NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अंतरराष्ट्रीय
यूएस में हज़ारों लोग सड़कों पर उतरे, डेमोक्रेट्स ने मतदान अधिकारों की रक्षा के लिए बिल पेश किया
मतदान अधिकारों के लिए वाशिंगटन में रैली में लगभग 20,000 लोगों के भाग लेने का अनुमान था वहीं कई अन्य शहरों में रैलियां और प्रदर्शन हुए।
पीपल्स डिस्पैच
01 Sep 2021
ADL

एक तरफ जहां दक्षिणपंथी रिपब्लिकन पार्टी अमेरिका में मतदान करने को रोकने के लिए विभिन्न राज्यों में कानून को आगे बढ़ाया है वहीं डेमोक्रेट ने इसके खिलाफ सीनेट में एक बिल पेश किया है। मतदान के अधिकारों की रक्षा के लिए संघीय कानून की मांग को लेकर अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी और देश भर के कई प्रमुख शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं।

एक आयोजक के अनुमान के अनुसार, 28 अगस्त को वाशिंगटन डीसी में एक रैली में लगभग 20,000 लोगों ने भाग लिया जबकि अटलांटा, फीनिक्स, ह्यूस्टन और मियामी जैसे शहरों में भारी भीड़ जमा हुई।

इन विरोध प्रदर्शनों के आयोजक मांग कर रहे हैं कि अमेरिकी कांग्रेस मतदान के अधिकारों की रक्षा के लिए एक संघीय कानून पारित करे और रिपब्लिकन राज्यों द्वारा मतदान करने को रोकने के लिए हाल ही में पारित राज्य कानूनों को रोके।

रिपब्लिकन सीनेटरों ने पिछले महीने 'फॉर द पीपल एक्ट' को बाधित कर दिया था जो चुनवा-क्षेत्र सीमा परिवर्तन पर प्रतिबंध, संघीय कार्यालयधारकों के लिए नए नैतिकता नियम, वित्त कानून का सुधार अभियान और सभी लोगों के लिए मतपत्र की व्यवस्था में विस्तार करने सहित व्यापक सुधारों को पेश करेगा। डेमोक्रेट इस बिल को फिर से पेश करने की कोशिश कर रहे हैं।

शुक्रवार 27 अगस्त को टेक्सास हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने एक अत्यधिक विवादास्पद विधेयक पारित किया जिसके कारण सत्तारूढ़ रिपब्लिकन और विपक्षी डेमोक्रेट के बीच महीनों का गतिरोध पैदा हो गया। एक बार कानून के रूप में पारित होने के बाद ये बिल समय पूर्व मतदान और सप्ताहांत मतदान के प्रावधानों को सीमित करते हुए मतपत्र ड्रॉप बॉक्स और ड्राइव-थ्रू वोटिंग को हटा देगा।

इस प्रदर्शन के आयोजकों ने यह भी मांग की है कि संघीय सांसद जॉन लुईस वोटिंग राइट्स एडवांसमेंट एक्ट पारित करें जिसका नाम दिवंगत कांग्रेसी और नागरिक अधिकार नेता के नाम पर रखा गया था। ये बिल, जिसे शुरू में फॉर द पीपल एक्ट के हिस्से के रूप में प्रस्तावित किया गया था, 1965 के ऐतिहासिक वोटिंग राइट्स एक्ट को सुदृढ़ करने का प्रयास करता है, और इसे यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स द्वारा दलीय आधार पर पारित किया गया था। रिपब्लिकन ने सीनेट में इस बिल को फाइलबस्टर के माध्यम से रोकने की धमकी दी है जहां डेमोक्रेट के पास विपक्षी फाइलबस्टर से बचकर निकलने के लिए पर्याप्त वोट नहीं हैं।

शनिवार तक 18 राज्यों ने कुल 30 राज्य कानून बनाए हैं जो समयपूर्व मतदान अवधि और मतपेटियों और ड्रॉप बॉक्स तक पहुंच को सीमित कर देंगे, मतपत्र प्राप्ति में की गई महत्वपूर्ण बदलाव को पलट देंगे और श्रमिक वर्ग के मतदाताओं और नस्लीय अल्पसंख्यकों को संभवतः प्रभावित करेंगे।

US
Vote
Democrates
Republicans
States
Bill
Rights

Related Stories

90 दिनों के युद्ध के बाद का क्या हैं यूक्रेन के हालात

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा

यूक्रेन युद्ध से पैदा हुई खाद्य असुरक्षा से बढ़ रही वार्ता की ज़रूरत

यूक्रेन में संघर्ष के चलते यूरोप में राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 

छात्रों के ऋण को रद्द करना नस्लीय न्याय की दरकार है

गर्भपात प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट के लीक हुए ड्राफ़्ट से अमेरिका में आया भूचाल

सातवें साल भी लगातार बढ़ा वैश्विक सैन्य ख़र्च: SIPRI रिपोर्ट

बाइडेन ने फैलाए यूक्रेन की सीमा की ओर अपने पंख

यमन के लिए यूएन का सहायता सम्मेलन अकाल और मौतों की चेतावनियों के बीच अपर्याप्त साबित हुआ

नेपाल ने अमेरिका के MCC अनुदान समझौते को विरोध प्रदर्शनों के बीच दी मान्यता, अब आगे क्या?


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License