौरतलब है कि 17 दिसम्‍बर 2021 को लखनऊ के रमाबाई पार्क में "निषाद समाज" की रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ मौजूद थे। जिसमें आरक्षण की मांग को लेकर ‘निषाद समाज’ के लोगों ने विरोध जताया था। 

जिसके बाद योगी को चिट्ठी लिखकर निषाद पार्टी के संजय निषाद ने आरक्षण को लेकर अपना रुख स्‍पष्‍ट करते हुए बीजेपी से साफ कहा कि "निषाद समाज को आरक्षण नहीं, तो समर्थन भी नहीं।" जिस से यह लग रहा है कि एनडीए में कहीं सीट बंटवारे और कहीं आरक्षण के मुद्दे पर दरार आ रही है। 

फिर हिंदुत्व के भरोसे भाजपा

वहीं ऐसे लग रहा है कि बीजेपी को अपने काम से ज़्यादा "हिंदुत्व" पर भरोसा है। एक तरफ प्रदेश सरकार अख़बारों में विज्ञापन देकर और होर्डिंग लगाकर अपने कामों को गिना रही है। दूसरी तरफ उसके नेता "हिंदुत्व" के मुद्दे को सत्ता के केंद्र में रखना चाहते हैं। भाजपा की "जन-विश्वास" यात्रा में शामिल होने के लिए बरेली पहुंचे अमित शाह ने बरेली के पटेल चौक पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "राम मंदिर अयोध्या में बन रहा है अखिलेश बाबू रोक सको तो रोक लो।" 

ये भी पढ़ें: 5 राज्यों में चुनाव तारीख़ों की घोषणा, यूपी में 7 चरणों में चुनाव, 10 मार्च को मतगणना

क्योकि अब अयोध्या का मुद्दा कमज़ोर पड़ गया है इसलिए भगवा पार्टी चुनावों में ध्रुवीकरण के लिए "मथुरा" का मुद्दा भी उठा रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फर्रुखाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि "अयोध्या में राम मंदिर बना, काशी में विश्वनाथ मंदिर का भव्य निर्माण हो चुका है, तो अब मथुरा-वृंदावन कैसे छूट जाएगा?" 

कांग्रेस का दावा

प्रियंका गांधी की सक्रियता से उत्तर प्रदेश के चुनावी जंग में कांग्रेस के भी हौसले बुलंद हैं। आम लोगों से सीधे जुड़ने वाली प्रियंका गांधी को बेशक "कोविड" की तीसरी लहर की वजह से अपने भावी कार्यक्रमों को स्थगित करना पड़ रहा हो। लेकिन पार्टी ऐसे हालत में भी अपने चुनाव प्रचार को फेसबुक लाइव-ट्विटर के ज़रिय आगे बढ़ा रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार "लल्लू" ने दावा किया है कि 2022 में उत्तर प्रदेश में अगली सरकार कांग्रेस के बिना नहीं बनेगी। 

सियासी पार्टियों के नारे

इसी बीच 8 जनवरी की शाम चुनाव आयोग ने चुनावों की तारीख़ों की घोषणा भी कर दी। जिसका सभी पार्टियों ने स्वागत किया। सभी पार्टियों ने तारीख़ों में घोषणा के बाद अलग-अलग नारे सोशल मीडिया पर पोस्ट करना शुरू कर दिये। सपा ने कहा “10 मार्च को इंक़लाब होगा- उत्तर प्रदेश में बदलाव होगा”। याद रहे कि 10 मार्च को चुनावों के नतीजे घोषित होंगे।कांग्रेसियों ने नारा दिया, महिलाओं को सशक्त बनाने, यूपी का जंगलराज मिटाने, आ रही है कांग्रेस”। अभी तक लगभग ख़ामोश बैठी, बीएसपी भी चुनाव की घोषणा के साथ बोल उठी “10 मार्च-सब साफ़- बहन जी हैं,, यूपी की आस” और भाजपा ने लिखा “यूपी की जनता की यही पुकार फिर एक बार भाजपा सरकार”।

