NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
उत्पीड़न
भारत
यूपी: मेरठ में ट्यूशन से लौट रही छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म, पीड़िता ने ज़हर खाकर जान दी
एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि बृहस्पतिवार को हुई इस घटना में चार युवक शामिल थे। उन्होंने बताया कि घर से छात्रा का एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
02 Apr 2021
यूपी: मेरठ में ट्यूशन से लौट रही छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म, पीड़िता ने ज़हर खाकर जान दी
'प्रतीकात्मक फ़ोटो' साभार: सोशल मीडिया

मेरठ: उत्तर प्रदेश महिलाओं के लिए लगातार असुरक्षित होता जा रहा है। यहां मेरठ के थाना सरधना कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में ट्यूशन से लौट रही कक्षा दस की छात्रा को गांव के ही चार युवकों ने अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया। आहत छात्रा ने घर पहुंचकर जहरीला पदार्थ खा लिया जिससे अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि बृहस्पतिवार को हुई इस घटना में चार युवक शामिल थे। उन्होंने बताया कि घर से छात्रा का एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें छात्रा द्वारा लखन पुत्र संजय के अलावा विकास पुत्र बलवंत उर्फ मुरली का जिक्र किया गया है। कुमार ने बताया कि इसके आधार पर पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है और दो अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं।

उधर, सरधना पुलिस ने छात्रा के परिजनों की तहरीर के आधार बताया कि किशोरी 10वीं की छात्रा थी और बृहस्पतिवार को घर से ट्यूशन पढ़ने के लिए गई थी। पुलिस के अनुसार ट्यूशन से लौटते समय छात्रा को कपसाड़ गांव निवासी चार युवकों ने अगवा कर लिया और टावर के पास मकान में बंधक बना सामूहिक दुष्कर्म किया।

पुलिस ने बताया कि छात्रा किसी तरह अपने घर पहुंची और परिजनों को घटना की जानकारी दी। बाद में आहत छात्रा ने घर पर जहरीला पदार्थ खा लिया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई और उसे शाम करीब छह बजे मोदीपुरम के एसडीएस ग्लोबल अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस के अनुसार यहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

पुलिस के अनुसार मामले में जांच जारी है और शेष अभियुक्तों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।

प्रदेश में महिला सुरक्षा का बुरा हाल

महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता बताने वाली बीजेपी की योगी सरकार में आधी आबादी के खिलाफ अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी की सालाना रिपोर्ट कहती है कि महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। देश में महिलाओं के ख़िलाफ़ 2018 में कुल 378,277 मामले हुए और अकेले यूपी में 59,445 मामले दर्ज किए गए। यानी देश के कुल महिलाओं के साथ किए गए अपराध का लगभग 15.8%।

इसके अलावा प्रदेश में कुल रेप के 4,322 केस हुए। यानी हर दिन 11 से 1 रेप केस दर्ज हुए। ध्यान देने वाली बात ये है कि ये उन अपराधों पर तैयार की गई रिपोर्ट है जो थानों में दर्ज होते हैं। इन रिपोर्ट से कई ऐसे केस रह जाते हैं जिनकी थाने में कभी शिकायत ही दर्ज नहीं हो सकी। एनसीआरबी देश के गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

इसे भी पढ़ें :

बदायूं मामला: "हाथरस मॉडल" का योगी सरकार ने किया दुहराव, दुष्कर्म को हादसा बताने की कोशिश!

बदायूं मामला: मुख्य आरोपी महंत गिरफ़्तार, लेकिन कई सवाल अब भी बरकरार!

आख़िर और कितनी घटनाओं को ‘दूसरा हाथरस’ लिखने की नौबत आएगी?

यूपी से एमपी तक महिलाओं के शोषण-उत्पीड़न की कहानी एक सी क्यों लगती है?

UttarPradesh
gang rape
CRIMES IN UP
crimes against women
violence against women
UP police
UP Government

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

चंदौली पहुंचे अखिलेश, बोले- निशा यादव का क़त्ल करने वाले ख़ाकी वालों पर कब चलेगा बुलडोज़र?

यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन

2023 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तेज़ हुए सांप्रदायिक हमले, लाउडस्पीकर विवाद पर दिल्ली सरकार ने किए हाथ खड़े

चंदौली: कोतवाल पर युवती का क़त्ल कर सुसाइड केस बनाने का आरोप

प्रयागराज में फिर एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या, दो साल की बच्ची को भी मौत के घाट उतारा

प्रयागराज: घर में सोते समय माता-पिता के साथ तीन बेटियों की निर्मम हत्या!

बिहार: आख़िर कब बंद होगा औरतों की अस्मिता की क़ीमत लगाने का सिलसिला?

लखीमपुर हिंसा:आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने के लिए एसआईटी की रिपोर्ट पर न्यायालय ने उप्र सरकार से मांगा जवाब


बाकी खबरें

  • Uddhav Thackeray
    सोनिया यादव
    लचर पुलिस व्यवस्था और जजों की कमी के बीच कितना कारगर है 'महाराष्ट्र का शक्ति बिल’?
    24 Dec 2021
    न्याय बहुत देर से हो तो भी न्याय नहीं रहता लेकिन तुरत-फुरत, जल्दबाज़ी में कर दिया जाए तो भी कई सवाल खड़े होते हैं। और सबसे ज़रूरी सवाल यह कि क्या फांसी जैसी सज़ा से वाक़ई पीड़त महिलाओं को इंसाफ़ मिल…
  • jammu and kashmir
    अशोक कुमार पाण्डेय
    जम्मू-कश्मीर : परिसीमन को लोकतंत्र के ख़िलाफ़ हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है बीजेपी
    24 Dec 2021
    बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर श्रीनगर में हिंदू मुख्यमंत्री बनवाने का जुनून सवार है। इसके लिए केंद्र सरकार कश्मीर घाटी व दूसरी जगह के लोगों को, ख़ुद के द्वारा पहुंचाए जा रहे दर्द को नज़रअंदाज़…
  • modi biden
    मोनिका क्रूज़
    2021 : चीन के ख़िलाफ़ अमेरिका की युद्ध की धमकियों का साल
    24 Dec 2021
    जो बाइडेन प्रशासन लगातार युद्ध की धमकी देने, निराधार आरोपों और चीन के विरुद्ध बहु-देशीय दृष्टिकोण बनाने के संकल्प को पूरा करने के साथ नए शीत युद्ध को गरमाए रखना जारी रखे हुए है।
  • unemployment
    रूबी सरकार
    लोगों का हक़ छीनने वालों पर कार्रवाई करने का दम भरने वाले मुख्यमंत्री ख़ुद ही छीन रहे बेरोज़गारों का हक़!
    24 Dec 2021
    इंटरमीडिएट, ग्रेजुएशन, एमबीए करने के बाद भी मध्यप्रदेश के आईटीआई में शिक्षक सिर्फ 7200 रुपये प्रति महीने में काम करने के लिए मजबूर हैं, राज्य सरकार की ओर से राहत देने की बात भी हवाबाज़ी ही साबित हुई…
  • modi yogi
    लाल बहादुर सिंह
    चुनाव 2022: अब यूपी में केवल 'फ़ाउल प्ले' का सहारा!
    24 Dec 2021
    ध्रुवीकरण और कृपा बाँटने का कार्ड फेल होने के बाद आसन्न पराजय को टालने के लिए, अब सहारा केवल फ़ाउल प्ले का बचा है। ऐन चुनाव के समय बिना किसी बहस के जिस तरह निर्वाचन कार्ड को आधार से जोड़ने का कानून बना…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License