NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
यूपी की मित्र पुलिस!: ‘बच्चे को लग जाएगी सर...’, पिता चिल्लाता रहा, लेकिन उनकी लाठी न रुकी
कानपुर देहात के अकबरपुर में गोद में बच्चा लिए शख़्स को पुलिस ने बेरहमी से पीटा, वीडियो वायरल होने पर जांच और कार्रवाई
रवि शंकर दुबे
11 Dec 2021
KANPUR DEHAT

कानून व्यवस्था में ‘ठोको’ की परिभाषा तैयार करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शायद अब तक वो वीडियो देख ही लिया होगा, जिसमें पुलिस अपनी बेलगाम लाठी का नजराना पेश कर रही है। पुलिस की लाठी उस वक्त भी सांस नहीं लेती जब वह शख्स चिल्ला-चिल्लाकर कहता है कि बच्चे को चोट लग जाएगी... मुझे छोड़ दो.... लेकिन आंखों में बेरहमी की पट्टी बांधे पुलिसकर्मी को न तो उस शख्स की आवाज़ सुनाई पड़ती है न उसका रुदन...न ही उसकी गोद में मासूम बच्चा... पुलिस को तो बस ‘ऊपर’ से मिले ऑर्डर को पूरा करना था और बेहिसाब लाठियां भांजनी थी, जब इस व्यक्ति ने खुद को बचाने के लिए वहां से भागने की कोशिश की तो पुलिसकर्मी ने उसे दौड़ाकर फिर पकड़ लिया और फिर से लाठियां भांजनी शुरू कर दी।

हद तो तब हो गई जब दूसरा पुलिसकर्मी पीड़ित के बच्चे को उससे छीनने लगा। उस वक्त भी वो शख्स चिल्लाता रहा कि ये बच्चा मेरा है... इसकी मां नहीं है। जिसके बाद आखिरकार पुलिसवालों ने बच्चे के साथ उस शख्स को वहां से जाने दिया। अब इसे अपनी भड़ास निकालने के बाद पुलिस का सुकून कहें या फिर मौके से बन रही वीडियो का डर।

सशक्त कानून व्यवस्था वो है जहां कमजोर से कमजोर व्यक्ति को न्याय मिल सके।

यह नहीं कि न्याय मांगने वालों को न्याय के स्थान पर इस बर्बरता का सामना करना पड़े,यह बहुत कष्टदायक है।भयभीत समाज कानून के राज का उदाहरण नहीं है।

सशक्त कानून व्यवस्था वो है जहां कानून का भय हो,पुलिस का नहीं। pic.twitter.com/xoseGpWzZH

— Varun Gandhi (@varungandhi80) December 10, 2021

खैर... हम जिस घटना का जिक्र कर रहे हैं ये कानपुर देहात के अकबरपुर की है, जहां जिला अस्पताल के पड़ोस में गड्ढ़ा खोदे जाने को लेकर कुछ कर्मचारी विरोध कर रहे थे, उनका कहना था कि धूल-मिट्टी के कारण मरीजों को परेशानी हो रही है। हालांकि यहां के पुलिस अधीक्षक का कुछ और ही कहना है, उनके मुताबिक ‘चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी रजनीश शुक्ल ने 100-200 लोगों के साथ मिलकर अराजकता फैलाई और जिला अस्पताल की ओपीडी को बंद करा दिया... इसी के कारण पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।

घटना का वीडियो सोशल मीडियो पर वायरल होने के बाद चारों तरफ अकबरपुर पुलिस की आलोचना हो रही है, जिसको देखते हुए कानपुर के आईजी प्रशांत कुमार ने भी एक्शन लिए जाने की बात कही है, उन्होंने बताया कि वीडियो में नज़र आ रहे इंस्पेक्टर और एक सिपाही को सस्पेंड कर दिया गया है, इसके आलावा पूरे मामले की डिपार्टमेंटल इन्क्वारी के भी आदेश दे दिए गए हैं।