कमिश्नर का सियासत में प्रवेश 

दिल्ली में चुनावों की घोषणा होते ही उत्तर प्रदेश में एक राजनीतिक धमाका हुआ। कानपुर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने वीआरएस (सेवा निवृत्ति) के लिए आवेदन दे दिया। उन्होंने एक बयान जारी करते हुए कहा कि प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है।

इसके बाद अरुण के विधानसभा चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा है कि वह भगवा पार्टी के टिकट पर “कन्नौज” सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। उल्लेखनीय है कि कन्नौज उनका पैतृक गांव है। सूत्र के अनुसार अरुण ने शनिवार दोपहर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की थी।

आने वाले दिन बहुत ख़ास हैं, देखना यह होगा कि टिकट बँटवारे को लेकर सियासी दलों की रणनीति क्या होती। कौन दल किस के साथ गठबंधन करता है किसका गठबंधन ख़त्म होता है।

ये भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश: मौसम ठंडा, राजनीति गर्म, भाजपा-सपा ने पूर्वांचल पर लगाया ज़ोर

UP elections
UP ELections 2022
UP election 2022
SAMAJWADI PARTY
RLD
Jayant Chaudhary
AKHILESH YADAV
BJP
Congress

Related Stories

ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?

ख़बरों के आगे-पीछे: केजरीवाल के ‘गुजरात प्लान’ से लेकर रिजर्व बैंक तक

यूपी में संघ-भाजपा की बदलती रणनीति : लोकतांत्रिक ताकतों की बढ़ती चुनौती

इस आग को किसी भी तरह बुझाना ही होगा - क्योंकि, यह सब की बात है दो चार दस की बात नहीं

ख़बरों के आगे-पीछे: भाजपा में नंबर दो की लड़ाई से लेकर दिल्ली के सरकारी बंगलों की राजनीति

बहस: क्यों यादवों को मुसलमानों के पक्ष में डटा रहना चाहिए!

ख़बरों के आगे-पीछे: गुजरात में मोदी के चुनावी प्रचार से लेकर यूपी में मायावती-भाजपा की दोस्ती पर..

ख़बरों के आगे-पीछे: पंजाब में राघव चड्ढा की भूमिका से लेकर सोनिया गांधी की चुनौतियों तक..

कश्मीर फाइल्स: आपके आंसू सेलेक्टिव हैं संघी महाराज, कभी बहते हैं, और अक्सर नहीं बहते

उत्तर प्रदेशः हम क्यों नहीं देख पा रहे हैं जनमत के अपहरण को!


बाकी खबरें

  • अजय कुमार
    महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    विश्व आर्थिक मंच पर पेश की गई ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के दौर में फूड फ़ार्मा ऑयल और टेक्नोलॉजी कंपनियों ने जमकर कमाई की।
  • परमजीत सिंह जज
    ‘आप’ के मंत्री को बर्ख़ास्त करने से पंजाब में मचा हड़कंप
    26 May 2022
    पंजाब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती पंजाब की गिरती अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करना है, और भ्रष्टाचार की बड़ी मछलियों को पकड़ना अभी बाक़ी है, लेकिन पार्टी के ताज़ा क़दम ने सनसनी मचा दी है।
  • virus
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या मंकी पॉक्स का इलाज संभव है?
    25 May 2022
    अफ्रीका के बाद यूरोपीय देशों में इन दिनों मंकी पॉक्स का फैलना जारी है, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में मामले मिलने के बाद कई देशों की सरकार अलर्ट हो गई है। वहीं भारत की सरकार ने भी सख्ती बरतनी शुरु कर दी है…
  • भाषा
    आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रक़ैद
    25 May 2022
    विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग अवधि की सजा सुनाईं। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    "हसदेव अरण्य स्थानीय मुद्दा नहीं, बल्कि आदिवासियों के अस्तित्व का सवाल"
    25 May 2022
    हसदेव अरण्य के आदिवासी अपने जंगल, जीवन, आजीविका और पहचान को बचाने के लिए एक दशक से कर रहे हैं सघंर्ष, दिल्ली में हुई प्रेस वार्ता।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License