आईजी ने बताया है कि घटना गुरुवार दोपहर को अकबरपुर के जिला अस्पताल के बाहर की है, मामले की जांच एडीजी जोन कानपुर को दी गई थी, एडीजी जोन कानपुर भानु भास्कर ने इंस्पेक्टर अकबरपुर विनोद मिश्रा को सस्पेंड कर दिया है।

 उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में ये कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी पुलिस अपनी ताकत का प्रदर्शन करती रही है। लेकिन सवाल ये है कि- जिन पुलिसवालों को जनता की सुरक्षा के लिए तैनात किया जाता है, अगर वो ही ऐसी हरकते करेंगे तो वह न्याय कहां मांगेगे?  सवाल ये है कि अगर पुलिस भी इस तरह से बिना सुने लाठियां भांजेगी तो गुंडो में और पुलिस में फर्क कैसे करेंगे? सवाल ये भी है कि पुलिस की आंखो में ऐसी कौन सी पट्टी बंधी हुई है जिसके कारण उन्हें मासूम बच्चे भी नजर नहीं आते?  और सबसे बड़ा सवाल ये कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की बेहतरी का ढिंढोरा पीटते हैं... वो दिखती क्यों नहीं?  या फिर ये वक्तव्य और भाषण सिर्फ एक और चुनावी जुमले के सिवा कुछ भी नहीं।

Uttar pradesh
Kanpur Dehat
UP police
Police brutality
UP viral Video
Yogi Adityanath
yogi government

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

यूपी : आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की साख़ बचेगी या बीजेपी सेंध मारेगी?

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह प्रकरण में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल

ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन

जौनपुर: कालेज प्रबंधक पर प्रोफ़ेसर को जूते से पीटने का आरोप, लीपापोती में जुटी पुलिस

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

उपचुनाव:  6 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में 23 जून को मतदान


बाकी खबरें

  • Tapi
    विवेक शर्मा
    गुजरात: पार-नर्मदा-तापी लिंक प्रोजेक्ट के नाम पर आदिवासियों को उजाड़ने की तैयारी!
    18 May 2022
    गुजरात के आदिवासी समाज के लोग वर्तमान सरकार से जल, जंगल और ज़मीन बचाने की लड़ाई लड़ने को सड़कों पर उतरने को मजबूर हो चुके हैं।
  • श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन मामले को सुनियोजित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर के विवाद में बदला गयाः सीपीएम
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन मामले को सुनियोजित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर के विवाद में बदला गयाः सीपीएम
    18 May 2022
    उत्तर प्रदेश सीपीआई-एम का कहना है कि सभी सेकुलर ताकतों को ऐसी परिस्थिति में खुलकर आरएसएस, भाजपा, विहिप आदि के इस एजेंडे के खिलाफ तथा साथ ही योगी-मोदी सरकार की विफलताओं एवं जन समस्याओं जैसे महंगाई, …
  • buld
    काशिफ़ काकवी
    मध्य प्रदेश : खरगोन हिंसा के एक महीने बाद नीमच में दो समुदायों के बीच टकराव
    18 May 2022
    टकराव की यह घटना तब हुई, जब एक भीड़ ने एक मस्जिद को आग लगा दी, और इससे कुछ घंटे पहले ही कई शताब्दी पुरानी दरगाह की दीवार पर हनुमान की मूर्ति स्थापित कर दी गई थी।
  • russia
    शारिब अहमद खान
    उथल-पुथल: राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता से जूझता विश्व  
    18 May 2022
    चाहे वह रूस-यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध हो या श्रीलंका में चल रहा संकट, पाकिस्तान में चल रही राजनीतिक अस्थिरता हो या फिर अफ्रीकी देशों में हो रहा सैन्य तख़्तापलट, वैश्विक स्तर पर हर ओर अस्थिरता बढ़ती…
  • Aisa
    असद रिज़वी
    लखनऊ: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत के साथ आए कई छात्र संगठन, विवि गेट पर प्रदर्शन
    18 May 2022
    छात्रों ने मांग की है कि प्रोफ़ेसर रविकांत चंदन पर लिखी गई एफ़आईआर को रद्द किया जाये और आरोपी छात्र संगठन एबीवीपी पर क़ानूनी और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाये।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License